टेढागाछ में पुलिस लगातार नशीली पदार्थों के लिए छापेमारी कर रही है। नशीली पदार्थ को लेकर टेढागाछ पुलिस काफी सख्त नजर आ रही है। गुप्त सूचना के आधार पर थानाध्यक्ष धनजी कुमार अन्य पुलिसकर्मियों के साथ थाना क्षेत्र के भोरहा पंचायत के फुलवरिया बाजार में छापेमारी अभियान चलाया गया। लगातार पुलिस की छापेमारी अभियान से नशे के धंधे बाजो में हड़कंप मचा हुआ है।
किशनगंज पुलिस अधीक्षक डॉक्टर इनामुल हक मेगणू के निर्देश पर टेढागाछ पुलिस लगातार एक्शन मूड में दिखाई पड़ रही है। बताया जा रहा है कि नशे के विरुद्ध टेढागाछ पुलिस की1 लगातार चल रही छापेमारी से नशे के सौदागरो में दहशत का माहौल बना हुआ है। थानाध्यक्ष धनजी कुमार ने बताया कि इस तरह के जो भी प्रतिबंधित या अवैध नशे का कारोबार कर रहे हैं। उसके ऊपर टेढागाछ पुलिस लगातार छापेमारी और कार्रवाई कर रही है और ऐसे कारोबारियों पर भी नकेल कसने का काम पुलिस लगातार करेगी। नशा मुक्ति को लेकर थाना क्षेत्र के सभी जगह पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है। नशे के धंधेबाजों को किसी भी सूरत पर बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि साल 2016 में बिहार राज्य में शराबबंदी कानून लागू किया गया था। कानून बने हुए करीब 7 साल बीत चुके हैं, लेकिन राज्य में आज भी शराब या नशीली पदार्थों की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही। नशीले पदार्थ की सेवन से युवा वर्ग का भविष्य खराब हो रहा है।
सारस न्यूज, टेढागछ।
टेढागाछ में पुलिस लगातार नशीली पदार्थों के लिए छापेमारी कर रही है। नशीली पदार्थ को लेकर टेढागाछ पुलिस काफी सख्त नजर आ रही है। गुप्त सूचना के आधार पर थानाध्यक्ष धनजी कुमार अन्य पुलिसकर्मियों के साथ थाना क्षेत्र के भोरहा पंचायत के फुलवरिया बाजार में छापेमारी अभियान चलाया गया। लगातार पुलिस की छापेमारी अभियान से नशे के धंधे बाजो में हड़कंप मचा हुआ है।
किशनगंज पुलिस अधीक्षक डॉक्टर इनामुल हक मेगणू के निर्देश पर टेढागाछ पुलिस लगातार एक्शन मूड में दिखाई पड़ रही है। बताया जा रहा है कि नशे के विरुद्ध टेढागाछ पुलिस की1 लगातार चल रही छापेमारी से नशे के सौदागरो में दहशत का माहौल बना हुआ है। थानाध्यक्ष धनजी कुमार ने बताया कि इस तरह के जो भी प्रतिबंधित या अवैध नशे का कारोबार कर रहे हैं। उसके ऊपर टेढागाछ पुलिस लगातार छापेमारी और कार्रवाई कर रही है और ऐसे कारोबारियों पर भी नकेल कसने का काम पुलिस लगातार करेगी। नशा मुक्ति को लेकर थाना क्षेत्र के सभी जगह पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है। नशे के धंधेबाजों को किसी भी सूरत पर बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि साल 2016 में बिहार राज्य में शराबबंदी कानून लागू किया गया था। कानून बने हुए करीब 7 साल बीत चुके हैं, लेकिन राज्य में आज भी शराब या नशीली पदार्थों की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही। नशीले पदार्थ की सेवन से युवा वर्ग का भविष्य खराब हो रहा है।
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