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आजादी के सात दशक बाद भी लोगों को नही मिला महानंदा नदी के कटाव से आजादी।

सारस न्यूज़, कोचाधामन (किशनगंज)।

प्रखंड में एक ऐसा ग्राम पंचायत है जहां आजादी के सात दशक बाद भी लोगों को महानंदा नदी के कटाव से निजात नहीं मिली है।बगलबाड़ी पंचायत के नाम से मशहूर इस पंचायत में स्वास्थ्य सेवा समेत कई बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
इस पंचायत के बगलबाड़ी,बस्ताकोला मौजाबाड़ी, हाट टोला बगलबाड़ी,डहुआ ,नेमुआ,बैरबन्ना,बस्ताकोला,चरैया,बारह मसिया गांव वर्षों से महानंदा नदी के कटाव से प्रभावित रहा है।भौगोलिक स्थिति यह है कि पंचायत के अधिकांश गांव टोले महानंदा नदी के किनारे आबाद है।नदी किनारे बसे इन गांव टोले की एक बड़ी आबादी हर साल नदी की त्रासदी झेलते हैं।

बस्ता कोला के मुन्ना सहनी, नौशाद आलम ,बैरबन्ना के शाहजहाॅ, सिंघिया चकनदरा के शीश मुहम्मद,बारहमसिया के विपिन कुमार का कहना है कि महानंदा नदी गांवों से नजदीक होकर बहा रही है।यदि समय रहते पत्थर बांध (स्थाई तटबंध) का निर्माण नहीं कराया गया तो कई गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।उन लोगों का कहना है कि तीन दशक के अंदर सैकड़ों परिवार का घर द्वार नदी कटाव के भेंट चढ़ चुके हैं। रहमतपाड़ा के तनवीर आलम का कहना है कि पंचायत में सरकारी
स्वास्थ्य सेवाओं का दरकार है।बगलबाड़ी हाट टोला में एक उप स्वास्थ्य केंद्र स्थापित तो है लेकिन भवन जर्जर अवस्था में है।पंचायत में पंचायत भवन नहीं है।कई आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन नहीं है। इस संदर्भ में विधायक हाजी इजहार असफी ने कहा कि बगलबाड़ी।

पंचायत में नदी कटाव एक बड़ी समस्या है।इस समस्या से सरकार और विभाग को अवगत कराया गया है।नदी कटाव से बचाव हेतु कई जगहों पर कटाव निरोधक कार्य भी किया गया है।


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