प्रखंड क्षेत्र में गोवर्धन पूजा आस्था के साथ धूमधाम से मनाई गई। शुक्रवार को पशुपालकों ने तालाब, जलाशय और नदी घाटों पर जाकर अपने पशुओं को अच्छी तरह से नहलाकर सजाया। उन्होंने पशुओं के शरीर पर रंग-रोगन भी किया। क्षेत्र में कई स्थानों पर घरों की महिलाओं ने आंगन में गाय के गोबर से भगवान श्रीकृष्ण और गाय माता की आकृति बनाकर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और गौ-धन की रक्षा के लिए प्रार्थना की।
इस संबंध में कमलपुर पंचायत के अलता हाट निवासी पंडित भुवनेश्वर कुमार झा ने बताया कि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि गाय उतनी ही पवित्र है जितना कि नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी माना गया है। माता लक्ष्मी जिस प्रकार सुख और समृद्धि प्रदान करती हैं, उसी प्रकार गाय भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती है।
सारस न्यूज़, कोचाधामन, किशनगंज।
प्रखंड क्षेत्र में गोवर्धन पूजा आस्था के साथ धूमधाम से मनाई गई। शुक्रवार को पशुपालकों ने तालाब, जलाशय और नदी घाटों पर जाकर अपने पशुओं को अच्छी तरह से नहलाकर सजाया। उन्होंने पशुओं के शरीर पर रंग-रोगन भी किया। क्षेत्र में कई स्थानों पर घरों की महिलाओं ने आंगन में गाय के गोबर से भगवान श्रीकृष्ण और गाय माता की आकृति बनाकर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और गौ-धन की रक्षा के लिए प्रार्थना की।
इस संबंध में कमलपुर पंचायत के अलता हाट निवासी पंडित भुवनेश्वर कुमार झा ने बताया कि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि गाय उतनी ही पवित्र है जितना कि नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी माना गया है। माता लक्ष्मी जिस प्रकार सुख और समृद्धि प्रदान करती हैं, उसी प्रकार गाय भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती है।
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