जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में 10 अगस्त से चल रहे सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आशा और आशा फैसिलीटेटर को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फाइलेरिया, डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने सभी एमडीए संचालित 13 जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निर्धारित मानकों के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने वाले प्रत्येक जिले से एक आशा, एक आशा फैसिलीटेटर और एक प्रखंड का चयन किया जाएगा।
निर्देशों के अनुसार, उन पंचायतों का चयन किया जाएगा जिन्होंने निर्धारित मानकों के अनुसार लक्ष्य प्राप्त किया है। चयन में उन प्रखंडों को प्राथमिकता दी जाएगी जहाँ दवा सेवन की उच्चतम दर रही है, पंचायत प्रतिनिधियों ने सक्रिय सहयोग किया है, शिक्षा विभाग के साथ अच्छा समन्वय स्थापित किया गया है, जीविका कर्मियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है, धार्मिक गुरुओं ने समुदाय को अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है, और जहां ससमय और गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग की गई है।
विद्यालयों में फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का वितरण: स्वस्थ भविष्य के लिए एक अनिवार्य कदम
27 से 29 अगस्त तक फाइलेरिया रोधी दवा के वितरण के लिए विशेष बूथ लगाए जा रहे हैं। बूथों पर रैपिड रिस्पांस टीम का नंबर और इमरजेंसी किट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इमरजेंसी किट में उल्टी, चक्कर की दवा और ओआरएस के पैकेट शामिल हैं। दवा खिलाते समय यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बच्चे खाली पेट न हों और सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध हो।
फाइलेरिया: क्या है यह बीमारी और क्यों है खतरनाक
फाइलेरिया, जिसे आमतौर पर हाथीपांव भी कहा जाता है, एक परजीवी संक्रमण है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। यह बीमारी शरीर के लिम्फैटिक तंत्र को प्रभावित करती है, जिससे प्रभावित अंगों में सूजन और विकलांगता हो सकती है। फाइलेरिया के कारण हाथ, पैर, और अन्य अंगों में स्थायी विकृति हो सकती है, जिससे व्यक्ति का जीवन कठिन और दर्दनाक हो जाता है। विशेष रूप से बच्चों के लिए, यह बीमारी उनके शारीरिक और मानसिक विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
सर्वजन दवा सेवन अभियान: फाइलेरिया से बचाव के लिए एक प्रभावी पहल
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू किया गया यह अभियान फाइलेरिया की रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ठाकुरगंज प्रखंड के सभी विद्यालयों में विशेष बूथ लगाए गए हैं, जहां प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी बच्चों को सुरक्षित और सही मात्रा में दवा प्रदान कर रहे हैं। यह दवा फाइलेरिया के परजीवी को नष्ट करने में सक्षम है और इसके सेवन से बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है।
दवा का महत्व: क्यों है यह अनिवार्य?
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए यह दवा अत्यधिक प्रभावी मानी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, फाइलेरिया का संक्रमण एक बार हो जाने पर इसे पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, इस बीमारी को रोकने के लिए समय पर दवा का सेवन आवश्यक है। यह दवा बच्चों के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, जिससे वे फाइलेरिया के संक्रमण से सुरक्षित रहते हैं।
अभिभावकों के लिए अपील: अपने बच्चों को सुरक्षित करें
डॉ. मंजर आलम ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे इस अभियान को गंभीरता से लें और सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे इस दवा का सेवन अवश्य करें। यह दवा न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि यह उन्हें फाइलेरिया जैसे घातक संक्रमण से बचाने का एकमात्र तरीका भी है। अभिभावकों का यह कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं और इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं। दवा का सेवन करते समय किसी भी प्रकार की असुविधा या दुष्प्रभाव की स्थिति में तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति आपकी सजगता ही उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रख सकती है। यह दवा वितरण अभियान सिर्फ एक स्वास्थ्य पहल नहीं है, बल्कि एक सामूहिक प्रयास है जो हमारे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास तभी सफल होगा जब हर माता-पिता और अभिभावक इसमें अपना योगदान देंगे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में 10 अगस्त से चल रहे सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आशा और आशा फैसिलीटेटर को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फाइलेरिया, डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने सभी एमडीए संचालित 13 जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निर्धारित मानकों के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने वाले प्रत्येक जिले से एक आशा, एक आशा फैसिलीटेटर और एक प्रखंड का चयन किया जाएगा।
निर्देशों के अनुसार, उन पंचायतों का चयन किया जाएगा जिन्होंने निर्धारित मानकों के अनुसार लक्ष्य प्राप्त किया है। चयन में उन प्रखंडों को प्राथमिकता दी जाएगी जहाँ दवा सेवन की उच्चतम दर रही है, पंचायत प्रतिनिधियों ने सक्रिय सहयोग किया है, शिक्षा विभाग के साथ अच्छा समन्वय स्थापित किया गया है, जीविका कर्मियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है, धार्मिक गुरुओं ने समुदाय को अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है, और जहां ससमय और गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग की गई है।
विद्यालयों में फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का वितरण: स्वस्थ भविष्य के लिए एक अनिवार्य कदम
27 से 29 अगस्त तक फाइलेरिया रोधी दवा के वितरण के लिए विशेष बूथ लगाए जा रहे हैं। बूथों पर रैपिड रिस्पांस टीम का नंबर और इमरजेंसी किट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इमरजेंसी किट में उल्टी, चक्कर की दवा और ओआरएस के पैकेट शामिल हैं। दवा खिलाते समय यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बच्चे खाली पेट न हों और सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध हो।
फाइलेरिया: क्या है यह बीमारी और क्यों है खतरनाक
फाइलेरिया, जिसे आमतौर पर हाथीपांव भी कहा जाता है, एक परजीवी संक्रमण है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। यह बीमारी शरीर के लिम्फैटिक तंत्र को प्रभावित करती है, जिससे प्रभावित अंगों में सूजन और विकलांगता हो सकती है। फाइलेरिया के कारण हाथ, पैर, और अन्य अंगों में स्थायी विकृति हो सकती है, जिससे व्यक्ति का जीवन कठिन और दर्दनाक हो जाता है। विशेष रूप से बच्चों के लिए, यह बीमारी उनके शारीरिक और मानसिक विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
सर्वजन दवा सेवन अभियान: फाइलेरिया से बचाव के लिए एक प्रभावी पहल
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू किया गया यह अभियान फाइलेरिया की रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ठाकुरगंज प्रखंड के सभी विद्यालयों में विशेष बूथ लगाए गए हैं, जहां प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी बच्चों को सुरक्षित और सही मात्रा में दवा प्रदान कर रहे हैं। यह दवा फाइलेरिया के परजीवी को नष्ट करने में सक्षम है और इसके सेवन से बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है।
दवा का महत्व: क्यों है यह अनिवार्य?
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए यह दवा अत्यधिक प्रभावी मानी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, फाइलेरिया का संक्रमण एक बार हो जाने पर इसे पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, इस बीमारी को रोकने के लिए समय पर दवा का सेवन आवश्यक है। यह दवा बच्चों के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, जिससे वे फाइलेरिया के संक्रमण से सुरक्षित रहते हैं।
अभिभावकों के लिए अपील: अपने बच्चों को सुरक्षित करें
डॉ. मंजर आलम ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे इस अभियान को गंभीरता से लें और सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे इस दवा का सेवन अवश्य करें। यह दवा न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि यह उन्हें फाइलेरिया जैसे घातक संक्रमण से बचाने का एकमात्र तरीका भी है। अभिभावकों का यह कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं और इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं। दवा का सेवन करते समय किसी भी प्रकार की असुविधा या दुष्प्रभाव की स्थिति में तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति आपकी सजगता ही उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रख सकती है। यह दवा वितरण अभियान सिर्फ एक स्वास्थ्य पहल नहीं है, बल्कि एक सामूहिक प्रयास है जो हमारे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास तभी सफल होगा जब हर माता-पिता और अभिभावक इसमें अपना योगदान देंगे।
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