भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 19वीं बटालियन निम्बूगुड़ी समवाय के जवानों द्वारा ग्रामिणों के साथ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के उपलक्ष्य में शुक्रवार को जन जागरुकता रैली निकाली गई। साथ ही बीओपी परिसर में विचार गोष्ठी का आयोजन कर ग्रामीणों को बेटी के महत्व की जानकारी दी गई। यह रैली निम्बूगुड़ी के आदिवासी टोला, पासवान टोला सहित कई ग्रामीण क्षेत्र में भ्रमण किया, जिसमे छोटी बच्चियों ने हाथों में तख्त लिये ‘घर-घर जाकर अलख जगाना है, पढ़ी-लिखी लड़की रोशनी घर की, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आदि नारे लगाए। इस दौरान एसएसबी निम्बूगुड़ी समवाय इंस्पेक्टर एल गांगते ने कहा कि बेटी समाज पर बोझ नहीं है। इसलिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बेटी को बेहतर शिक्षा देकर उसे इस काबिल बनाएं, ताकि बेटी किसी पर भी बोझ ना बने। उन्होंने कहा कि आज सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है। ताकि उन्हें लाभ मिल सके। सरकार बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई-लिखाई तक के खर्च में सहयोग कर रही है। आवश्यकता है कि बेटी को पढ़ा लिखा कर उन्हें आगे बढ़ाने की।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज़, गलगलिया।
भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 19वीं बटालियन निम्बूगुड़ी समवाय के जवानों द्वारा ग्रामिणों के साथ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के उपलक्ष्य में शुक्रवार को जन जागरुकता रैली निकाली गई। साथ ही बीओपी परिसर में विचार गोष्ठी का आयोजन कर ग्रामीणों को बेटी के महत्व की जानकारी दी गई। यह रैली निम्बूगुड़ी के आदिवासी टोला, पासवान टोला सहित कई ग्रामीण क्षेत्र में भ्रमण किया, जिसमे छोटी बच्चियों ने हाथों में तख्त लिये ‘घर-घर जाकर अलख जगाना है, पढ़ी-लिखी लड़की रोशनी घर की, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आदि नारे लगाए। इस दौरान एसएसबी निम्बूगुड़ी समवाय इंस्पेक्टर एल गांगते ने कहा कि बेटी समाज पर बोझ नहीं है। इसलिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बेटी को बेहतर शिक्षा देकर उसे इस काबिल बनाएं, ताकि बेटी किसी पर भी बोझ ना बने। उन्होंने कहा कि आज सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है। ताकि उन्हें लाभ मिल सके। सरकार बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई-लिखाई तक के खर्च में सहयोग कर रही है। आवश्यकता है कि बेटी को पढ़ा लिखा कर उन्हें आगे बढ़ाने की।
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