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किशनगंज जिले के शहरी क्षेत्र सहित 7 प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे शुरू।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।

पहले दिन 777 लोगों के लिए गए रक्त के नमूने।

जिले में 04 से 15 दिसंबर तक संचालित होगा नाइट ब्लड सर्वे।

जिले में फाइलेरिया रोग के प्रसार की दर के सटीक आकलन के लिए सभी सातों प्रखंड सहित शहरी क्षेत्रों में नाइट ब्लड सर्वे की शुरुआत की गयी है। सभी 7 प्रखंड के एक -एक पंचायत व किशनगंज नगर परिषद क्षेत्र सहित कुल 08 स्थान को सेनिटल सेशन साइट संचालित करने को लेकर चिह्नित किया गया है। सेशन साइट का संचालन रात साढ़े आठ बजे से 12 तक किया जाना है। जहां 20 साल से अधिक उम्र के लोगों का ब्लड सैंपल जांच के लिये संग्रह किया जा रहा है। सभी सेशन साइट पर प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन के साथ अन्य स्वास्थ्यकर्मी प्रतिनियुक्त किये गये हैं। इसी कड़ी में शहरी क्षेत्र के हलीम चौक में भीवीडीसी पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने सोमवार की रात आयोजित शिविर का विधिवत उद्घाटन किया।  अभियान के पहले दिन जिले में कुल 777  लोगों के रक्त के नमूने लिए गए। इस संबंध डॉ मंजर आलम ने कहा कि प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे अभियान आगामी 15 दिसंबर तक चलाया जाएगा। अभियान के तहत कुल 6300  सौ रक्त के नमूने लेने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान की खासियत है कि इसमें रक्त के नमूने रात के आठ बजे से लेकर 12 बजे तक लिए जाते हैं। रात में इसके सैंपल लेने का मुख्य कारण है कि शरीर में फाइलेरिया के परजीवी ज्यादा एक्टिव होते हैं। ब्लड सैंपल कलेक्शन के बाद 24 घंटे के अन्दर स्टैनिंग की प्रक्रिया को करा लिया जाएगा।

संभावित मरीजों का पता लगाने के लिहाज से सर्वे महत्वपूर्ण-

शिविर में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने उपस्थित लोगों को कार्यक्रम के संबंध में समुचित जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को रोग का पता वर्षों बाद चलता है। तब तक बीमारी लाइलाज हो चुकी होती है। शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसलिये नाइट ब्लड सर्वे संभावित रोगियों का पता लगाने का बेहतर जरिया है। संभावित मरीजों का पता लगाने के लिये जिले में विशेष अभियान संचालित है।

सामूहिक भागीदारी से जड़ से खत्म होगा फाइलेरिया –

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम  ने बताया कि जिले के पोठिया प्रखंड में कालियागंज में सबसे ज्यादा 121 रक्त नमूने संग्रह किये गये हैं। यहां का  प्रयास सराहनीय है। रोग के प्रसार को नियंत्रित करने की दिशा में हर स्तर पर जरूरी प्रयास किया जा रहा है। इसमें समुचित सहयोग हर एक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है। इसलिये उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर लोगों को जांच के लिये प्रेरित किया।

एनबीएस फाइलेरिया परजीवी का पता लगाने का प्रभावी जरिया-

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर  ने बताया कि शरीर में मौजूद फाइलेरिया परजीवी का पता लगाने के लिये नाइट ब्लड सर्वे सबसे प्रभावी तरीका है। रात में जांच के लिये ब्लड सैंपल लेने की मुख्य वजह ये है कि रात के समय में शरीर में फाइलेरिया के परजीवी ज्यादा एक्टिव होते हैं। उन्होंने कहा कि ब्लड सैंपल कलेक्शन के 24 घंटें के अंदर स्टैनिंग की प्रक्रिया संपन्न करायी जानी है। ताकि जांच का सटीक नतीजा सामने आ सके। जांच के क्रम में उन्होंने कहा कि जिले में नाइट ब्लड सर्वे का ये चरण अगर पूर्व की तरह सफल साबित हुआ तो हम फाइलेरिया मुक्त जिला होने के लक्ष्य के बेहद करीब होंगे। माह जून में  जिले में संचालित नाइट ब्लड सर्वे बेहद सफल रहा। राज्य स्तर से भी इसकी सराहना की गयी। इसका पूरा श्रेय संबंधित कर्मियों को जाता है। हमें अपना यही उत्साह इस बार भी बरकरार रखना होगा। ताकि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में हम जिले को एक और पायदान आगे ले जा सकें।

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