किशनगंज शहर के देवघाट खगड़ा में आस्था और श्रद्धा का प्रतीक महापर्व छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया। इस पावन अवसर पर हजारों श्रद्धालु घाट पर एकत्र हुए। व्रतधारियों ने दंड प्रणाम करते हुए घाट तक पहुंचकर भगवान अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया। श्रद्धालुओं की भीड़ से पूरा वातावरण भक्ति और उल्लास से भर गया।
भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से सुरक्षा के कड़े और पुख्ता इंतजाम किए गए थे। अधिकारी स्वयं घाटों पर मौजूद रहे और श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा। जगह-जगह बैरियर, रोशनी और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था की गई थी ताकि कोई अव्यवस्था न हो।
छठ पूजा का महत्व छठ पूजा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जो सूर्य देवता और छठी मैया को समर्पित है। यह पर्व कृतज्ञता, आत्मसंयम और आस्था का प्रतीक माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु कठोर व्रत रखते हैं, बिना अन्न और जल ग्रहण किए अस्ताचलगामी तथा उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह पर्व मुख्यतः बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज शहर के देवघाट खगड़ा में आस्था और श्रद्धा का प्रतीक महापर्व छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया। इस पावन अवसर पर हजारों श्रद्धालु घाट पर एकत्र हुए। व्रतधारियों ने दंड प्रणाम करते हुए घाट तक पहुंचकर भगवान अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया। श्रद्धालुओं की भीड़ से पूरा वातावरण भक्ति और उल्लास से भर गया।
भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से सुरक्षा के कड़े और पुख्ता इंतजाम किए गए थे। अधिकारी स्वयं घाटों पर मौजूद रहे और श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा। जगह-जगह बैरियर, रोशनी और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था की गई थी ताकि कोई अव्यवस्था न हो।
छठ पूजा का महत्व छठ पूजा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जो सूर्य देवता और छठी मैया को समर्पित है। यह पर्व कृतज्ञता, आत्मसंयम और आस्था का प्रतीक माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु कठोर व्रत रखते हैं, बिना अन्न और जल ग्रहण किए अस्ताचलगामी तथा उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह पर्व मुख्यतः बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
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