किशनगंज, 31 मई — विश्व नो टॉबैको डे 2025 के अवसर पर बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना की अंगीभूत इकाई मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज द्वारा एक जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का उद्देश्य तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों के प्रति आमजन को जागरूक करना तथा स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करना रहा।
इस रैली में महाविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने हाथों में संदेशात्मक तख्तियां लेकर नगरवासियों को तंबाकू के खिलाफ जागरूक किया और समाज को तंबाकू मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता दर्शाई।
महाविद्यालय के डीन डॉ. वी. पी. सैनी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा, “जब कोई व्यक्ति तंबाकू को ‘ना’ कहता है, वह वास्तव में जीवन को ‘हाँ’ कहता है।” उन्होंने तंबाकू के खिलाफ छोटे-से-छोटे प्रयास को भी एक सामूहिक विजय बताया जो न केवल व्यक्ति, बल्कि समाज और भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी लाभकारी है।
उन्होंने आगे कहा कि तंबाकू पर विजय प्राप्त करना केवल एक व्यक्तिगत प्रयास नहीं, बल्कि यह एक सामूहिक संकल्प है जिसे जन-जागरूकता और सहयोग से ही हासिल किया जा सकता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अपील की कि वे तंबाकू से स्वयं दूर रहें और दूसरों को भी इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करें।
इस कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के प्रभारी डॉ. नरेश राजकीर और अन्य शिक्षकगणों के सहयोग से किया गया। एनएसएस के स्वयंसेवकों ने रैली में भाग लेकर जनमानस को तंबाकू के दुष्परिणामों से अवगत कराया और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने तंबाकू से दूर रहने, दूसरों को इसके खिलाफ जागरूक करने तथा एक तंबाकू मुक्त समाज के निर्माण में योगदान देने की शपथ ली।
यह आयोजन न केवल एक स्वास्थ्य अभियान था, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक दायित्व का भी प्रतीक रहा। इस प्रयास ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि तंबाकू के विरुद्ध संघर्ष एक पीढ़ीगत उत्तरदायित्व है, जो एक स्वस्थ, सुरक्षित और जागरूक भविष्य की नींव रख सकता है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज, 31 मई — विश्व नो टॉबैको डे 2025 के अवसर पर बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना की अंगीभूत इकाई मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज द्वारा एक जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का उद्देश्य तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों के प्रति आमजन को जागरूक करना तथा स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करना रहा।
इस रैली में महाविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने हाथों में संदेशात्मक तख्तियां लेकर नगरवासियों को तंबाकू के खिलाफ जागरूक किया और समाज को तंबाकू मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता दर्शाई।
महाविद्यालय के डीन डॉ. वी. पी. सैनी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा, “जब कोई व्यक्ति तंबाकू को ‘ना’ कहता है, वह वास्तव में जीवन को ‘हाँ’ कहता है।” उन्होंने तंबाकू के खिलाफ छोटे-से-छोटे प्रयास को भी एक सामूहिक विजय बताया जो न केवल व्यक्ति, बल्कि समाज और भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी लाभकारी है।
उन्होंने आगे कहा कि तंबाकू पर विजय प्राप्त करना केवल एक व्यक्तिगत प्रयास नहीं, बल्कि यह एक सामूहिक संकल्प है जिसे जन-जागरूकता और सहयोग से ही हासिल किया जा सकता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अपील की कि वे तंबाकू से स्वयं दूर रहें और दूसरों को भी इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करें।
इस कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के प्रभारी डॉ. नरेश राजकीर और अन्य शिक्षकगणों के सहयोग से किया गया। एनएसएस के स्वयंसेवकों ने रैली में भाग लेकर जनमानस को तंबाकू के दुष्परिणामों से अवगत कराया और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने तंबाकू से दूर रहने, दूसरों को इसके खिलाफ जागरूक करने तथा एक तंबाकू मुक्त समाज के निर्माण में योगदान देने की शपथ ली।
यह आयोजन न केवल एक स्वास्थ्य अभियान था, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक दायित्व का भी प्रतीक रहा। इस प्रयास ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि तंबाकू के विरुद्ध संघर्ष एक पीढ़ीगत उत्तरदायित्व है, जो एक स्वस्थ, सुरक्षित और जागरूक भविष्य की नींव रख सकता है।
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