किशनगंज जिला प्रशासन पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रति गंभीर दिख रहा है। जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर डोंक नदी के किनारे स्थित ओद्रा घाट को विकसित कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
नमामि गंगे योजना के तहत रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की रूपरेखा तैयार कर नगर एवं आवास विभाग को भेज दिया गया है। इसे विकसित करने के लिए 72 करोड़ 46 लाख रुपए का एस्टीमेट बुडको के द्वारा तैयार किया गया है। जिसे डीएम के अनुमोदन के बाद विभाग को भेज दिया गया है। विभाग अनुशंसा कर इस एस्टीमेट को केंद्र सरकार को भेजेगी। नमामि गंगे केंद्र सरकार की योजना है।
इसके साथ साथ सामान्य प्रशासन विभाग ने जिले के 27 स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की सूची सरकार को भेज दिया है। इनमें से कई स्थल प्राचीन और पुरातत्व विभाग के द्वारा भी संकलित है। जिले के कई स्थल महाभारतकालीन रहस्यों से जुड़े हुए है। प्राथमिकता के आधार पर सरकार को इन स्थलों को विकसित करने की अनुशंसा सांसद, विधायक एवं विधान पार्षदों के द्वारा भी किया गया है। डीएम रिवर फ्रंट डेवलपमेंट पर स्वयं नजर रख रहे हैं। ओद्रा काली घाट भ्रमण के समय ही उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस स्थल को विकसित करने की रूपरेखा तैयार करने को कहा था। डीएम के निर्देश पर वन विभाग द्वारा यहां सैंकड़ों पौधा लगाया गया है।
प्राचीन सभ्यताओं से जुड़ी कई प्रतीक आज भी जीर्ण शीर्ण पड़े हैं
जिले में महाभारतकालीन कई अवशेष मिले हैं। स्थानीय लोग भी लगातार प्रशासन एवं सरकार से ऐसे अवशेष को सहेजने एवं इन जगहों को विकसित करने की आवाज उठाते रहे हैं। जिला प्रशासन ने जिले के 27 स्थलों की सूची प्राथमिकता के आधार पर तैयार कर नगर एवं आवास विभाग को भेज दिया है। इन स्थलों में कच्चूदह झील, रमजान नदी, हलामाला स्थित तीन नदियों का संगम, खगड़ा मेला, भीमतकिया, कुकुरबाघी दुर्गामंदिर, भातडाला पोखर, काला सिंघिया अवशेष, गाछपाड़ा नदी संगम, बेनुगढ़ टीला, तेतरिया झील, कदम रसूल, शीतला झील, बडीजान सूर्यमन्दिर, शिव मंदिर दोघरिया, लोहागड़ा हाट, दुर्गापुर पोखर, चिचोरा जंगल, झाला मस्जिद, सागर डाला पोखर, शिव मंदिर ठाकुरगंज, चुरली स्टेट अवशेष, बडीजान गढ़, कन्हैयाजी मंदिर बंदर झूला को शामिल किया गया है।
डोंक नदी का किनारा बनाया जायेगा आकर्षक
नमामि गंगे योजना के तहत ओद्रा काली घाट के पास डोंक नदी के किनारे पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई आकर्षक प्वाइंट का निर्माण किया जाएगा। यहां आधुनिक सुविधाओं से लैस चिल्ड्रेन पार्क, नौका विहार, फाउंटेन सहित लोगों को आकर्षित करने के अन्य साधन भी विकसित किए जाएंगे।नगर एवं आवास विभाग को एस्टीमेट भेज दिया गयाबुडको के सहायक अभियन्ता अयाज अहमद ने कहा कि डीएम के अनुमोदन के बाद योजना से संबंधित सभी तथ्य एवं एस्टीमेट बनाकर नगर एवं आवास विभाग को भेज दिया गया है। अब विभाग इसे केंद्र सरकार को भेजेगी।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
किशनगंज जिला प्रशासन पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रति गंभीर दिख रहा है। जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर डोंक नदी के किनारे स्थित ओद्रा घाट को विकसित कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
नमामि गंगे योजना के तहत रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की रूपरेखा तैयार कर नगर एवं आवास विभाग को भेज दिया गया है। इसे विकसित करने के लिए 72 करोड़ 46 लाख रुपए का एस्टीमेट बुडको के द्वारा तैयार किया गया है। जिसे डीएम के अनुमोदन के बाद विभाग को भेज दिया गया है। विभाग अनुशंसा कर इस एस्टीमेट को केंद्र सरकार को भेजेगी। नमामि गंगे केंद्र सरकार की योजना है।
इसके साथ साथ सामान्य प्रशासन विभाग ने जिले के 27 स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की सूची सरकार को भेज दिया है। इनमें से कई स्थल प्राचीन और पुरातत्व विभाग के द्वारा भी संकलित है। जिले के कई स्थल महाभारतकालीन रहस्यों से जुड़े हुए है। प्राथमिकता के आधार पर सरकार को इन स्थलों को विकसित करने की अनुशंसा सांसद, विधायक एवं विधान पार्षदों के द्वारा भी किया गया है। डीएम रिवर फ्रंट डेवलपमेंट पर स्वयं नजर रख रहे हैं। ओद्रा काली घाट भ्रमण के समय ही उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस स्थल को विकसित करने की रूपरेखा तैयार करने को कहा था। डीएम के निर्देश पर वन विभाग द्वारा यहां सैंकड़ों पौधा लगाया गया है।
प्राचीन सभ्यताओं से जुड़ी कई प्रतीक आज भी जीर्ण शीर्ण पड़े हैं
जिले में महाभारतकालीन कई अवशेष मिले हैं। स्थानीय लोग भी लगातार प्रशासन एवं सरकार से ऐसे अवशेष को सहेजने एवं इन जगहों को विकसित करने की आवाज उठाते रहे हैं। जिला प्रशासन ने जिले के 27 स्थलों की सूची प्राथमिकता के आधार पर तैयार कर नगर एवं आवास विभाग को भेज दिया है। इन स्थलों में कच्चूदह झील, रमजान नदी, हलामाला स्थित तीन नदियों का संगम, खगड़ा मेला, भीमतकिया, कुकुरबाघी दुर्गामंदिर, भातडाला पोखर, काला सिंघिया अवशेष, गाछपाड़ा नदी संगम, बेनुगढ़ टीला, तेतरिया झील, कदम रसूल, शीतला झील, बडीजान सूर्यमन्दिर, शिव मंदिर दोघरिया, लोहागड़ा हाट, दुर्गापुर पोखर, चिचोरा जंगल, झाला मस्जिद, सागर डाला पोखर, शिव मंदिर ठाकुरगंज, चुरली स्टेट अवशेष, बडीजान गढ़, कन्हैयाजी मंदिर बंदर झूला को शामिल किया गया है।
डोंक नदी का किनारा बनाया जायेगा आकर्षक
नमामि गंगे योजना के तहत ओद्रा काली घाट के पास डोंक नदी के किनारे पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई आकर्षक प्वाइंट का निर्माण किया जाएगा। यहां आधुनिक सुविधाओं से लैस चिल्ड्रेन पार्क, नौका विहार, फाउंटेन सहित लोगों को आकर्षित करने के अन्य साधन भी विकसित किए जाएंगे।नगर एवं आवास विभाग को एस्टीमेट भेज दिया गयाबुडको के सहायक अभियन्ता अयाज अहमद ने कहा कि डीएम के अनुमोदन के बाद योजना से संबंधित सभी तथ्य एवं एस्टीमेट बनाकर नगर एवं आवास विभाग को भेज दिया गया है। अब विभाग इसे केंद्र सरकार को भेजेगी।
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