प्रशांत किशोर ने बिहार की जनता को वोट की ताकत का दिलाया एहसास, बोले- आप लोकतंत्र के हनुमान हैं, आप लोगों को अपनी शक्तियों का एहसास नहीं है, आप जिसका बटन दबाइएगा वही राजा बनेगा।
जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अब तक बिहार के 15 जिलों में पदयात्रा पूरी कर ली है। जन सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिलाया। प्रशांत किशोर ने कहा कि कोई एक आदमी बिहार को सुधार नहीं सकता है। अगर बिहार को सुधारना चाहते हैं, तो आपको जगना पड़ेगा। लोग कहते हैं कि हम गरीब आदमी अकेले भला क्या करेंगे, एक आदमी से क्या होगा? आप लोकतंत्र के हनुमान हैं, आप लोगों को अपनी शक्तियों का एहसास नहीं है। आप लोग जिसका बटन दबाइएगा वही राजा बनेगा।
ग्रामीणों से सवाल करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिना आपके बटन दबाए कोई राजा बन सकता है क्या? आप लोगों ने हनुमान जी की तरह अपनी शक्तियों को भुला दिया है। आप लोगों की शक्तियों को याद दिलाने के लिए ही मैंने ये पूरा अभियान शुरू किया है। ये कोई वोट मांगने का अभियान नहीं है। ये अभियान है गांव-गांव जाने का और लोगों के सामने हाथ जोड़कर मैं बता रहा हूं कि अपना नहीं तो अपने बच्चों का चेहरा देखिए। जिस गरीबी-गुरबत में आपकी जिंदगी बीती है, अगर आप अपने बच्चों की जिंदगी को सुधारना चाहते हैं तो जाति से, धर्म से अलग हटकर अपनी शक्ति को पहचानिए। हनुमान बनिए और छलांग लगाकर देखिए, उसी से बिहार का विकास होगा।
सारस न्यूज, किशनगंज।
जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अब तक बिहार के 15 जिलों में पदयात्रा पूरी कर ली है। जन सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिलाया। प्रशांत किशोर ने कहा कि कोई एक आदमी बिहार को सुधार नहीं सकता है। अगर बिहार को सुधारना चाहते हैं, तो आपको जगना पड़ेगा। लोग कहते हैं कि हम गरीब आदमी अकेले भला क्या करेंगे, एक आदमी से क्या होगा? आप लोकतंत्र के हनुमान हैं, आप लोगों को अपनी शक्तियों का एहसास नहीं है। आप लोग जिसका बटन दबाइएगा वही राजा बनेगा।
ग्रामीणों से सवाल करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिना आपके बटन दबाए कोई राजा बन सकता है क्या? आप लोगों ने हनुमान जी की तरह अपनी शक्तियों को भुला दिया है। आप लोगों की शक्तियों को याद दिलाने के लिए ही मैंने ये पूरा अभियान शुरू किया है। ये कोई वोट मांगने का अभियान नहीं है। ये अभियान है गांव-गांव जाने का और लोगों के सामने हाथ जोड़कर मैं बता रहा हूं कि अपना नहीं तो अपने बच्चों का चेहरा देखिए। जिस गरीबी-गुरबत में आपकी जिंदगी बीती है, अगर आप अपने बच्चों की जिंदगी को सुधारना चाहते हैं तो जाति से, धर्म से अलग हटकर अपनी शक्ति को पहचानिए। हनुमान बनिए और छलांग लगाकर देखिए, उसी से बिहार का विकास होगा।
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