शनिवार को जिलाधिकारी वेश्म में बाल संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा दिव्यांगजन, महिला हेल्प लाईन, बुनियाद केन्द्र, श्रम, (बाल गृह, बालिका गृह, सुरक्षित स्थल के प्रभारी) के साथ संयुक्त बैठक एवम् आईसीडीएस कार्यो की समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक के दौरान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जया मिश्रा ने बताया कि विश्व में नवजात शिशुओं से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण एवं शैक्षणिक सेवाओं को लेकर संचालित अनूठे कार्यक्रमों में से एक है। स्वास्थ्य जांच के अंतर्गत छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी, प्रसव-पूर्व देखरेख और धात्री माताओं की प्रसव के बाद देखरेख आदि शामिल हैं। जिलाधिकारी तुषार सिंगला की अध्यक्षता में उनके कार्यालय वेश्म में आयोजित समीक्षा बैठक में यह बातें कही गई। बच्चों के कुपोषण जांच, प्री स्कूलिंग, पोषाहार वितरण हेतु नियमानुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी तुषार सिंगला के द्वारा सेविका व सहायिका चयन एवं क्रियाशील आंगनबाड़ी केंद्रों की अद्यतन स्थिति, टोकन प्रणाली से पोषाहार व टीएचआर वितरण की अद्यतन स्थिति, होम विजिट के माध्यम से आंगनबाड़ी क्षेत्र का निरीक्षण, केंद्र का निर्माण प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, पोषण अभियान की समीक्षा की गई। जिसमे बताया गया माह अक्टूबर में आंगनवाडी सेविका सहायिका के हड़ताल में रहने के कारण कार्य बाधित हुआ है, इसके उपरांत निर्देश दिया गया कि आईसीडीएस द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का क्रियान्वयन एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन गृह भ्रमण के माध्यम से 100 प्रतिशत सुनिश्चित करने एवं योजनाओं का लाभ लाभुकों तक अनिवार्य रूप से पहुंचे, इसकी पूर्ण जिम्मेवारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका एवं संबंधित सेविका की होगी। प्रत्येक माह टी०एच०आर०/पोषाहार वितरण हेतु निर्धारित तिथि से पूर्व व ससमय राशि की निकासी कोषागार से करना सुनिश्चित करेंगे ताकि विभाग द्वारा निर्धारित तिथि में होम विजिट के माध्यम से टी०एच०आर०/ पोषाहार का लाभ लाभुकों को उपलब्ध कराया जा सके। सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के कुपोषण जांच,प्री स्कूलिंग,पोषाहार वितरण हेतु नियमानुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया। कन्या उत्थान योजना का लाभ अधिक से अधिक परिवार को दिलवाने हेतु मोबलाइज करने का निर्देश दिया गया।डीपीओ जया मिश्रा ने सख़्त निर्देश दिया कि जन कल्याण की योजनाओ का लाभ पात्र लोगों को दिलवाने में शिथिलता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायगी। वहीं जिलाधिकारी के द्वारा आगनबाड़ी केंद्र का भवन हेतु भूमि का चयन, निर्माण की स्थिति से अस्म्बंधित योजना का प्रखंडवार डाटा बनाने का निदेश दिया गया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा बेटी को बढ़ा सके। महिला सशक्तिकरण कार्यालय के तहत अतिपिछड़ा वर्ग के द्वारा वृक्षारोपण किया गया तथा नुक्कड़ नाटक, महिला चौपाल के द्वारा जागरुक किया गया। डीएम के द्वारा ऐसी महिला जो पहली बार गर्भवती वही हुई, उसका डाटा लेने का निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना- इसमें दो लड़की होने पर प्रत्येक को 2000 की प्रोत्साहन राशि जो की इस वर्ष स अबतक भी प्रखंड में कुल 3018 को दी गई है। पीएम मातृवंदना योजना इसमें पहली बार गर्भवती होने प्रोत्साहन राशि दी जाती है सभी प्रखंड में कुल 4249 को योजना का लाभ दिया गया है। बैठक में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों में बच्ची जन्म हुई दोनों का डाटा तैयार करने का निर्देश दिया गया। सभी प्राइवेट अस्पताल जहाँ बच्चे का जन्म होते है, वहाँ बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बनता है वहाँ पर बर्थ सर्टिफिकेट बनाने का निदेश दिया गया। सीएम कन्या उत्थान में सूबे में नौवे स्थान पर है। सरकार द्वारा उपलब्ध कराइ गयी राशि का शत प्रतिशत एवं ससमय भुगतान करने का निदेश दिया गया। ऑगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता की स्थिति में स्वीकृत केन्द्रो की संख्या – 1890, कार्यरत केन्द्र – 1857. पूर्ण रूप से निर्मित केन्द्रों की संख्या – 847, निर्माणधीन – 220, किराया -763 हैं। ऑगनबाड़ी केन्द्र मरमती हेतु लिस्ट बनाने का निर्देश दिया गया। बैठक में शिक्षा विभाग के निदेशानुसार सभी आँगनबाड़ी को निकटतम विद्यालय में स्थानान्तरण करने का निदेश दिया गया। सभी आँगनबाड़ी केंद्र को प्रखंड स्तर पर मूल्यांकन एवं समीक्षा करने का निर्देश दिया गया। मातृत्व वंदना योजना के ज़िला कार्यक्रम समन्वयक शाहबाज आलम ने बताया मातृत्व वंदना योजना में लक्ष्य के आलोक शतप्रतिशत आवेदन लेने की बात की गई है वही सूबे में जिला योजना में दसवे स्थान पर है वही डीपीओ ने बताया कि गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल तथा संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना होता है। महिलाओं को पहले छह महीने तक के लिए स्तनपान के साथ-साथ पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना एवं गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर तरीक़े से स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है। उक्त बैठक में बाल संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा दिव्यांगजन, महिला हेल्प लाईन, बुनियाद केन्द्र, श्रम, (बाल गृह, बालिका गृह व सुरक्षित स्थल के प्रभारी) एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जया मिश्रा, ज़िला कार्यक्रम समन्वयक शाहबाज आलम, जिले के सभी प्रखंडों की सीडीपीओ सहित अन्य मौजूद हुए।
सारस न्यूज, किशनगंज।
शनिवार को जिलाधिकारी वेश्म में बाल संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा दिव्यांगजन, महिला हेल्प लाईन, बुनियाद केन्द्र, श्रम, (बाल गृह, बालिका गृह, सुरक्षित स्थल के प्रभारी) के साथ संयुक्त बैठक एवम् आईसीडीएस कार्यो की समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक के दौरान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जया मिश्रा ने बताया कि विश्व में नवजात शिशुओं से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण एवं शैक्षणिक सेवाओं को लेकर संचालित अनूठे कार्यक्रमों में से एक है। स्वास्थ्य जांच के अंतर्गत छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी, प्रसव-पूर्व देखरेख और धात्री माताओं की प्रसव के बाद देखरेख आदि शामिल हैं। जिलाधिकारी तुषार सिंगला की अध्यक्षता में उनके कार्यालय वेश्म में आयोजित समीक्षा बैठक में यह बातें कही गई। बच्चों के कुपोषण जांच, प्री स्कूलिंग, पोषाहार वितरण हेतु नियमानुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी तुषार सिंगला के द्वारा सेविका व सहायिका चयन एवं क्रियाशील आंगनबाड़ी केंद्रों की अद्यतन स्थिति, टोकन प्रणाली से पोषाहार व टीएचआर वितरण की अद्यतन स्थिति, होम विजिट के माध्यम से आंगनबाड़ी क्षेत्र का निरीक्षण, केंद्र का निर्माण प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, पोषण अभियान की समीक्षा की गई। जिसमे बताया गया माह अक्टूबर में आंगनवाडी सेविका सहायिका के हड़ताल में रहने के कारण कार्य बाधित हुआ है, इसके उपरांत निर्देश दिया गया कि आईसीडीएस द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का क्रियान्वयन एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन गृह भ्रमण के माध्यम से 100 प्रतिशत सुनिश्चित करने एवं योजनाओं का लाभ लाभुकों तक अनिवार्य रूप से पहुंचे, इसकी पूर्ण जिम्मेवारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका एवं संबंधित सेविका की होगी। प्रत्येक माह टी०एच०आर०/पोषाहार वितरण हेतु निर्धारित तिथि से पूर्व व ससमय राशि की निकासी कोषागार से करना सुनिश्चित करेंगे ताकि विभाग द्वारा निर्धारित तिथि में होम विजिट के माध्यम से टी०एच०आर०/ पोषाहार का लाभ लाभुकों को उपलब्ध कराया जा सके। सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के कुपोषण जांच,प्री स्कूलिंग,पोषाहार वितरण हेतु नियमानुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया। कन्या उत्थान योजना का लाभ अधिक से अधिक परिवार को दिलवाने हेतु मोबलाइज करने का निर्देश दिया गया।डीपीओ जया मिश्रा ने सख़्त निर्देश दिया कि जन कल्याण की योजनाओ का लाभ पात्र लोगों को दिलवाने में शिथिलता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायगी। वहीं जिलाधिकारी के द्वारा आगनबाड़ी केंद्र का भवन हेतु भूमि का चयन, निर्माण की स्थिति से अस्म्बंधित योजना का प्रखंडवार डाटा बनाने का निदेश दिया गया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा बेटी को बढ़ा सके। महिला सशक्तिकरण कार्यालय के तहत अतिपिछड़ा वर्ग के द्वारा वृक्षारोपण किया गया तथा नुक्कड़ नाटक, महिला चौपाल के द्वारा जागरुक किया गया। डीएम के द्वारा ऐसी महिला जो पहली बार गर्भवती वही हुई, उसका डाटा लेने का निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना- इसमें दो लड़की होने पर प्रत्येक को 2000 की प्रोत्साहन राशि जो की इस वर्ष स अबतक भी प्रखंड में कुल 3018 को दी गई है। पीएम मातृवंदना योजना इसमें पहली बार गर्भवती होने प्रोत्साहन राशि दी जाती है सभी प्रखंड में कुल 4249 को योजना का लाभ दिया गया है। बैठक में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों में बच्ची जन्म हुई दोनों का डाटा तैयार करने का निर्देश दिया गया। सभी प्राइवेट अस्पताल जहाँ बच्चे का जन्म होते है, वहाँ बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बनता है वहाँ पर बर्थ सर्टिफिकेट बनाने का निदेश दिया गया। सीएम कन्या उत्थान में सूबे में नौवे स्थान पर है। सरकार द्वारा उपलब्ध कराइ गयी राशि का शत प्रतिशत एवं ससमय भुगतान करने का निदेश दिया गया। ऑगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता की स्थिति में स्वीकृत केन्द्रो की संख्या – 1890, कार्यरत केन्द्र – 1857. पूर्ण रूप से निर्मित केन्द्रों की संख्या – 847, निर्माणधीन – 220, किराया -763 हैं। ऑगनबाड़ी केन्द्र मरमती हेतु लिस्ट बनाने का निर्देश दिया गया। बैठक में शिक्षा विभाग के निदेशानुसार सभी आँगनबाड़ी को निकटतम विद्यालय में स्थानान्तरण करने का निदेश दिया गया। सभी आँगनबाड़ी केंद्र को प्रखंड स्तर पर मूल्यांकन एवं समीक्षा करने का निर्देश दिया गया। मातृत्व वंदना योजना के ज़िला कार्यक्रम समन्वयक शाहबाज आलम ने बताया मातृत्व वंदना योजना में लक्ष्य के आलोक शतप्रतिशत आवेदन लेने की बात की गई है वही सूबे में जिला योजना में दसवे स्थान पर है वही डीपीओ ने बताया कि गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल तथा संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना होता है। महिलाओं को पहले छह महीने तक के लिए स्तनपान के साथ-साथ पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना एवं गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर तरीक़े से स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है। उक्त बैठक में बाल संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा दिव्यांगजन, महिला हेल्प लाईन, बुनियाद केन्द्र, श्रम, (बाल गृह, बालिका गृह व सुरक्षित स्थल के प्रभारी) एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जया मिश्रा, ज़िला कार्यक्रम समन्वयक शाहबाज आलम, जिले के सभी प्रखंडों की सीडीपीओ सहित अन्य मौजूद हुए।
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