किशनगंज नगर परिषद कार्यालय से सटे बिहार बस स्टैंड परिसर में जगह-जगह फैला कूड़ा-कचरा स्वच्छता अभियान के दावों की पोल खोल रहा है। परिसर के चारों ओर नाले जाम पड़े हैं, जिनमें जमा पानी अब सड़कर काला हो चुका है। लेकिन नगर परिषद को न तो नालों से गंदा पानी निकलवाने की चिंता है, और न ही परिसर की सफाई की कोई फिक्र।
कई स्थानों पर जाम नालों के कारण बस स्टैंड परिसर में गंदा पानी बहता रहता है। पानी की निकासी के लिए किसी प्रकार का उपाय न होने के कारण नालों में जगह-जगह ब्लॉकेज हो गया है, जिससे गंदा पानी बह नहीं पा रहा। इस कारण हर समय बदबू उठती रहती है। बस स्टैंड परिसर में दुकानदारों, बस चालकों, खलासियों और यात्रियों को शेड में बैठना तक मुश्किल हो गया है। बिना नाक पर रूमाल रखे वहां कुछ समय के लिए खड़ा होना भी असहनीय हो जाता है।
बस स्टैंड की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है, जबकि इसका संचालन नगर परिषद के अधीन ही हो रहा है। बस चालकों का कहना है कि इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कई बार अनुरोध किया गया, पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
बसों के पीछे हल्का होते हैं लोग:
बस स्टैंड परिसर में सबसे बड़ी समस्या शौचालय की कमी को लेकर है। हालांकि स्टैंड में एक यूरिनल मौजूद है, लेकिन वहां बसें खड़ी रहती हैं, जिससे यात्रियों को इसका पता नहीं चल पाता। टॉयलेट खोजते-खोजते यात्री अक्सर बसों के पीछे ही हल्का होने लगते हैं। यही कारण है कि बसों के पीछे का क्षेत्र सबसे अधिक गंदा रहता है और वहां से उठने वाली बदबू परिसर में मौजूद लोगों को परेशान करती रहती है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज नगर परिषद कार्यालय से सटे बिहार बस स्टैंड परिसर में जगह-जगह फैला कूड़ा-कचरा स्वच्छता अभियान के दावों की पोल खोल रहा है। परिसर के चारों ओर नाले जाम पड़े हैं, जिनमें जमा पानी अब सड़कर काला हो चुका है। लेकिन नगर परिषद को न तो नालों से गंदा पानी निकलवाने की चिंता है, और न ही परिसर की सफाई की कोई फिक्र।
कई स्थानों पर जाम नालों के कारण बस स्टैंड परिसर में गंदा पानी बहता रहता है। पानी की निकासी के लिए किसी प्रकार का उपाय न होने के कारण नालों में जगह-जगह ब्लॉकेज हो गया है, जिससे गंदा पानी बह नहीं पा रहा। इस कारण हर समय बदबू उठती रहती है। बस स्टैंड परिसर में दुकानदारों, बस चालकों, खलासियों और यात्रियों को शेड में बैठना तक मुश्किल हो गया है। बिना नाक पर रूमाल रखे वहां कुछ समय के लिए खड़ा होना भी असहनीय हो जाता है।
बस स्टैंड की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है, जबकि इसका संचालन नगर परिषद के अधीन ही हो रहा है। बस चालकों का कहना है कि इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कई बार अनुरोध किया गया, पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
बसों के पीछे हल्का होते हैं लोग:
बस स्टैंड परिसर में सबसे बड़ी समस्या शौचालय की कमी को लेकर है। हालांकि स्टैंड में एक यूरिनल मौजूद है, लेकिन वहां बसें खड़ी रहती हैं, जिससे यात्रियों को इसका पता नहीं चल पाता। टॉयलेट खोजते-खोजते यात्री अक्सर बसों के पीछे ही हल्का होने लगते हैं। यही कारण है कि बसों के पीछे का क्षेत्र सबसे अधिक गंदा रहता है और वहां से उठने वाली बदबू परिसर में मौजूद लोगों को परेशान करती रहती है।
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