टेढ़ागाछ प्रखंड के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के उद्देश्य से दो दशक पूर्व सरकार के लघु सिचाई विभाग की ओर से प्रखंड के विभिन्न जगहों में लगाए गए अधिकांश नलकूप (स्टेट बोरिग) बंद पड़ा है। जबकि कई नलकूपों को अब तक बिजली से भी नहीं जोड़ा गया है। नलकूपों के बंद रहने से किसानों में मायूसी है। कृषक इम्तियाज़ जावेद, आफाक आलम, जसीम अख्तर, उमेश यादव, इसारुल हक, नजमुद्दीन, शमशाद आलम, शाहनवाज आलम आदि का कहना है कि किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से लगाए गए नलकूप विभिन्न कारणों से बंद एवं बेकार पड़ा है। किसानों को खेतों की पटवन डीजल पंपसेट के सहारे ही करना पड़ रहा है। जिससे खेती किसानी में लागत बढ़ जाती है। इस संबंध में बीडीओ गन्नौर पासवान ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार नलकूपों के देखरेख व रख रखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंपी गई है। वहीं विभिन्न पंचायतों के मुखिया का कहना है कि विभाग की ओर से मिले आवंटन के अनुसार नलकूपों की मरम्मती की गई है।
टेढ़ागाछ में कहां-कहां है नलकूप : कमाती, लौधाबाड़ी में सरकारी बोरिग यानी नलकूप लगाए गए हैं। जिसमें अधिकांश बंद पड़े हैं।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज़, किशनगंज।
टेढ़ागाछ प्रखंड के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के उद्देश्य से दो दशक पूर्व सरकार के लघु सिचाई विभाग की ओर से प्रखंड के विभिन्न जगहों में लगाए गए अधिकांश नलकूप (स्टेट बोरिग) बंद पड़ा है। जबकि कई नलकूपों को अब तक बिजली से भी नहीं जोड़ा गया है। नलकूपों के बंद रहने से किसानों में मायूसी है। कृषक इम्तियाज़ जावेद, आफाक आलम, जसीम अख्तर, उमेश यादव, इसारुल हक, नजमुद्दीन, शमशाद आलम, शाहनवाज आलम आदि का कहना है कि किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से लगाए गए नलकूप विभिन्न कारणों से बंद एवं बेकार पड़ा है। किसानों को खेतों की पटवन डीजल पंपसेट के सहारे ही करना पड़ रहा है। जिससे खेती किसानी में लागत बढ़ जाती है। इस संबंध में बीडीओ गन्नौर पासवान ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार नलकूपों के देखरेख व रख रखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंपी गई है। वहीं विभिन्न पंचायतों के मुखिया का कहना है कि विभाग की ओर से मिले आवंटन के अनुसार नलकूपों की मरम्मती की गई है।
टेढ़ागाछ में कहां-कहां है नलकूप : कमाती, लौधाबाड़ी में सरकारी बोरिग यानी नलकूप लगाए गए हैं। जिसमें अधिकांश बंद पड़े हैं।
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