भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के निवासियों के लिए कई दिनों से निरंतर हो रही बारिश अब आफत बनने लगी है। सीमाई गाँव गलगलिया,भकसरभिट्ठा, निम्बुगुड़ी एवं नेपाल के भद्रपुर, चंद्रगढ़ी इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दिनभर लगातार बारिश के कारण लोग घर से नहीं निकल पा रहे हैं। वहीं व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। गलगलिया व भद्रपुर के बाजारों में लोग बहुत कम संख्या में पहुंच रहे हैं। जिससे हमेशा व्यस्त रहने वाली सड़कों पर सन्नाटा पसरा रह रहता है।
फूटपॉथ पर विभिन्न वस्तुओं की बिक्री कर अपनी आजीविका चलाने वाले लोगों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।तो कई स्थानों पर जलजमाव व कीचड़ से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नेपाल झापा जिला के मुख्य नदियों में रतुवा, माई, विरिंग, हंडिया, निन्दा एवं दोनों देश के बीच बहने वाली मेची नदी भी उफान पर है जिससे बाढ़ आने की सम्भावना से तटवर्ती लोग भयभीत हैं। वहीं सीमा पर तैनात एसएसबी सीमा चौकीयों पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है जिससे जवान पूरी तरह अलर्ट हैं।ग्रमीण इलकों में भी लगातार बारिश के कारण लोग परेशान हैं।जल मग्न होने से सबसे ज्यादा दिक्कत पशु पालकों में देखी जा रही है।बाजार से गांव तक व खेत से खलिहान तक पानी ही पानी है। बाजार की सड़कों पर जमा पानी के कारण ग्रामीणो व राहगिरो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के निवासियों के लिए कई दिनों से निरंतर हो रही बारिश अब आफत बनने लगी है। सीमाई गाँव गलगलिया,भकसरभिट्ठा, निम्बुगुड़ी एवं नेपाल के भद्रपुर, चंद्रगढ़ी इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दिनभर लगातार बारिश के कारण लोग घर से नहीं निकल पा रहे हैं। वहीं व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। गलगलिया व भद्रपुर के बाजारों में लोग बहुत कम संख्या में पहुंच रहे हैं। जिससे हमेशा व्यस्त रहने वाली सड़कों पर सन्नाटा पसरा रह रहता है।
फूटपॉथ पर विभिन्न वस्तुओं की बिक्री कर अपनी आजीविका चलाने वाले लोगों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।तो कई स्थानों पर जलजमाव व कीचड़ से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नेपाल झापा जिला के मुख्य नदियों में रतुवा, माई, विरिंग, हंडिया, निन्दा एवं दोनों देश के बीच बहने वाली मेची नदी भी उफान पर है जिससे बाढ़ आने की सम्भावना से तटवर्ती लोग भयभीत हैं। वहीं सीमा पर तैनात एसएसबी सीमा चौकीयों पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है जिससे जवान पूरी तरह अलर्ट हैं।ग्रमीण इलकों में भी लगातार बारिश के कारण लोग परेशान हैं।जल मग्न होने से सबसे ज्यादा दिक्कत पशु पालकों में देखी जा रही है।बाजार से गांव तक व खेत से खलिहान तक पानी ही पानी है। बाजार की सड़कों पर जमा पानी के कारण ग्रामीणो व राहगिरो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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