नेपाल की राष्ट्रीय राजनीतिक हालात को देखते हुए गलगलिया से सटे नेपाल के भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय के बाहर मुआवजा भुगतान हेतु 11 दिनों से चल रहे धरना प्रदर्शन को 20 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। मुआवजा पीड़ितों द्वारा विरोध प्रदर्शन स्थगित किए जाने के बाद गुरुवार को फिर से सीमा शुल्क कार्यालय का कार्य शुरू हो गया है। सीमा शुल्क का कार्य प्रारंभ होने से दोनों देश के व्यापारियों ने राहत की सांस ली है।
विगत 20 फरवरी को मुआवजा पीड़ित सीमा शुल्क कार्यालय के मुख्य द्वार पर यह कहते हुए धरने पर बैठ गए थे कि जब तक सरकार द्वारा जल्द मुआवजा राशि प्रदान नहीं की जाती है, तब तक वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। देश की राजनीतिक अस्थिरता के कारण नगरपालिका के जनप्रतिनिधियों, स्थानीय राजनीतिक दलों, संगठनों और व्यापारियों ने मुआवजा पीड़ितों के विरोध कार्यक्रम को तत्काल स्थगित करने की गुहार लगाई जिसके बाद मुआवजा पीड़ितों ने 21 मार्च को नेपाल में होने वाले राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव तक के लिए आंदोलन के सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है। नगर अध्यक्ष शिवकुमार राज भंडारी ने बताया कि यदि 21 मार्च तक भी पीड़ितों की मुआवजे की मांग नहीं मानी गई तो स्थानीय जनप्रतिनिधि, सीमा शुल्क प्रमुख, उद्योगपति, व्यवसाई व संगठन उनके आंदोलन को मजबूत करने में उन्हें मदद करेंगे।
पीड़ितों के मुआवजे के संबंध में पार्टी के साथ मंत्रालय में उनके द्वारा मामला उठाने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस समय अवधि के भीतर मुआवजा देने में विफल रहती है तो पीड़ितों की अधिग्रहण भूमि को छोड़ दिया जाना चाहिए। अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम आंदोलन को और मजबूत करेंगे।
भूस्वामियों को मुआवजे की राशि नही देने से हो रहा विरोध:
भारत-नेपाल सीमा पर अंतराष्ट्रीय मेची पुल के निर्माण के दौरान पुल का एप्रोच, पुलिस कार्यालय, नया सीमा शुल्क कार्यालय निर्माण के साथ-साथ नवीन भौतिक संरचनाओं के निर्माण हेतु सीमावासियों का कुल 09 बीघा जमीन नेपाल सरकार ने अधिग्रहण किया है। घर व जमीन का मुआवजा वितरण से संबंधित सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद, जिला प्रशासन कार्यालय झापा ने विगत जनवरी माह में 15 दिन का नोटिस जारी किया था। जिसमें भूमि और मकान के मुआवजे का भुगतान होना था। मगर अधिसूचना जारी के डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने भू-स्वामियों को राशि उपलब्ध नहीं कराई है जिससे पीड़ित आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सीमा शुल्क प्रमुख अमित तिवारी के मुताबिक जिले से लेकर सीमा शुल्क विभाग तक सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई है। मुआवजा संबंधित फाइल वित्त मंत्रालय में लटके होने की वजह से समस्या पैदा होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि फाइल प्रधानमंत्री और कैबिनेट ऑफिस को भेजे जाने के बाद ही समाधान निकलेगा।
11 दिनों में करीब एक करोड़ राजस्व का हुआ घाटा:
सीमा शुल्क के वरीय पदाधिकारी अमित तिवारी ने बताया कि 11 दिनों से मुआवजा पीड़ितों ने कस्टम के मुख्य द्वार पर टेंट लगाकर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक धरने पर बैठने के कारण नेपाल सीमा शुल्क को हर रोज करीब 08 लाख से 10 लाख नेपाली मूल्य यानि अब तक करीब एक करोड़ राजस्व का घाटा हुआ है। कहा कि मुख्य द्वार पर बैठे प्रदर्शनकारियों के कारण व्यापारी सीमा शुल्क के माध्यम से भारत से सामान आयात नही कर पा रहे थे।
ज्ञात हो कि 11 दिन पूर्व विगत 20 फरवरी 2023 को मुआवजा पीड़ित ने भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय के आगे टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने करीब 06 घंटे तक गलगलिया-भद्रपुर सड़क के साथ सीमा शुल्क कार्यालय के मुख्य द्वार को जाम कर दिया। सीमा सड़क अवरुद्ध होने के कारण नेपाल और भारत के बीच आने-जाने वाले वाहनों को घंटो सड़क पर ही रोक दिया गया था।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
नेपाल की राष्ट्रीय राजनीतिक हालात को देखते हुए गलगलिया से सटे नेपाल के भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय के बाहर मुआवजा भुगतान हेतु 11 दिनों से चल रहे धरना प्रदर्शन को 20 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। मुआवजा पीड़ितों द्वारा विरोध प्रदर्शन स्थगित किए जाने के बाद गुरुवार को फिर से सीमा शुल्क कार्यालय का कार्य शुरू हो गया है। सीमा शुल्क का कार्य प्रारंभ होने से दोनों देश के व्यापारियों ने राहत की सांस ली है।
विगत 20 फरवरी को मुआवजा पीड़ित सीमा शुल्क कार्यालय के मुख्य द्वार पर यह कहते हुए धरने पर बैठ गए थे कि जब तक सरकार द्वारा जल्द मुआवजा राशि प्रदान नहीं की जाती है, तब तक वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। देश की राजनीतिक अस्थिरता के कारण नगरपालिका के जनप्रतिनिधियों, स्थानीय राजनीतिक दलों, संगठनों और व्यापारियों ने मुआवजा पीड़ितों के विरोध कार्यक्रम को तत्काल स्थगित करने की गुहार लगाई जिसके बाद मुआवजा पीड़ितों ने 21 मार्च को नेपाल में होने वाले राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव तक के लिए आंदोलन के सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है। नगर अध्यक्ष शिवकुमार राज भंडारी ने बताया कि यदि 21 मार्च तक भी पीड़ितों की मुआवजे की मांग नहीं मानी गई तो स्थानीय जनप्रतिनिधि, सीमा शुल्क प्रमुख, उद्योगपति, व्यवसाई व संगठन उनके आंदोलन को मजबूत करने में उन्हें मदद करेंगे।
पीड़ितों के मुआवजे के संबंध में पार्टी के साथ मंत्रालय में उनके द्वारा मामला उठाने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस समय अवधि के भीतर मुआवजा देने में विफल रहती है तो पीड़ितों की अधिग्रहण भूमि को छोड़ दिया जाना चाहिए। अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम आंदोलन को और मजबूत करेंगे।
भूस्वामियों को मुआवजे की राशि नही देने से हो रहा विरोध:
भारत-नेपाल सीमा पर अंतराष्ट्रीय मेची पुल के निर्माण के दौरान पुल का एप्रोच, पुलिस कार्यालय, नया सीमा शुल्क कार्यालय निर्माण के साथ-साथ नवीन भौतिक संरचनाओं के निर्माण हेतु सीमावासियों का कुल 09 बीघा जमीन नेपाल सरकार ने अधिग्रहण किया है। घर व जमीन का मुआवजा वितरण से संबंधित सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद, जिला प्रशासन कार्यालय झापा ने विगत जनवरी माह में 15 दिन का नोटिस जारी किया था। जिसमें भूमि और मकान के मुआवजे का भुगतान होना था। मगर अधिसूचना जारी के डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने भू-स्वामियों को राशि उपलब्ध नहीं कराई है जिससे पीड़ित आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सीमा शुल्क प्रमुख अमित तिवारी के मुताबिक जिले से लेकर सीमा शुल्क विभाग तक सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई है। मुआवजा संबंधित फाइल वित्त मंत्रालय में लटके होने की वजह से समस्या पैदा होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि फाइल प्रधानमंत्री और कैबिनेट ऑफिस को भेजे जाने के बाद ही समाधान निकलेगा।
11 दिनों में करीब एक करोड़ राजस्व का हुआ घाटा:
सीमा शुल्क के वरीय पदाधिकारी अमित तिवारी ने बताया कि 11 दिनों से मुआवजा पीड़ितों ने कस्टम के मुख्य द्वार पर टेंट लगाकर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक धरने पर बैठने के कारण नेपाल सीमा शुल्क को हर रोज करीब 08 लाख से 10 लाख नेपाली मूल्य यानि अब तक करीब एक करोड़ राजस्व का घाटा हुआ है। कहा कि मुख्य द्वार पर बैठे प्रदर्शनकारियों के कारण व्यापारी सीमा शुल्क के माध्यम से भारत से सामान आयात नही कर पा रहे थे।
ज्ञात हो कि 11 दिन पूर्व विगत 20 फरवरी 2023 को मुआवजा पीड़ित ने भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय के आगे टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने करीब 06 घंटे तक गलगलिया-भद्रपुर सड़क के साथ सीमा शुल्क कार्यालय के मुख्य द्वार को जाम कर दिया। सीमा सड़क अवरुद्ध होने के कारण नेपाल और भारत के बीच आने-जाने वाले वाहनों को घंटो सड़क पर ही रोक दिया गया था।
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