जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी हो रही है। सदर अस्पताल किशनगंज जल्द ही राष्ट्रीय लक्ष्य (LaQshya) प्रमाणीकरण की पुनः परीक्षा से गुजरने वाला है। इस प्रमाणीकरण का सीधा उद्देश्य है—गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।
दो साल लगातार हासिल की उपलब्धि
पिछले दो वर्षों तक सदर अस्पताल को लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर में उच्च मानकों के कारण राष्ट्रीय प्रमाणीकरण मिल चुका है। यही वजह है कि अब अस्पताल प्रबंधन एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
01 और 02 सितम्बर को होगा मूल्यांकन
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, आगामी 1 और 2 सितम्बर को राज्य स्तर से आए एक्सटर्नल असेसर टीम अस्पताल का निरीक्षण करेगी। इस दौरान साफ-सफाई, संसाधनों का उपयोग, विभागीय कार्य प्रणाली और मरीजों की संतुष्टि जैसी बातों पर विशेष फोकस रहेगा। अस्पताल प्रशासन ने पहले ही सभी खामियों की पहचान कर उन्हें दूर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिला प्रशासन का सहयोग
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा— “लक्ष्य प्रमाणीकरण से गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव और शिशुओं को बेहतर देखभाल की गारंटी मिलती है। यह उपलब्धि केवल अस्पताल ही नहीं, पूरे जिले की पहचान है। जिला प्रशासन अस्पताल टीम के साथ खड़ा है और हर संभव सहयोग देगा।”
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्धता
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया— “यह उपलब्धि जिले की मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊँचाई देगी। लगातार दो वर्षों तक राष्ट्रीय सम्मान मिलना हमारी टीम की मेहनत का परिणाम है। इस बार भी हमारा लक्ष्य है कि किशनगंज को राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलाई जाए।”
अस्पताल प्रबंधन की रणनीति
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने कहा— “हमारी पूरी टीम पूरी गंभीरता और निष्ठा से तैयारी कर रही है। प्रत्येक विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है और प्रतिदिन समीक्षा बैठकें हो रही हैं। मुझे विश्वास है कि हम इस बार भी राष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरेंगे और मरीजों को और भी बेहतर सुविधाएं देंगे।”
गुणवत्ता और निरंतर सुधार पर फोकस
प्रभारी डीक्यूएसी सुमन सिन्हा ने बताया— “लक्ष्य प्रमाणीकरण की विशेषता है निरंतर सुधार। साफ-सफाई, समय पर उपचार, मरीजों का अनुभव और संसाधनों का सही उपयोग—इन्हीं पर हमारा पूरा ध्यान है। हमारी कोशिश है कि निरीक्षण टीम के सामने अस्पताल की हर व्यवस्था उत्कृष्ट साबित हो।”
जनता को होगा लाभ
यह प्रमाणीकरण सिर्फ एक सर्टिफिकेट नहीं, बल्कि हर उस गर्भवती महिला और नवजात शिशु की सुरक्षा का आश्वासन है जो अस्पताल में आता है। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन का साझा उद्देश्य यही है कि किशनगंज सदर अस्पताल राष्ट्रीय स्तर पर एक उदाहरण बने और जिले की जनता को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी हो रही है। सदर अस्पताल किशनगंज जल्द ही राष्ट्रीय लक्ष्य (LaQshya) प्रमाणीकरण की पुनः परीक्षा से गुजरने वाला है। इस प्रमाणीकरण का सीधा उद्देश्य है—गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।
दो साल लगातार हासिल की उपलब्धि
पिछले दो वर्षों तक सदर अस्पताल को लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर में उच्च मानकों के कारण राष्ट्रीय प्रमाणीकरण मिल चुका है। यही वजह है कि अब अस्पताल प्रबंधन एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
01 और 02 सितम्बर को होगा मूल्यांकन
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, आगामी 1 और 2 सितम्बर को राज्य स्तर से आए एक्सटर्नल असेसर टीम अस्पताल का निरीक्षण करेगी। इस दौरान साफ-सफाई, संसाधनों का उपयोग, विभागीय कार्य प्रणाली और मरीजों की संतुष्टि जैसी बातों पर विशेष फोकस रहेगा। अस्पताल प्रशासन ने पहले ही सभी खामियों की पहचान कर उन्हें दूर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिला प्रशासन का सहयोग
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा— “लक्ष्य प्रमाणीकरण से गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव और शिशुओं को बेहतर देखभाल की गारंटी मिलती है। यह उपलब्धि केवल अस्पताल ही नहीं, पूरे जिले की पहचान है। जिला प्रशासन अस्पताल टीम के साथ खड़ा है और हर संभव सहयोग देगा।”
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्धता
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया— “यह उपलब्धि जिले की मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊँचाई देगी। लगातार दो वर्षों तक राष्ट्रीय सम्मान मिलना हमारी टीम की मेहनत का परिणाम है। इस बार भी हमारा लक्ष्य है कि किशनगंज को राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलाई जाए।”
अस्पताल प्रबंधन की रणनीति
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने कहा— “हमारी पूरी टीम पूरी गंभीरता और निष्ठा से तैयारी कर रही है। प्रत्येक विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है और प्रतिदिन समीक्षा बैठकें हो रही हैं। मुझे विश्वास है कि हम इस बार भी राष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरेंगे और मरीजों को और भी बेहतर सुविधाएं देंगे।”
गुणवत्ता और निरंतर सुधार पर फोकस
प्रभारी डीक्यूएसी सुमन सिन्हा ने बताया— “लक्ष्य प्रमाणीकरण की विशेषता है निरंतर सुधार। साफ-सफाई, समय पर उपचार, मरीजों का अनुभव और संसाधनों का सही उपयोग—इन्हीं पर हमारा पूरा ध्यान है। हमारी कोशिश है कि निरीक्षण टीम के सामने अस्पताल की हर व्यवस्था उत्कृष्ट साबित हो।”
जनता को होगा लाभ
यह प्रमाणीकरण सिर्फ एक सर्टिफिकेट नहीं, बल्कि हर उस गर्भवती महिला और नवजात शिशु की सुरक्षा का आश्वासन है जो अस्पताल में आता है। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन का साझा उद्देश्य यही है कि किशनगंज सदर अस्पताल राष्ट्रीय स्तर पर एक उदाहरण बने और जिले की जनता को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।
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