किशनगंज: जिलाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला कार्यालय सभागार में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा के लिए एक अहम बैठक बुलाई गई। इस बैठक में जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों एवं विद्यालय निरीक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण करते समय कक्षा 1 से 3 के बच्चों की भाषा और गणित विषय की पढ़ाई की गुणवत्ता का विशेष तौर पर मूल्यांकन करें।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि निर्धारित प्रपत्र के अनुसार शिक्षण स्तर का आंकलन किया जाए, ताकि बच्चों की मूलभूत शैक्षणिक दक्षता का सही आकलन किया जा सके। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि प्रत्येक प्रखंड में ऐसे 10 विद्यालयों की पहचान की जाए, जिनका ग्रेड स्तर अपेक्षाकृत कमजोर है। इन विद्यालयों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई गई।
इसके अतिरिक्त टेढ़ागाछ, बहादुरगंज, किशनगंज और पोठिया के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे संबंधित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में छात्राओं का नामांकन लक्ष्य के अनुरूप जल्द से जल्द पूरा कराएं।
यह बैठक शिक्षा व्यवस्था में सुधार और स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से एक ठोस पहल मानी जा रही है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
किशनगंज: जिलाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला कार्यालय सभागार में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा के लिए एक अहम बैठक बुलाई गई। इस बैठक में जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों एवं विद्यालय निरीक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण करते समय कक्षा 1 से 3 के बच्चों की भाषा और गणित विषय की पढ़ाई की गुणवत्ता का विशेष तौर पर मूल्यांकन करें।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि निर्धारित प्रपत्र के अनुसार शिक्षण स्तर का आंकलन किया जाए, ताकि बच्चों की मूलभूत शैक्षणिक दक्षता का सही आकलन किया जा सके। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि प्रत्येक प्रखंड में ऐसे 10 विद्यालयों की पहचान की जाए, जिनका ग्रेड स्तर अपेक्षाकृत कमजोर है। इन विद्यालयों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई गई।
इसके अतिरिक्त टेढ़ागाछ, बहादुरगंज, किशनगंज और पोठिया के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे संबंधित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में छात्राओं का नामांकन लक्ष्य के अनुरूप जल्द से जल्द पूरा कराएं।
यह बैठक शिक्षा व्यवस्था में सुधार और स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से एक ठोस पहल मानी जा रही है।
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