NCD स्क्रीनिंग, टीकाकरण, डिजिटल टूल्स व योजनाओं की गहन समीक्षा; सिविल सर्जन और जिलाधिकारी ने आशा कार्यकर्ताओं का बढ़ाया मनोबल
किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड अंतर्गत चार पंचायतों की सात हेल्थ सब-सेंटर पर कार्यरत एएनएम, आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ताओं के साथ आज एक संयुक्त समीक्षा बैठक सह “आशा दिवस” का आयोजन किया गया। यह बैठक कोचाधामन प्रखंड के अंतर्गत हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने की।
बैठक का उद्देश्य विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करना एवं फील्ड स्तर पर आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना था। बैठक में NCD स्क्रीनिंग (गैर-संचारी रोगों की जांच), आगामी नियमित टीकाकरण (RI) साइटों का सर्वेक्षण एवं वैलिडेशन, HDMP, MR-1 व 2, JE-1 व 2 टीकाकरण अभियानों की स्थिति, परिवार नियोजन कार्यक्रम (FP), m-ASHA ऐप, ASHWIN पोर्टल, RCH (प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य), ANMOL टैब, IDSP (रोग निगरानी कार्यक्रम) तथा मुख्यमंत्री कुष्ठ उज्ज्वला योजना (MKUY) जैसे प्रमुख कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की गई।
सभी आशा कार्यकर्ताओं से आशा वॉर डेटा एकत्र कर योजनागत प्रगति पर चर्चा की गई। साथ ही, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कार्य करते समय आने वाली चुनौतियों पर मार्गदर्शन भी दिया गया। इन प्लेटफॉर्म्स के प्रभावी उपयोग हेतु प्रशिक्षण की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने कहा,
“आशा कार्यकर्ता केवल स्वास्थ्य सेवाओं की वाहक नहीं हैं, बल्कि वे ग्रामीण समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की अग्रणी शक्ति हैं। हमें उन्हें हर स्तर पर सहयोग देना चाहिए ताकि वे और प्रभावशाली ढंग से कार्य कर सकें। उनका सशक्तिकरण, तकनीकी सहयोग और नियमित प्रशिक्षण प्राथमिकता होनी चाहिए।”
जिलाधिकारी श्री विशाल राज ने भी आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका की सराहना करते हुए कहा,
“आशाएं केवल स्वास्थ्य सेवाएं नहीं देतीं, वे ग्रामीण समाज में विश्वास और भरोसे की प्रतीक हैं। उनकी मेहनत और समर्पण से ही सरकार की योजनाएँ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचती हैं। जिला प्रशासन उन्हें तकनीकी संसाधन, प्रशिक्षण और प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
बैठक के अंत में सभी अधिकारियों ने मिलकर आगामी RI माइक्रोप्लान, NCD कैम्प आयोजन, और परिवार नियोजन लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु रूपरेखा तैयार की। साथ ही यह भी आश्वस्त किया गया कि आशा कार्यकर्ताओं को डिजिटल टूल्स के बेहतर उपयोग हेतु विशेष प्रशिक्षण सत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
NCD स्क्रीनिंग, टीकाकरण, डिजिटल टूल्स व योजनाओं की गहन समीक्षा; सिविल सर्जन और जिलाधिकारी ने आशा कार्यकर्ताओं का बढ़ाया मनोबल
किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड अंतर्गत चार पंचायतों की सात हेल्थ सब-सेंटर पर कार्यरत एएनएम, आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ताओं के साथ आज एक संयुक्त समीक्षा बैठक सह “आशा दिवस” का आयोजन किया गया। यह बैठक कोचाधामन प्रखंड के अंतर्गत हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने की।
बैठक का उद्देश्य विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करना एवं फील्ड स्तर पर आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना था। बैठक में NCD स्क्रीनिंग (गैर-संचारी रोगों की जांच), आगामी नियमित टीकाकरण (RI) साइटों का सर्वेक्षण एवं वैलिडेशन, HDMP, MR-1 व 2, JE-1 व 2 टीकाकरण अभियानों की स्थिति, परिवार नियोजन कार्यक्रम (FP), m-ASHA ऐप, ASHWIN पोर्टल, RCH (प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य), ANMOL टैब, IDSP (रोग निगरानी कार्यक्रम) तथा मुख्यमंत्री कुष्ठ उज्ज्वला योजना (MKUY) जैसे प्रमुख कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की गई।
सभी आशा कार्यकर्ताओं से आशा वॉर डेटा एकत्र कर योजनागत प्रगति पर चर्चा की गई। साथ ही, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कार्य करते समय आने वाली चुनौतियों पर मार्गदर्शन भी दिया गया। इन प्लेटफॉर्म्स के प्रभावी उपयोग हेतु प्रशिक्षण की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने कहा,
“आशा कार्यकर्ता केवल स्वास्थ्य सेवाओं की वाहक नहीं हैं, बल्कि वे ग्रामीण समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की अग्रणी शक्ति हैं। हमें उन्हें हर स्तर पर सहयोग देना चाहिए ताकि वे और प्रभावशाली ढंग से कार्य कर सकें। उनका सशक्तिकरण, तकनीकी सहयोग और नियमित प्रशिक्षण प्राथमिकता होनी चाहिए।”
जिलाधिकारी श्री विशाल राज ने भी आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका की सराहना करते हुए कहा,
“आशाएं केवल स्वास्थ्य सेवाएं नहीं देतीं, वे ग्रामीण समाज में विश्वास और भरोसे की प्रतीक हैं। उनकी मेहनत और समर्पण से ही सरकार की योजनाएँ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचती हैं। जिला प्रशासन उन्हें तकनीकी संसाधन, प्रशिक्षण और प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
बैठक के अंत में सभी अधिकारियों ने मिलकर आगामी RI माइक्रोप्लान, NCD कैम्प आयोजन, और परिवार नियोजन लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु रूपरेखा तैयार की। साथ ही यह भी आश्वस्त किया गया कि आशा कार्यकर्ताओं को डिजिटल टूल्स के बेहतर उपयोग हेतु विशेष प्रशिक्षण सत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।
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