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किशनगंज में शुरू हुआ जच्चा-बच्चा किट वितरण अभियान, मातृत्व सुरक्षा की दिशा में नई पहल।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा मां और नवजात की सेहत को ध्यान में रखते हुए किशनगंज में एक नई पहल की शुरुआत की गई है। जच्चा-बच्चा किट वितरण योजना का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी की अगुआई में सदर अस्पताल परिसर में किया गया। इस मौके पर डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. अनवर हुसैन, डीपीएम डॉ. मुनाजिम, डीपीसी विश्वजीत कुमार, स्वास्थ्यकर्मी, स्टाफ नर्सें और लाभार्थी माताएं उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम के दौरान चार माताओं को प्रतीकात्मक रूप से किट प्रदान की गई। सिविल सर्जन ने बताया कि यह योजना जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (JSSK) के अंतर्गत चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देना और नवजात की शुरुआती सेहत को सुनिश्चित करना है।

मां के लिए पोषण और औषधियों का समुचित संयोजन

प्रसव के बाद महिलाओं को ताकत और पोषण की सबसे अधिक जरूरत होती है। इस आवश्यकता को समझते हुए किट में कई पोषक सामग्री दी गई हैं जैसे –
🔹 200 मि.ली. घी
🔹 500 ग्राम चना सत्तू
🔹 3 पैकेट चटनी या पेस्ट
🔹 2 प्रोटीन बार
🔹 350 ग्राम ड्राई फ्रूट मिक्स
🔹 350 ग्राम राइस-खीर प्रीमिक्स

इन सभी पोषक तत्वों से मां को ऊर्जा मिलेगी, दूध उत्पादन में सहायता होगी और उनकी प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होगी।

स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए 13 जरूरी दवाएं

किट में मां के लिए 13 जीवनरक्षक दवाएं शामिल की गई हैं, जिनमें शामिल हैं:
– आयरन, कैल्शियम, विटामिन C और D
– Paracetamol, Ibuprofen (दर्द व बुखार के लिए)
– Drotaverine (पेट दर्द के लिए)
– Lactulose, Rabeprazole (पाचन के लिए)
– Metronidazole, Povidone Iodine, Mupirocin (संक्रमण से सुरक्षा के लिए)

नवजात शिशु के लिए विशेष स्वास्थ्य किट

शिशु के लिए भी किट में चार प्रमुख दवाएं दी गई हैं, जिनमें शामिल हैं:
– Paracetamol Oral Suspension
– Domperidone Oral Liquid
– Normal Saline Nasal Drop
– Vitamin D Drop

ये दवाएं नवजात को शुरुआती स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करती हैं।

मातृत्व को मिले सम्मान, जागरूकता हो जरूरी

डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने कहा कि यह योजना ग्रामीण व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकती है। कई महिलाएं प्रसव के बाद उचित देखभाल के अभाव में जटिलताओं का शिकार होती हैं। यह किट उन्हें स्वास्थ्य एवं पोषण दोनों ही दृष्टिकोण से सुरक्षित बनाएगी।

डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि अब अस्पताल में प्रसव के तुरंत बाद मां और नवजात दोनों को यह किट मिलेगी, जिससे प्रसवोत्तर समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी। इससे ग्रामीण क्षेत्र में संस्थागत प्रसव को भी बढ़ावा मिलेगा।

सामुदायिक भागीदारी से मिलेगी सफलता

कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी कि वे गांव-गांव जाकर महिलाओं को इस योजना की जानकारी दें और उनका लाभ सुनिश्चित करें।

जच्चा-बच्चा किट: एक नई उम्मीद की शुरुआत

यह किट सिर्फ एक पैकेज नहीं, बल्कि मातृत्व और बचपन की सुरक्षा का प्रतीक है। किशनगंज से शुरू हुई यह पहल आने वाले समय में पूरे राज्य में मातृत्व स्वास्थ्य की दिशा में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।


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