पोठिया सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में स्थापित माँ दुर्गा की प्रतिमा की 11वीं वार्षिक उत्सव मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी। पूजा समिति के अध्यक्ष जोती रजक ने बताया कि हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी बोल बम काँवरिया संघ पूजा समिति पोठिया 2023 के द्वारा सार्वजनिक रूप से माँ की वार्षिक उत्सव मनाई गयी।मंगलवार सुबह वेदिक मन्त्रोच्चारण कर माँ का स्नान, वस्त्र, व पुष्प वर्षा के साथ पंडित अभय झा, चन्दन झा के द्वारा विधि-विधान के साथ पूजन करवाया गया।वहीं पूजन के पश्चात मन्दिर प्रांगण में महिला श्रद्धालुओं के द्वारा पारम्परिक रूप से संगीत गाया गया।
इसके पश्चात गुलाब पुष्प से पुष्प वर्षा की गयी। वहीं पूजा समिति द्वारा श्रद्धालुओं के बीच महाभोग के रूप में खीर व खिचड़ी प्रसाद का वितरण श्रद्धाभाव से किया गया। सार्वजनिक दुर्गा मंदिर के पुजारी अभय झा ने बताया कि हर वर्ष माघ माह के शुक्लपक्ष एकादशी तिथि को विधि-विधान व मन्त्रोच्चारण कर माँ का वार्षिक उतश्व मनाया जाता है। इस उतश्व मे भाग लेने हेतु बिहार, बंगाल, सहित पड़ोसी देश नेपाल के श्रद्धालु मन्दिर पहुंच पूजा अर्चना करतें हैं। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नतें माँगतें हैं, उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होतीं हैं, वहीं इस अनुष्ठान को सफल बनाने में प्रिंस साह, शुभम महतो, कुँवर साह, प्रीतम साह, अंकु, मंजेश कुमार, सहित दर्जनों युवाओं की अहम भूमिका रहीं।
सारस न्यूज, किशनगंज।
पोठिया सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में स्थापित माँ दुर्गा की प्रतिमा की 11वीं वार्षिक उत्सव मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी। पूजा समिति के अध्यक्ष जोती रजक ने बताया कि हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी बोल बम काँवरिया संघ पूजा समिति पोठिया 2023 के द्वारा सार्वजनिक रूप से माँ की वार्षिक उत्सव मनाई गयी।मंगलवार सुबह वेदिक मन्त्रोच्चारण कर माँ का स्नान, वस्त्र, व पुष्प वर्षा के साथ पंडित अभय झा, चन्दन झा के द्वारा विधि-विधान के साथ पूजन करवाया गया।वहीं पूजन के पश्चात मन्दिर प्रांगण में महिला श्रद्धालुओं के द्वारा पारम्परिक रूप से संगीत गाया गया।
इसके पश्चात गुलाब पुष्प से पुष्प वर्षा की गयी। वहीं पूजा समिति द्वारा श्रद्धालुओं के बीच महाभोग के रूप में खीर व खिचड़ी प्रसाद का वितरण श्रद्धाभाव से किया गया। सार्वजनिक दुर्गा मंदिर के पुजारी अभय झा ने बताया कि हर वर्ष माघ माह के शुक्लपक्ष एकादशी तिथि को विधि-विधान व मन्त्रोच्चारण कर माँ का वार्षिक उतश्व मनाया जाता है। इस उतश्व मे भाग लेने हेतु बिहार, बंगाल, सहित पड़ोसी देश नेपाल के श्रद्धालु मन्दिर पहुंच पूजा अर्चना करतें हैं। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नतें माँगतें हैं, उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होतीं हैं, वहीं इस अनुष्ठान को सफल बनाने में प्रिंस साह, शुभम महतो, कुँवर साह, प्रीतम साह, अंकु, मंजेश कुमार, सहित दर्जनों युवाओं की अहम भूमिका रहीं।
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