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मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में “आरोग्य दिवस” की बड़ी भूमिका।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।


आम लोगों को जागरूक करने के साथ ही जिले के सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर शुक्रवार को आरोग्य दिवस आयोजित किया गया। जिले के डीआईओ डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में “आरोग्य दिवस” की बड़ी भूमिका है। इससे नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने, पोषण संबंधी जानकारी देने, एएनसी जांच और संस्थागत प्रसव के साथ-साथ परिवार नियोजन संबंधी विभिन्न स्थायी व अस्थायी साधनों के प्रति आम लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जागरूक किया जाता है। आरोग्य दिवस में एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, संबंधित क्षेत्र की जीविका, गांव की महिलाएं, वयस्क व बुजुर्गों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

पांच वर्ष तक के बच्चों का होता है टीकाकरण
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि आरोग्य दिवस पर केंद्र पहुंचने वाली महिलाओं व पांच वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण आसान हो जाता है। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा योग्य दंपतियों को प्रसव के बाद परिवार नियोजन के लिए स्थायी व अस्थायी साधनों की जानकारी देते हुए उन्हें इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। धात्री महिलाओं को भी दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए प्रेरित किया जाता है। संध्या कुमारी ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए प्रसव पूर्व प्रबंधन बहुत जरूरी है। इसके लिए सभी सरकारी अस्पतालों में उचित परामर्श, जांच एवं दवा नि:शुल्क उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि आरोग्य दिवस के दिन सभी एएनएम अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, एनीमिया जांच, टीकाकरण, प्रसव पूर्व तैयारी, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था के अलावा धात्री महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं के लिए स्तनपान कराने के प्रति जागरूक करती हैं।

बच्चों की सुरक्षा हेतु जरूरी है टीकाकरण
डीआईओ डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि नियमित टीकाकरण से बच्चों को चेचक, हेपेटाइटिस जैसी अन्य बीमारियों से बचाया जा सकता है। नियमित टीकाकरण शिशु के लिए बहुत जरूरी है। बच्चों में होने वाली बीमारियों व संक्रमण का असर तेजी से उनके शरीर पर होता है और उनके अंगों को प्रभावित करता है। बीसीजी, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, डीटीपी, रोटा वायरस वैक्सीन, इन्फ्लुएंजा व न्यूमोनिया के लिए टीकाकरण किया जाता है। मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम इसी उद्देश्य के साथ चलाया गया है कि बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण किया जा सके।


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