किशनगंज नगर परिषद क्षेत्र के मझिया स्थित प्राथमिक विद्यालय मुंशी टोला में अव्यवस्था को लेकर गुरुवार को वार्ड के लोगों ने विरोध जताया। इस विरोध में वार्ड संख्या 34 के पार्षद प्रतिनिधि बदरे आलम भी शामिल थे।
ग्रामीणों और पार्षद प्रतिनिधि ने बताया कि विद्यालय में साफ-सफाई की भारी कमी है। शौचालय की स्थिति भी बदतर है, जिससे बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि नए प्रधानाध्यापक के आने के बाद व्यवस्था सुधारने की कोशिश की जा रही है, लेकिन फिलहाल विद्यालय की स्थिति ठीक नहीं है।
लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षक फरीद आलम कई वर्षों से इसी विद्यालय में तैनात हैं और उनका काम विद्यालय के हित में नहीं दिखता। स्थिति यह है कि कुछ बच्चों को अपने विद्यालय का नाम तक मालूम नहीं है।
विद्यालय में मिड-डे-मील की गुणवत्ता को लेकर भी गंभीर सवाल उठे। बच्चों ने बताया कि विद्यालय में जो भोजन आता है, वह खाने योग्य नहीं होता। शुक्रवार को मिलने वाले अंडों को आधा-आधा बांटकर बच्चों को दे दिया जाता है और बाकी अंडे संबंधित शिक्षक अपने साथ ले जाते हैं।
इस मामले में प्रधानाध्यापक बिट्टू दास ने बताया कि उन्होंने पंद्रह दिन पहले ही विद्यालय में ज्वाइन किया है। उन्होंने कहा कि विद्यालय की व्यवस्था को हर संभव बेहतर बनाया जाएगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता होगी।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज नगर परिषद क्षेत्र के मझिया स्थित प्राथमिक विद्यालय मुंशी टोला में अव्यवस्था को लेकर गुरुवार को वार्ड के लोगों ने विरोध जताया। इस विरोध में वार्ड संख्या 34 के पार्षद प्रतिनिधि बदरे आलम भी शामिल थे।
ग्रामीणों और पार्षद प्रतिनिधि ने बताया कि विद्यालय में साफ-सफाई की भारी कमी है। शौचालय की स्थिति भी बदतर है, जिससे बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि नए प्रधानाध्यापक के आने के बाद व्यवस्था सुधारने की कोशिश की जा रही है, लेकिन फिलहाल विद्यालय की स्थिति ठीक नहीं है।
लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षक फरीद आलम कई वर्षों से इसी विद्यालय में तैनात हैं और उनका काम विद्यालय के हित में नहीं दिखता। स्थिति यह है कि कुछ बच्चों को अपने विद्यालय का नाम तक मालूम नहीं है।
विद्यालय में मिड-डे-मील की गुणवत्ता को लेकर भी गंभीर सवाल उठे। बच्चों ने बताया कि विद्यालय में जो भोजन आता है, वह खाने योग्य नहीं होता। शुक्रवार को मिलने वाले अंडों को आधा-आधा बांटकर बच्चों को दे दिया जाता है और बाकी अंडे संबंधित शिक्षक अपने साथ ले जाते हैं।
इस मामले में प्रधानाध्यापक बिट्टू दास ने बताया कि उन्होंने पंद्रह दिन पहले ही विद्यालय में ज्वाइन किया है। उन्होंने कहा कि विद्यालय की व्यवस्था को हर संभव बेहतर बनाया जाएगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता होगी।
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