राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पटना के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, किशनगंज के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय, किशनगंज परिसर में शनिवार, 14 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, किशनगंज श्री सुशांत कुमार ने किया। उन्होंने पीठ के सदस्यों एवं अन्य पदाधिकारियों से अपील की कि वे पक्षकारों के हितों को ध्यान में रखते हुए मामलों का निपटारा उदारतापूर्वक और नियमानुसार करें। साथ ही, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री ओम शंकर ने पक्षकारों से शांति और समझौते के माध्यम से अपने-अपने मामलों के निष्पादन में सहयोग करने का आग्रह किया।
लोक अदालत की संरचना और परिणाम
राष्ट्रीय लोक अदालत के आठ पीठों में निम्नलिखित न्यायिक सदस्य शामिल थे:
मनीष कुमार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय
मुक्तेश मनोहर, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी
अपूर्वा नायक, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम
दिव्या अमल, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तृतीय
सुरभित सहाय, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी
इंजमामुल हक, जूनियर डिवीजन प्रथम
रणधीर कुमार, जूनियर डिवीजन द्वितीय
मो. रमिजुर रहमान, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी
गैर-न्यायिक सदस्यों के रूप में पैनल अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई, जिनमें डॉ. बलराम साह, गांधी लाल सिंह, मोनिका प्रसाद, अर्चना मो. अबुलैस सौरी, प्रांजल कुमार वर्मा, हरदेव मंडल और महादेव प्रसाद दिनकर शामिल थे।
इस लोक अदालत में कुल 156 मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें शामिल हैं:
वैवाहिक वाद: 2
दावा वाद: 1 (जिसमें ₹10,00,000 का समझौता हुआ)
आपराधिक शमनीय मामले: 94
विद्युत विभाग के मामले: 59
अतिरिक्त परिणाम:
बैंक ऋण के 593 मामलों में ₹2,53,38,345 का समझौता।
टेलीफोन बिल और वित्तीय कंपनियों के 21 मामलों में ₹53,6392 का समझौता।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में बड़ी संख्या में पक्षकार शामिल हुए। उनके लिए सहायता केंद्रों और प्रत्येक पीठ में एक-एक अधिकार मित्र की व्यवस्था की गई थी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी सक्रिय भूमिका में नजर आए।
कार्यक्रम के दौरान अधिकार मित्र अनीषा कुमारी गुप्ता ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। साथ ही, गैर-सरकारी संगठन घोघारडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ ने प्रवासी मजदूरों के सशक्तिकरण, मानव तस्करी, बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी, महिला उत्पीड़न, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और सुरक्षित पलायन जैसे विषयों पर जागरूकता अभियान चलाया।
इस आयोजन ने न केवल मामलों के निपटान में मदद की, बल्कि कानूनी और सामाजिक मुद्दों पर भी जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पटना के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, किशनगंज के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय, किशनगंज परिसर में शनिवार, 14 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, किशनगंज श्री सुशांत कुमार ने किया। उन्होंने पीठ के सदस्यों एवं अन्य पदाधिकारियों से अपील की कि वे पक्षकारों के हितों को ध्यान में रखते हुए मामलों का निपटारा उदारतापूर्वक और नियमानुसार करें। साथ ही, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री ओम शंकर ने पक्षकारों से शांति और समझौते के माध्यम से अपने-अपने मामलों के निष्पादन में सहयोग करने का आग्रह किया।
लोक अदालत की संरचना और परिणाम
राष्ट्रीय लोक अदालत के आठ पीठों में निम्नलिखित न्यायिक सदस्य शामिल थे:
मनीष कुमार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय
मुक्तेश मनोहर, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी
अपूर्वा नायक, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम
दिव्या अमल, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तृतीय
सुरभित सहाय, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी
इंजमामुल हक, जूनियर डिवीजन प्रथम
रणधीर कुमार, जूनियर डिवीजन द्वितीय
मो. रमिजुर रहमान, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी
गैर-न्यायिक सदस्यों के रूप में पैनल अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई, जिनमें डॉ. बलराम साह, गांधी लाल सिंह, मोनिका प्रसाद, अर्चना मो. अबुलैस सौरी, प्रांजल कुमार वर्मा, हरदेव मंडल और महादेव प्रसाद दिनकर शामिल थे।
इस लोक अदालत में कुल 156 मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें शामिल हैं:
वैवाहिक वाद: 2
दावा वाद: 1 (जिसमें ₹10,00,000 का समझौता हुआ)
आपराधिक शमनीय मामले: 94
विद्युत विभाग के मामले: 59
अतिरिक्त परिणाम:
बैंक ऋण के 593 मामलों में ₹2,53,38,345 का समझौता।
टेलीफोन बिल और वित्तीय कंपनियों के 21 मामलों में ₹53,6392 का समझौता।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में बड़ी संख्या में पक्षकार शामिल हुए। उनके लिए सहायता केंद्रों और प्रत्येक पीठ में एक-एक अधिकार मित्र की व्यवस्था की गई थी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी सक्रिय भूमिका में नजर आए।
कार्यक्रम के दौरान अधिकार मित्र अनीषा कुमारी गुप्ता ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। साथ ही, गैर-सरकारी संगठन घोघारडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ ने प्रवासी मजदूरों के सशक्तिकरण, मानव तस्करी, बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी, महिला उत्पीड़न, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और सुरक्षित पलायन जैसे विषयों पर जागरूकता अभियान चलाया।
इस आयोजन ने न केवल मामलों के निपटान में मदद की, बल्कि कानूनी और सामाजिक मुद्दों पर भी जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
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