चित्रांश परिवारों द्वारा किशनगंज में गुरुवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना धूमधाम के साथ मनाया गया। यमलोक के भगवान यमराज के साथ पाप और पुण्य का लेखा जोखा प्रस्तुत करने वाले भगवान चित्रगुप्त की यह पूजा किशनगंज मुख्यालय के रोलबाग स्थित चित्रगुप्त मंदिर मे कायस्थ समाज के लोगों द्वारा प्रति वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि को मनाते है। कायस्थ समाज के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा के निमित्त कलम दवात की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि कायस्थ समाज के लोग अपनी लेखनी के लिये सदैव से जाने जाते है। जिस कारण समस्त कायस्थ समाज के लोग यह पूजा काफी विधि विधान के साथ करते है।
पूजा के उपरांत सभी लोग भगवान चित्रगुप्त के समक्ष साल भर का लेखा प्रस्तुत करते है। मान्यता है कि साल भर के आय व्यय का लेखा प्रस्तुत करने से भगवान प्रसन्न होते है। साथ ही आय, यश, बल और कृति सदा बढती है। जिला चित्रगुप्त समिति के द्वारा रोलबाग स्थित चित्रगुप्त मंदिर में भव्य पुजा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की गई थी। जिला चित्रगुप्त समिति के अध्यक्ष डाँ.ए.के. सिन्हा ने कहा कि चित्रगुप्त यमराज के यमलोक में न्यायालय के लेखक हैं। ब्रह्मा की काया से उत्पन्न होने के कारण इन्हें कायस्थ भी कहा जाता है। गरूड़ पुराण में यमलोक के निकट ही चित्रलोक की स्थिति बताई गई है। कायस्थ समाज के लोग भाईदूज के दिन चित्रगुप्त पुजा करते हैं। बताया गया कि यह वह दिन है, जब भगवान श्री चित्रगुप्त का उद्भव ब्रह्माजी के द्वारा हुआ था। वहीं कायस्थ परिवारों ने भगवान चित्रगुप्त की पूजा कर सुख समृद्धि तथा ऐश्वर्य की कामना भगवान चित्रगुप्त से की। इस दौरान सचिव दीपक श्रीवास्तव, मनोज सिन्हा, अरविंद श्रीवास्तव, संजय सिन्हा, कुमार मंगलम, गोविंद, गौरव सिन्हा, संजय कुमार श्रीवास्तव, आशीष कुमार सिन्हा उर्फ अप्पू , डॉक्टर मुघुरेन्दु प्रसाद आदि मौजूद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
चित्रांश परिवारों द्वारा किशनगंज में गुरुवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना धूमधाम के साथ मनाया गया। यमलोक के भगवान यमराज के साथ पाप और पुण्य का लेखा जोखा प्रस्तुत करने वाले भगवान चित्रगुप्त की यह पूजा किशनगंज मुख्यालय के रोलबाग स्थित चित्रगुप्त मंदिर मे कायस्थ समाज के लोगों द्वारा प्रति वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि को मनाते है। कायस्थ समाज के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा के निमित्त कलम दवात की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि कायस्थ समाज के लोग अपनी लेखनी के लिये सदैव से जाने जाते है। जिस कारण समस्त कायस्थ समाज के लोग यह पूजा काफी विधि विधान के साथ करते है।
पूजा के उपरांत सभी लोग भगवान चित्रगुप्त के समक्ष साल भर का लेखा प्रस्तुत करते है। मान्यता है कि साल भर के आय व्यय का लेखा प्रस्तुत करने से भगवान प्रसन्न होते है। साथ ही आय, यश, बल और कृति सदा बढती है। जिला चित्रगुप्त समिति के द्वारा रोलबाग स्थित चित्रगुप्त मंदिर में भव्य पुजा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की गई थी। जिला चित्रगुप्त समिति के अध्यक्ष डाँ.ए.के. सिन्हा ने कहा कि चित्रगुप्त यमराज के यमलोक में न्यायालय के लेखक हैं। ब्रह्मा की काया से उत्पन्न होने के कारण इन्हें कायस्थ भी कहा जाता है। गरूड़ पुराण में यमलोक के निकट ही चित्रलोक की स्थिति बताई गई है। कायस्थ समाज के लोग भाईदूज के दिन चित्रगुप्त पुजा करते हैं। बताया गया कि यह वह दिन है, जब भगवान श्री चित्रगुप्त का उद्भव ब्रह्माजी के द्वारा हुआ था। वहीं कायस्थ परिवारों ने भगवान चित्रगुप्त की पूजा कर सुख समृद्धि तथा ऐश्वर्य की कामना भगवान चित्रगुप्त से की। इस दौरान सचिव दीपक श्रीवास्तव, मनोज सिन्हा, अरविंद श्रीवास्तव, संजय सिन्हा, कुमार मंगलम, गोविंद, गौरव सिन्हा, संजय कुमार श्रीवास्तव, आशीष कुमार सिन्हा उर्फ अप्पू , डॉक्टर मुघुरेन्दु प्रसाद आदि मौजूद थे।
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