किशनगंज जिला अग्निशमन पदाधिकारी हर्षवर्धन का सोमवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उन्हें अपने निजी वाहन को फायर ब्रिगेड की गाड़ी से धुलवाते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो कई न्यूज़ चैनलों पर प्रमुखता से प्रसारित हुआ, जिसने लोगों के बीच आक्रोश और नाराजगी पैदा कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि फायर ब्रिगेड की सरकारी गाड़ी का उपयोग करते हुए, आग बुझाने वाले यंत्र से एक निजी वाहन, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर BR01ED6759 है, की धुलाई की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि यह वाहन जिला अग्निशमन पदाधिकारी हर्षवर्धन का निजी वाहन है। सरकारी संसाधनों का इस तरह से निजी कार्यों में उपयोग करना नियमों और नैतिकता के खिलाफ माना जाता है, खासकर जब ये संसाधन आपातकालीन सेवाओं के लिए होते हैं।
इस घटना ने प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारियों और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। फायर ब्रिगेड, जो विशेष रूप से आपात स्थितियों में आग बुझाने के लिए उपयोग होती है, और इसका उपयोग निजी कार्यों में करना न केवल नैतिकता के विरुद्ध है, बल्कि यह सरकारी संसाधनों के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैया भी दर्शाता है। ऐसी घटनाएं प्रशासनिक निष्पक्षता और जिम्मेदारी पर सवाल उठाती हैं, जिससे जनता का प्रशासन पर से विश्वास कमजोर होता है।
सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद यह मामला व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। आम तौर पर, इस तरह के मामलों में जांच की जाती है, और दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाती है। प्रशासनिक अधिकारियों को अपने आचरण में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने की आवश्यकता होती है ताकि जनता का विश्वास बना रहे।
जब इस मामले को लेकर किशनगंज के जिला पदाधिकारी विशाल राज से संपर्क किया गया, तो उन्होंने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने की बात कही है। वीडियो की सत्यता की पुष्टि सारस न्यूज़ चैनल द्वारा नहीं की गई है, लेकिन इस मामले में जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। अब देखना यह होगा कि संबंधित विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिला अग्निशमन पदाधिकारी हर्षवर्धन का सोमवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उन्हें अपने निजी वाहन को फायर ब्रिगेड की गाड़ी से धुलवाते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो कई न्यूज़ चैनलों पर प्रमुखता से प्रसारित हुआ, जिसने लोगों के बीच आक्रोश और नाराजगी पैदा कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि फायर ब्रिगेड की सरकारी गाड़ी का उपयोग करते हुए, आग बुझाने वाले यंत्र से एक निजी वाहन, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर BR01ED6759 है, की धुलाई की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि यह वाहन जिला अग्निशमन पदाधिकारी हर्षवर्धन का निजी वाहन है। सरकारी संसाधनों का इस तरह से निजी कार्यों में उपयोग करना नियमों और नैतिकता के खिलाफ माना जाता है, खासकर जब ये संसाधन आपातकालीन सेवाओं के लिए होते हैं।
इस घटना ने प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारियों और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। फायर ब्रिगेड, जो विशेष रूप से आपात स्थितियों में आग बुझाने के लिए उपयोग होती है, और इसका उपयोग निजी कार्यों में करना न केवल नैतिकता के विरुद्ध है, बल्कि यह सरकारी संसाधनों के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैया भी दर्शाता है। ऐसी घटनाएं प्रशासनिक निष्पक्षता और जिम्मेदारी पर सवाल उठाती हैं, जिससे जनता का प्रशासन पर से विश्वास कमजोर होता है।
सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद यह मामला व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। आम तौर पर, इस तरह के मामलों में जांच की जाती है, और दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाती है। प्रशासनिक अधिकारियों को अपने आचरण में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने की आवश्यकता होती है ताकि जनता का विश्वास बना रहे।
जब इस मामले को लेकर किशनगंज के जिला पदाधिकारी विशाल राज से संपर्क किया गया, तो उन्होंने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने की बात कही है। वीडियो की सत्यता की पुष्टि सारस न्यूज़ चैनल द्वारा नहीं की गई है, लेकिन इस मामले में जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। अब देखना यह होगा कि संबंधित विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है।
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