महानंदा नदी पर प्रस्तावित बांध निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। अगले सप्ताह जमीन अधिग्रहण की जानेवाली जमीन के स्वरुप का आकलन छह सदस्यीय टीम करेगी। टीम का गठन जिला प्रशासन ने किया है। बांध 98 किलोमीटर लंबी होगी। आकलन के बाद भूमि का दर तय कर रैयतों को नोटिस तामिला करवाया जाएगा। फरवरी 2022 में महानंदा बेसिन योजना फेज टू के तहत दोनों ओर तटबन्ध निर्माण के लिए कटिहार एवं सालमारी डिवीजन के द्वारा निविदा निकाली गई थी। कटिहार डिवीजन के द्वारा किशनगंज जिले के आठ मौजा एवं सालमारी डिवीजन के द्वारा 12 मौजा में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। आठ मौजा में 83.45 एकड़ एवं 12 मौजा में 194.58 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। तटबन्ध निर्माण का कार्य 33 महीने में पूर्ण किये जाने का एकरारनामा किया गया है। पिछले वर्ष भी प्रखंड के दौला पंचायत में महानंदा नदी अपनी मूल धारा बदलकर बहने लगी थी। जिसे अबतक मूल धारा में नहीं लाया जा सका है। अचानक नदी के मुड़ जाने से इलाके में भारी तवाही मची थी। जल्द शुरू होगी प्रक्रिया :
जिला भूअर्जन पदाधिकारी संदीप कुमार ने कहा कि जल्द ही भूअर्जन की प्रक्रिया शुरू होगी। भूमि का आकलन कर संबंधित विभाग को एस्टीमेट सौंप दिया जाएगा। फिर राशि का आवंटन होते ही अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दिया जाएगा।
दो प्रखंड के 20 मौजा होकर गुजरेगी तटबंध महानन्दा बेसिन योजना के तहत महानंदा नदी के दोनों ओर बनने वाली तटबन्ध दो प्रखंडों के 20 मौजा होकर गुजरेगी। कटिहार डिवीजन द्वारा बायीं ओर एवं सालमारी डिवीजन द्वारा नदी के दायीं ओर तटबन्ध निर्माण करवाया जाएगा। तटबन्ध कोचाधामन प्रखण्ड के बस्ताकोला, बगलबाड़ी, सिंघिया चकन्द्रा, चरैया, डहुआ, वारहमसिया, बस्ताकोला टू, एवं कुट्टी मौजा तक तटबन्ध का निर्माण होना है। किशनगंज प्रखण्ड के मोहहमदपुर, भगाल,कठलिया, जन्मजय, बस्ताडांगी, फुलबाड़ी, बलिया, लालबाड़ी, कपडबन्धा, बरारो, पिछला एवं बसंतपुर मौजा तक तटबन्ध का निर्माण होगा।
जिले में कई नदियां, तटबन्ध किसी पर नहीं जिले में कनकई, मेची, डोंक, रतुआ, महानंदा सहित कई नदियां हैं। लेकिन तटबन्ध किसी भी नदी पर नहीं है। जिससे बरसात में नदियों में उफान आने के बाद नदी का पानी पेटी से निकलकर आसपास के इलाकों में फैलकर जनजीवन सहित कृषि योग्य भूमि व उसमें लगे फसलों को भी प्रभावित करती है। तटबन्ध नहीं रहने के कारण जिले में हजारों परिवार हर वर्ष प्रभावित होते हैं। दौला पंचायत के तीन सौ से अधिक परिवार विस्थापित होकर अब सड़क को ही आशियाना बना लिया है। पिछले वर्ष नदियों का रौद्र रूप देख अब विस्थापित परिवार दोबारा खतरा मोल लेना नहीं चाहते हैं।
छह सदस्यीय टीम आकलन करेगी जमीन का स्वरूप महानन्दा नदी पर तटबन्ध निर्माण को लेकर भूअधिग्रहण से पूर्व छह सदस्यीय टीम भूमि के स्वरूप का आकलन कर यह अवलोकन करेगी कि कौन सी भूमि कृषि, व्यवसायिक या फिर आवासीय है। एडीएम की अध्यक्षता में डीडीसी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, दोनों डिवीजन के कार्यपालक अभियंता जल निस्सरण एवं संबंधित सीओ टीम में शामिल हैं।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
महानंदा नदी पर प्रस्तावित बांध निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। अगले सप्ताह जमीन अधिग्रहण की जानेवाली जमीन के स्वरुप का आकलन छह सदस्यीय टीम करेगी। टीम का गठन जिला प्रशासन ने किया है। बांध 98 किलोमीटर लंबी होगी। आकलन के बाद भूमि का दर तय कर रैयतों को नोटिस तामिला करवाया जाएगा। फरवरी 2022 में महानंदा बेसिन योजना फेज टू के तहत दोनों ओर तटबन्ध निर्माण के लिए कटिहार एवं सालमारी डिवीजन के द्वारा निविदा निकाली गई थी। कटिहार डिवीजन के द्वारा किशनगंज जिले के आठ मौजा एवं सालमारी डिवीजन के द्वारा 12 मौजा में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। आठ मौजा में 83.45 एकड़ एवं 12 मौजा में 194.58 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। तटबन्ध निर्माण का कार्य 33 महीने में पूर्ण किये जाने का एकरारनामा किया गया है। पिछले वर्ष भी प्रखंड के दौला पंचायत में महानंदा नदी अपनी मूल धारा बदलकर बहने लगी थी। जिसे अबतक मूल धारा में नहीं लाया जा सका है। अचानक नदी के मुड़ जाने से इलाके में भारी तवाही मची थी। जल्द शुरू होगी प्रक्रिया :
जिला भूअर्जन पदाधिकारी संदीप कुमार ने कहा कि जल्द ही भूअर्जन की प्रक्रिया शुरू होगी। भूमि का आकलन कर संबंधित विभाग को एस्टीमेट सौंप दिया जाएगा। फिर राशि का आवंटन होते ही अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दिया जाएगा।
दो प्रखंड के 20 मौजा होकर गुजरेगी तटबंध महानन्दा बेसिन योजना के तहत महानंदा नदी के दोनों ओर बनने वाली तटबन्ध दो प्रखंडों के 20 मौजा होकर गुजरेगी। कटिहार डिवीजन द्वारा बायीं ओर एवं सालमारी डिवीजन द्वारा नदी के दायीं ओर तटबन्ध निर्माण करवाया जाएगा। तटबन्ध कोचाधामन प्रखण्ड के बस्ताकोला, बगलबाड़ी, सिंघिया चकन्द्रा, चरैया, डहुआ, वारहमसिया, बस्ताकोला टू, एवं कुट्टी मौजा तक तटबन्ध का निर्माण होना है। किशनगंज प्रखण्ड के मोहहमदपुर, भगाल,कठलिया, जन्मजय, बस्ताडांगी, फुलबाड़ी, बलिया, लालबाड़ी, कपडबन्धा, बरारो, पिछला एवं बसंतपुर मौजा तक तटबन्ध का निर्माण होगा।
जिले में कई नदियां, तटबन्ध किसी पर नहीं जिले में कनकई, मेची, डोंक, रतुआ, महानंदा सहित कई नदियां हैं। लेकिन तटबन्ध किसी भी नदी पर नहीं है। जिससे बरसात में नदियों में उफान आने के बाद नदी का पानी पेटी से निकलकर आसपास के इलाकों में फैलकर जनजीवन सहित कृषि योग्य भूमि व उसमें लगे फसलों को भी प्रभावित करती है। तटबन्ध नहीं रहने के कारण जिले में हजारों परिवार हर वर्ष प्रभावित होते हैं। दौला पंचायत के तीन सौ से अधिक परिवार विस्थापित होकर अब सड़क को ही आशियाना बना लिया है। पिछले वर्ष नदियों का रौद्र रूप देख अब विस्थापित परिवार दोबारा खतरा मोल लेना नहीं चाहते हैं।
छह सदस्यीय टीम आकलन करेगी जमीन का स्वरूप महानन्दा नदी पर तटबन्ध निर्माण को लेकर भूअधिग्रहण से पूर्व छह सदस्यीय टीम भूमि के स्वरूप का आकलन कर यह अवलोकन करेगी कि कौन सी भूमि कृषि, व्यवसायिक या फिर आवासीय है। एडीएम की अध्यक्षता में डीडीसी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, दोनों डिवीजन के कार्यपालक अभियंता जल निस्सरण एवं संबंधित सीओ टीम में शामिल हैं।
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