सरकारी विद्यालयों में सत्र शुरू होने के पांच महीने बाद भी कई कक्षाओं के विद्यार्थियों को अब तक पाठ्य पुस्तकें नहीं मिल पाई हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कुछ शिक्षकों ने जानकारी दी है कि वर्ग दो, तीन और पांच के लिए विभाग द्वारा अभी तक किताबें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। इस कारण बच्चे बिना किताबों के ही स्कूल आने-जाने को मजबूर हैं।
एक तरफ सरकार शिक्षा के क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च करके गुणवत्ता शिक्षा की बात करती है और इसे बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं भी चलाती है, लेकिन दूसरी तरफ विद्यार्थियों को समय पर किताबें नहीं मिलना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ जैसा है। कुछ छात्रों ने भी चिंता जताते हुए कहा कि वे बिना किताबों के स्कूल जाते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग से मांग की है कि समय पर किताबों का वितरण सुनिश्चित किया जाए।
शिक्षा विभाग, कोचाधामन के एक कर्मचारी ने बताया कि इस समस्या के बारे में विभाग के वरीय अधिकारियों को सूचित किया गया है, ताकि जल्द से जल्द इसका समाधान हो सके।
सारस न्यूज़, कोचाधामन/किशनगंज।
सरकारी विद्यालयों में सत्र शुरू होने के पांच महीने बाद भी कई कक्षाओं के विद्यार्थियों को अब तक पाठ्य पुस्तकें नहीं मिल पाई हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कुछ शिक्षकों ने जानकारी दी है कि वर्ग दो, तीन और पांच के लिए विभाग द्वारा अभी तक किताबें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। इस कारण बच्चे बिना किताबों के ही स्कूल आने-जाने को मजबूर हैं।
एक तरफ सरकार शिक्षा के क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च करके गुणवत्ता शिक्षा की बात करती है और इसे बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं भी चलाती है, लेकिन दूसरी तरफ विद्यार्थियों को समय पर किताबें नहीं मिलना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ जैसा है। कुछ छात्रों ने भी चिंता जताते हुए कहा कि वे बिना किताबों के स्कूल जाते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग से मांग की है कि समय पर किताबों का वितरण सुनिश्चित किया जाए।
शिक्षा विभाग, कोचाधामन के एक कर्मचारी ने बताया कि इस समस्या के बारे में विभाग के वरीय अधिकारियों को सूचित किया गया है, ताकि जल्द से जल्द इसका समाधान हो सके।
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