बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के अंतर्गत मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज में नवप्रवेशित छात्रों के स्वागत में फ्रेशर्स डे समारोह का आयोजन अत्यंत भव्य और उत्साहपूर्वक शिष्टाचार में किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल प्रथम वर्ष के छात्रों का औपचारिक स्वागत करना था, बल्कि उनके बीच आपसी परिचय, सौहार्द और सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा देना भी था।
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के डीन डॉ. वी. पी. सैनी के प्रेरणादायक भाषण से हुई। उन्होंने छात्रों का स्वागत करते हुए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि महाविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाना है, साथ ही उनके सर्वांगीण विकास की दिशा में उन्हें प्रेरित करना भी है। डॉ. वी. पी. सैनी ने छात्रों को आह्वान किया कि वे केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न रहें, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेकर अपने व्यक्तित्व को बहुआयामी रूप दें।
कार्यक्रम के दौरान प्रथम वर्ष के छात्रों ने नृत्य, गीत, कविता एवं अभिनय जैसी रंगारंग प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुतियों ने न केवल मंच को जीवंत कर दिया, बल्कि उनके भीतर छिपी प्रतिभाओं को भी उजागर किया। दूसरी ओर द्वितीय वर्ष के छात्रों ने आयोजन समिति की भूमिका में रहकर पूरे कार्यक्रम का संचालन व व्यवस्थापन अत्यंत व्यवस्थित तरीके से किया, जिससे उनकी जिम्मेदारी एवं नेतृत्व क्षमता का परिचय मिला।
इस समारोह का मंच संचालन द्वितीय वर्ष के छात्रों और महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक भारतेन्दु विमल ने किया। भारतेंदु विमल ने अपने संबोधन में छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वरिष्ठों से मार्गदर्शन लेकर यदि जूनियर छात्र आगे बढ़ें, तो वे अपने आत्मविकास की दिशा में प्रभावी कदम उठा सकते हैं। उन्होंने छात्र जीवन को संभावनाओं से भरपूर एक महत्वपूर्ण यात्रा बताया।
पूरे कार्यक्रम का निर्देशन महाविद्यालय की सांस्कृतिक समिति द्वारा किया गया, जिसमें संयोजन की भूमिका डॉ. अभिमान (प्रभारी), डॉ. भारतेन्दु विमल एवं डॉ. पूजा सकलानी ने निभाई। इनकी समर्पित टीमवर्क ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
फ्रेशर्स डे समारोह ने छात्रों के बीच आपसी मेलजोल को प्रोत्साहित किया, साथ ही उनके भीतर रचनात्मकता, नेतृत्व क्षमता और समूह भावना को भी सुदृढ़ किया। यह आयोजन महाविद्यालय के शैक्षणिक व सांस्कृतिक जीवन का एक प्रेरणादायक अध्याय बनकर उभरा।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के अंतर्गत मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज में नवप्रवेशित छात्रों के स्वागत में फ्रेशर्स डे समारोह का आयोजन अत्यंत भव्य और उत्साहपूर्वक शिष्टाचार में किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल प्रथम वर्ष के छात्रों का औपचारिक स्वागत करना था, बल्कि उनके बीच आपसी परिचय, सौहार्द और सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा देना भी था।
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के डीन डॉ. वी. पी. सैनी के प्रेरणादायक भाषण से हुई। उन्होंने छात्रों का स्वागत करते हुए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि महाविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाना है, साथ ही उनके सर्वांगीण विकास की दिशा में उन्हें प्रेरित करना भी है। डॉ. वी. पी. सैनी ने छात्रों को आह्वान किया कि वे केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न रहें, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेकर अपने व्यक्तित्व को बहुआयामी रूप दें।
कार्यक्रम के दौरान प्रथम वर्ष के छात्रों ने नृत्य, गीत, कविता एवं अभिनय जैसी रंगारंग प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुतियों ने न केवल मंच को जीवंत कर दिया, बल्कि उनके भीतर छिपी प्रतिभाओं को भी उजागर किया। दूसरी ओर द्वितीय वर्ष के छात्रों ने आयोजन समिति की भूमिका में रहकर पूरे कार्यक्रम का संचालन व व्यवस्थापन अत्यंत व्यवस्थित तरीके से किया, जिससे उनकी जिम्मेदारी एवं नेतृत्व क्षमता का परिचय मिला।
इस समारोह का मंच संचालन द्वितीय वर्ष के छात्रों और महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक भारतेन्दु विमल ने किया। भारतेंदु विमल ने अपने संबोधन में छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वरिष्ठों से मार्गदर्शन लेकर यदि जूनियर छात्र आगे बढ़ें, तो वे अपने आत्मविकास की दिशा में प्रभावी कदम उठा सकते हैं। उन्होंने छात्र जीवन को संभावनाओं से भरपूर एक महत्वपूर्ण यात्रा बताया।
पूरे कार्यक्रम का निर्देशन महाविद्यालय की सांस्कृतिक समिति द्वारा किया गया, जिसमें संयोजन की भूमिका डॉ. अभिमान (प्रभारी), डॉ. भारतेन्दु विमल एवं डॉ. पूजा सकलानी ने निभाई। इनकी समर्पित टीमवर्क ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
फ्रेशर्स डे समारोह ने छात्रों के बीच आपसी मेलजोल को प्रोत्साहित किया, साथ ही उनके भीतर रचनात्मकता, नेतृत्व क्षमता और समूह भावना को भी सुदृढ़ किया। यह आयोजन महाविद्यालय के शैक्षणिक व सांस्कृतिक जीवन का एक प्रेरणादायक अध्याय बनकर उभरा।
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