किशनगंज के मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में सुरक्षा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। उनका कहना है कि वर्षों से कार्यरत होने के बावजूद वेतन में बढ़ोतरी नहीं हुई है और बुनियादी सुविधाओं जैसे वर्दी, जूता, टोपी और महिला कर्मियों के लिए चेंजिंग रूम की कमी बनी हुई है।
सुरक्षा कर्मियों ने अपनी वेतन संरचना में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि Ex-सर्विसमैन का वेतन ₹20,000 और पीएफ ₹3000 होना चाहिए, जबकि सिविल गार्ड्स के लिए वेतन ₹15,000 और पीएफ ₹1500 निर्धारित किया जाए। इसके अतिरिक्त, मासिक चार दिनों का साप्ताहिक अवकाश भी मांगा गया है।
सुरक्षा कर्मियों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर वे आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे। प्रदर्शन के कारण अस्पताल की व्यवस्थाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी हो रही है।
यह हड़ताल प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन के लिए एक चुनौती बन गई है। अधिकारियों से जल्द समाधान की उम्मीद की जा रही है ताकि अस्पताल की सामान्य सेवाएं बहाल हो सकें।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज के मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में सुरक्षा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। उनका कहना है कि वर्षों से कार्यरत होने के बावजूद वेतन में बढ़ोतरी नहीं हुई है और बुनियादी सुविधाओं जैसे वर्दी, जूता, टोपी और महिला कर्मियों के लिए चेंजिंग रूम की कमी बनी हुई है।
सुरक्षा कर्मियों ने अपनी वेतन संरचना में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि Ex-सर्विसमैन का वेतन ₹20,000 और पीएफ ₹3000 होना चाहिए, जबकि सिविल गार्ड्स के लिए वेतन ₹15,000 और पीएफ ₹1500 निर्धारित किया जाए। इसके अतिरिक्त, मासिक चार दिनों का साप्ताहिक अवकाश भी मांगा गया है।
सुरक्षा कर्मियों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर वे आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे। प्रदर्शन के कारण अस्पताल की व्यवस्थाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी हो रही है।
यह हड़ताल प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन के लिए एक चुनौती बन गई है। अधिकारियों से जल्द समाधान की उम्मीद की जा रही है ताकि अस्पताल की सामान्य सेवाएं बहाल हो सकें।
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