किशनगंज सदर प्रखंड के चकला पंचायत में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने अपने आत्मनिर्भर बनने के अनुभव साझा किए। इस अवसर पर जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि कैसे सरकारी योजनाओं और स्वयं सहायता समूह के सहयोग से वे आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं।
चकला पंचायत की चंदा देवी ने बताया कि वे वर्ष 2016 में मौसमी जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। कपड़ा सिलाई में रुचि होने के बावजूद पूंजी की कमी के कारण व्यवसाय शुरू नहीं कर पा रही थीं। समूह से ऋण लेकर सिलाई मशीन खरीदी और थोक में कपड़े खरीद कर सिलाई का व्यवसाय शुरू किया। अब वे रेडीमेड कपड़े बनाकर बेचती हैं। उनकी आय से पति के लिए गाड़ी भी खरीदी गई, जो भाड़े पर चलती है और अतिरिक्त आय का स्रोत बनी है। चंदा देवी ने कहा, “स्वयं सहायता समूह ने मुझे आत्मनिर्भर बनाया है। अब मैं परिवार की जिम्मेदारी पूरी कर पा रही हूँ और पति को व्यवसाय शुरू करने में भी मदद कर रही हूँ।”
इसी तरह, कोयल जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी खुशबू देवी ने बताया कि उन्होंने समूह से ऋण लेकर ब्यूटी पार्लर चलाना शुरू किया। इससे उन्हें अच्छी आमदनी होती है और वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो गई हैं। उन्होंने कहा, “कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं अपना काम कर पाऊंगी। आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हूँ और आगे बढ़ रही हूँ। समूह ने मेरी प्रतिभा को पहचाना और मुझे स्वावलंबी बनाया।”
इस महिला संवाद कार्यक्रम में जिले के सात प्रखंडों के लक्षित ग्राम संगठन की महिलाएं नियत समय और स्थान पर इकट्ठा होकर अपनी आकांक्षाएं, सुझाव और समस्याएं साझा कर रही हैं। साथ ही, वे अपने अनुभवों से भी दूसरे महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं की बातों को मोबाइल एप पर दर्ज किया जा रहा है और संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को भेजा जा रहा है ताकि महिलाओं की समस्याओं और सुझावों पर उचित कार्रवाई हो सके।
सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाओं की जानकारी के लिए लीफलेट बांटे जा रहे हैं, जिन्हें कार्यक्रम में पढ़कर सुनाया जा रहा है ताकि सभी महिलाएं योजनाओं की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें। इसके अतिरिक्त, जागरूकता वाहन में लगे एल.ई.डी. स्क्रीन के माध्यम से योजनाओं से संबंधित वीडियो फिल्म भी दिखाई जा रही है, जिससे महिलाएं और अधिक जागरूक हो रही हैं।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज सदर प्रखंड के चकला पंचायत में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने अपने आत्मनिर्भर बनने के अनुभव साझा किए। इस अवसर पर जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि कैसे सरकारी योजनाओं और स्वयं सहायता समूह के सहयोग से वे आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं।
चकला पंचायत की चंदा देवी ने बताया कि वे वर्ष 2016 में मौसमी जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। कपड़ा सिलाई में रुचि होने के बावजूद पूंजी की कमी के कारण व्यवसाय शुरू नहीं कर पा रही थीं। समूह से ऋण लेकर सिलाई मशीन खरीदी और थोक में कपड़े खरीद कर सिलाई का व्यवसाय शुरू किया। अब वे रेडीमेड कपड़े बनाकर बेचती हैं। उनकी आय से पति के लिए गाड़ी भी खरीदी गई, जो भाड़े पर चलती है और अतिरिक्त आय का स्रोत बनी है। चंदा देवी ने कहा, “स्वयं सहायता समूह ने मुझे आत्मनिर्भर बनाया है। अब मैं परिवार की जिम्मेदारी पूरी कर पा रही हूँ और पति को व्यवसाय शुरू करने में भी मदद कर रही हूँ।”
इसी तरह, कोयल जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी खुशबू देवी ने बताया कि उन्होंने समूह से ऋण लेकर ब्यूटी पार्लर चलाना शुरू किया। इससे उन्हें अच्छी आमदनी होती है और वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो गई हैं। उन्होंने कहा, “कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं अपना काम कर पाऊंगी। आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हूँ और आगे बढ़ रही हूँ। समूह ने मेरी प्रतिभा को पहचाना और मुझे स्वावलंबी बनाया।”
इस महिला संवाद कार्यक्रम में जिले के सात प्रखंडों के लक्षित ग्राम संगठन की महिलाएं नियत समय और स्थान पर इकट्ठा होकर अपनी आकांक्षाएं, सुझाव और समस्याएं साझा कर रही हैं। साथ ही, वे अपने अनुभवों से भी दूसरे महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं की बातों को मोबाइल एप पर दर्ज किया जा रहा है और संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को भेजा जा रहा है ताकि महिलाओं की समस्याओं और सुझावों पर उचित कार्रवाई हो सके।
सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाओं की जानकारी के लिए लीफलेट बांटे जा रहे हैं, जिन्हें कार्यक्रम में पढ़कर सुनाया जा रहा है ताकि सभी महिलाएं योजनाओं की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें। इसके अतिरिक्त, जागरूकता वाहन में लगे एल.ई.डी. स्क्रीन के माध्यम से योजनाओं से संबंधित वीडियो फिल्म भी दिखाई जा रही है, जिससे महिलाएं और अधिक जागरूक हो रही हैं।
Imran Khan
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