बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के तहत किशनगंज में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवीपैट (वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) का कार्य 2 मई से प्रारंभ हो चुका है, जो कि 12 मई 2025 तक चलेगा। यह प्रक्रिया पुराने एसडीओ कार्यालय परिसर में चल रही है।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, प्रत्येक चुनाव से पहले ईवीएम और वीवीपैट की तकनीकी जांच और प्रमाणन का कार्य निर्माता कंपनियों के अधिकृत इंजीनियरों की देखरेख में किया जाता है, जिसकी निगरानी स्वयं जिला निर्वाचन पदाधिकारी करते हैं। चुनाव में केवल वही मशीनें उपयोग में लाई जाती हैं जो इस एफएलसी प्रक्रिया में पूरी तरह सफल पाई जाती हैं।
एफएलसी की पूरी प्रक्रिया और मानक संचालन प्रणाली भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट (eci.gov.in) पर उपलब्ध है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है।
इस कार्य के दौरान आवश्यक सुरक्षा, निगरानी और व्यवस्थाएं पहले से सुनिश्चित की गई हैं। साथ ही, एफएलसी की प्रक्रिया पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और भारत निर्वाचन आयोग भी नियमित नजर रख रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपने प्रतिनिधियों को एफएलसी प्रक्रिया का साक्षी बनाने के लिए अधिकृत करें। इस संबंध में 28 अप्रैल 2025 को उन्हें औपचारिक पत्र भेजे जा चुके हैं, जो संबंधित दलों के राज्य मुख्यालय को भी सूचित किए गए हैं।
यह प्रक्रिया चुनाव की निष्पक्षता, पारदर्शिता और विश्वास की आधारशिला है, जो लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के तहत किशनगंज में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवीपैट (वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) का कार्य 2 मई से प्रारंभ हो चुका है, जो कि 12 मई 2025 तक चलेगा। यह प्रक्रिया पुराने एसडीओ कार्यालय परिसर में चल रही है।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, प्रत्येक चुनाव से पहले ईवीएम और वीवीपैट की तकनीकी जांच और प्रमाणन का कार्य निर्माता कंपनियों के अधिकृत इंजीनियरों की देखरेख में किया जाता है, जिसकी निगरानी स्वयं जिला निर्वाचन पदाधिकारी करते हैं। चुनाव में केवल वही मशीनें उपयोग में लाई जाती हैं जो इस एफएलसी प्रक्रिया में पूरी तरह सफल पाई जाती हैं।
एफएलसी की पूरी प्रक्रिया और मानक संचालन प्रणाली भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट (eci.gov.in) पर उपलब्ध है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है।
इस कार्य के दौरान आवश्यक सुरक्षा, निगरानी और व्यवस्थाएं पहले से सुनिश्चित की गई हैं। साथ ही, एफएलसी की प्रक्रिया पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और भारत निर्वाचन आयोग भी नियमित नजर रख रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपने प्रतिनिधियों को एफएलसी प्रक्रिया का साक्षी बनाने के लिए अधिकृत करें। इस संबंध में 28 अप्रैल 2025 को उन्हें औपचारिक पत्र भेजे जा चुके हैं, जो संबंधित दलों के राज्य मुख्यालय को भी सूचित किए गए हैं।
यह प्रक्रिया चुनाव की निष्पक्षता, पारदर्शिता और विश्वास की आधारशिला है, जो लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
Leave a Reply