महिला संवाद कार्यक्रम में कोचाधामन प्रखंड के तेघरिया पंचायत की परमवती देवी ने अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि वे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय डेरामारी में दीदी की रसोई में काम करती हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्हें यह काम मिला है। मासिक मानदेय प्राप्त हो रहा है। नियमित आमदनी होने से घर में समृद्धि आई है। पहले किसी तरह घर-गृहस्थी चलाते थे, अब आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो गए हैं। बच्चों की परवरिश में सहूलियत हो रही है। उन्हें पढ़ा-लिखा रही हैं।
वहीं, पोठिया प्रखंड के डुबानोची पंचायत की फलानी सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे पायल जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। समूह से ऋण लेकर पशुपालन का काम शुरू किया। दूध और खस्सी-बकरी की बिक्री से अच्छी आमदनी हो जाती है।
डुबानोची पंचायत की ही देबोकी देवी ने बताया कि वे भी आरती जीविका स्वयं सहायता समूह से ऋण लेकर पशुपालन का काम कर रही हैं। दूध की बिक्री से नियमित आमदनी हो रही है। महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएं बेबाकी से अपना अनुभव साझा कर रही हैं।
कार्यक्रम में वीडियो के माध्यम से महिलाएं सरकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर रही हैं। किशनगंज जिला के सभी सात प्रखंडों में प्रत्येक दिन 2 से 4 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
शनिवार को सदर प्रखंड के चकला पंचायत, दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया पंचायत, कोचाधामन के काठामाठा, ठाकुरगंज के कुकुरबाघी, पोठिया के डुबानोची, टेढ़ागाछ के कालपीर पंचायत, बहादुरगंज के झिलझिली में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में ग्राम संगठनों में इकट्ठा होकर महिलाएं जागरूकता वाहन में लगे ऑडियो-वीडियो माध्यम से सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर रही हैं। साथ ही, सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर उन्नति के पथ पर आगे बढ़ने वाली महिलाएं अपना अनुभव भी साझा कर रही हैं।
महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएं स्थानीय एवं नीतिगत आकांक्षाएं और सुझाव भी दे रही हैं। स्थानीय और नीतिगत स्तर की सभी आकांक्षाओं को सूचीबद्ध किया जा रहा है। इन आकांक्षाओं के आधार पर आने वाले समय में सरकार द्वारा योजनाएं तैयार की जाएंगी।
महिलाओं के सशक्तिकरण से ही हमारा समाज समृद्ध हो सकता है। सरकार द्वारा महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा जा सकता है। महिला संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य गाँव-टोलों तक सरकार की योजनाओं की जानकारी पहुँचाने के साथ-साथ महिलाओं के अनुभव और आकांक्षाओं को सुनना और उन्हें सूचीबद्ध करना है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
महिला संवाद कार्यक्रम में कोचाधामन प्रखंड के तेघरिया पंचायत की परमवती देवी ने अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि वे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय डेरामारी में दीदी की रसोई में काम करती हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्हें यह काम मिला है। मासिक मानदेय प्राप्त हो रहा है। नियमित आमदनी होने से घर में समृद्धि आई है। पहले किसी तरह घर-गृहस्थी चलाते थे, अब आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो गए हैं। बच्चों की परवरिश में सहूलियत हो रही है। उन्हें पढ़ा-लिखा रही हैं।
वहीं, पोठिया प्रखंड के डुबानोची पंचायत की फलानी सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे पायल जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। समूह से ऋण लेकर पशुपालन का काम शुरू किया। दूध और खस्सी-बकरी की बिक्री से अच्छी आमदनी हो जाती है।
डुबानोची पंचायत की ही देबोकी देवी ने बताया कि वे भी आरती जीविका स्वयं सहायता समूह से ऋण लेकर पशुपालन का काम कर रही हैं। दूध की बिक्री से नियमित आमदनी हो रही है। महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएं बेबाकी से अपना अनुभव साझा कर रही हैं।
कार्यक्रम में वीडियो के माध्यम से महिलाएं सरकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर रही हैं। किशनगंज जिला के सभी सात प्रखंडों में प्रत्येक दिन 2 से 4 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
शनिवार को सदर प्रखंड के चकला पंचायत, दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया पंचायत, कोचाधामन के काठामाठा, ठाकुरगंज के कुकुरबाघी, पोठिया के डुबानोची, टेढ़ागाछ के कालपीर पंचायत, बहादुरगंज के झिलझिली में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में ग्राम संगठनों में इकट्ठा होकर महिलाएं जागरूकता वाहन में लगे ऑडियो-वीडियो माध्यम से सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर रही हैं। साथ ही, सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर उन्नति के पथ पर आगे बढ़ने वाली महिलाएं अपना अनुभव भी साझा कर रही हैं।
महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएं स्थानीय एवं नीतिगत आकांक्षाएं और सुझाव भी दे रही हैं। स्थानीय और नीतिगत स्तर की सभी आकांक्षाओं को सूचीबद्ध किया जा रहा है। इन आकांक्षाओं के आधार पर आने वाले समय में सरकार द्वारा योजनाएं तैयार की जाएंगी।
महिलाओं के सशक्तिकरण से ही हमारा समाज समृद्ध हो सकता है। सरकार द्वारा महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा जा सकता है। महिला संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य गाँव-टोलों तक सरकार की योजनाओं की जानकारी पहुँचाने के साथ-साथ महिलाओं के अनुभव और आकांक्षाओं को सुनना और उन्हें सूचीबद्ध करना है।
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