कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार और निर्मम हत्या के विरोध में रेडीएंट फार्मासिस्ट इंस्टीट्यूट के छात्रों ने निकाला विरोध मार्च।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार और उसके बाद निर्मम हत्या के विरोध में रेडीएंट फार्मासिस्ट इंस्टीट्यूट के छात्रों ने विरोध मार्च निकाला। शहर के पश्चिमपाली से शुरू हुआ यह मार्च पश्चिमपाली चौक होते हुए चूड़ीपट्टी चौक, भगतटोली रोड से होकर गांधी चौक तक पहुंचा।
विरोध मार्च में शामिल छात्रों ने “हमें न्याय चाहिए,” “हत्यारों को कड़ी सजा दो” जैसे नारे लगाए। संस्था की छात्राओं ने कहा कि जिस प्रकार एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या की गई, वह अत्यंत शर्मनाक है। उन्होंने कहा, “हम इसका विरोध जताते हैं। हम बेटियों के लिए न्याय की मांग करते हैं।”
रेडिएंट के चेयरमैन डॉ. मिसबाहुद्दीन ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को कड़े कानून बनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि “यह घटना किसी के साथ भी घट सकती है और इसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। ऐसे मामलों के खिलाफ प्रभावी कानूनी प्रावधानों को लागू करना न केवल न्याय की सख्ती को सुनिश्चित करेगा, बल्कि समाज में सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करेगा।”
डॉ. मिसबाहुद्दीन ने कहा कि पूरे देश में इस घटना के विरोध में लोगों में काफी आक्रोश है और रेप और हत्या के मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इस दौरान इंस्टीट्यूट के निदेशक अब्दुल्ला अल काफी, प्रिंसिपल डॉ. सुवर्णा गांगुली, वाइस प्रिंसिपल डॉ. जहांगीर आलम, डॉ. इकबाल, डॉ. परवेज आलम सहित शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार और उसके बाद निर्मम हत्या के विरोध में रेडीएंट फार्मासिस्ट इंस्टीट्यूट के छात्रों ने विरोध मार्च निकाला। शहर के पश्चिमपाली से शुरू हुआ यह मार्च पश्चिमपाली चौक होते हुए चूड़ीपट्टी चौक, भगतटोली रोड से होकर गांधी चौक तक पहुंचा।
विरोध मार्च में शामिल छात्रों ने “हमें न्याय चाहिए,” “हत्यारों को कड़ी सजा दो” जैसे नारे लगाए। संस्था की छात्राओं ने कहा कि जिस प्रकार एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या की गई, वह अत्यंत शर्मनाक है। उन्होंने कहा, “हम इसका विरोध जताते हैं। हम बेटियों के लिए न्याय की मांग करते हैं।”
रेडिएंट के चेयरमैन डॉ. मिसबाहुद्दीन ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को कड़े कानून बनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि “यह घटना किसी के साथ भी घट सकती है और इसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। ऐसे मामलों के खिलाफ प्रभावी कानूनी प्रावधानों को लागू करना न केवल न्याय की सख्ती को सुनिश्चित करेगा, बल्कि समाज में सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करेगा।”
डॉ. मिसबाहुद्दीन ने कहा कि पूरे देश में इस घटना के विरोध में लोगों में काफी आक्रोश है और रेप और हत्या के मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इस दौरान इंस्टीट्यूट के निदेशक अब्दुल्ला अल काफी, प्रिंसिपल डॉ. सुवर्णा गांगुली, वाइस प्रिंसिपल डॉ. जहांगीर आलम, डॉ. इकबाल, डॉ. परवेज आलम सहित शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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