किशनगंज शहर की साफ-सफाई की व्यवस्था एनजीओ के हवाले है। किशनगंज शहर में 34 वार्ड है जिसकी साफ-सफाई पर प्रतिमाह 21 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। सफाई व्यवस्था भी फिलहाल दुरुस्त है। डोर टू डोर कचड़ा का उठाव हो रहा है।
हालांकि कहीं-कहीं सिर्फ मुख्य सड़कों व गली मुहल्ले की सड़क किनारे रखे कूड़ेदान की साफ सफाई की जाती है। कुछ मुहल्ले के अंदर से कचड़ों का उठाव नहीं किया जाता है।
शहर के कचड़ा को उठाकर मोतीबाग स्तिथ डंपिंग जोन में जमा किया जाता है। जिससे आसपास के इलाके में दुर्गंध की समस्या बनी रहती है। शहर में कचरा प्रबंधन के लिए जिला मुख्यालय से सटे महेशबथना में प्रोसेसिंग प्लांट बनाने की योजना थी। जो अब अधर में लटक गया है। नगर परिषद द्वारा अपने स्तर से प्रोसेसिंग प्लांट के लिए प्रयास तो शुरु किया गया था। लेकिन नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 24 जून को जारी पत्र में स्थानीय स्तर से इसके काम पर रोक लगा दिए जाने के कारण अब अधर में लटक गया।
नगर परिषद क्षेत्र में 34 वार्ड हैं। 34 वार्ड की साफ-सफाई के लिए 220 सफाईकर्मी हैं। इनमें 16 सफाईकर्मी नियमित हैं। बांकी सफाईकर्मी दैनिक वेतन भोगी हैं। प्रतिदिन नगर परिषद क्षेत्र में 25 से 30 टेलर यानि 5 से 6 टन कचरे का उठाव होता है। प्रतिदिन कचरा उठाव होने से बीमारी फैलने की संभवना कम होती है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज शहर की साफ-सफाई की व्यवस्था एनजीओ के हवाले है। किशनगंज शहर में 34 वार्ड है जिसकी साफ-सफाई पर प्रतिमाह 21 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। सफाई व्यवस्था भी फिलहाल दुरुस्त है। डोर टू डोर कचड़ा का उठाव हो रहा है।
हालांकि कहीं-कहीं सिर्फ मुख्य सड़कों व गली मुहल्ले की सड़क किनारे रखे कूड़ेदान की साफ सफाई की जाती है। कुछ मुहल्ले के अंदर से कचड़ों का उठाव नहीं किया जाता है।
शहर के कचड़ा को उठाकर मोतीबाग स्तिथ डंपिंग जोन में जमा किया जाता है। जिससे आसपास के इलाके में दुर्गंध की समस्या बनी रहती है। शहर में कचरा प्रबंधन के लिए जिला मुख्यालय से सटे महेशबथना में प्रोसेसिंग प्लांट बनाने की योजना थी। जो अब अधर में लटक गया है। नगर परिषद द्वारा अपने स्तर से प्रोसेसिंग प्लांट के लिए प्रयास तो शुरु किया गया था। लेकिन नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 24 जून को जारी पत्र में स्थानीय स्तर से इसके काम पर रोक लगा दिए जाने के कारण अब अधर में लटक गया।
नगर परिषद क्षेत्र में 34 वार्ड हैं। 34 वार्ड की साफ-सफाई के लिए 220 सफाईकर्मी हैं। इनमें 16 सफाईकर्मी नियमित हैं। बांकी सफाईकर्मी दैनिक वेतन भोगी हैं। प्रतिदिन नगर परिषद क्षेत्र में 25 से 30 टेलर यानि 5 से 6 टन कचरे का उठाव होता है। प्रतिदिन कचरा उठाव होने से बीमारी फैलने की संभवना कम होती है।
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