ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में आरटीई एवं विभागीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़े पैमाने पर निजी विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। विभागीय लापरवाही एवं उपेक्षित रवैया के कारण बिना मान्यता के प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा विभाग के सख्त आदेशों के बावजूद भी इस पर विराम नहीं लग पा रहा है। कई स्कूलों ने तो आठवीं तक की मान्यता होने के बाद भी 09वीं से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित कर रखी है। इसके अलावा भी क्षेत्र से बाहर सीबीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालय प्रखंड क्षेत्र के कई अमान्यता प्राप्त विद्यालय के वर्ग 9 के बच्चों का विद्यालय में पंजीकृत करा कर उन्हें सीबीएसई एग्जाम में एपियर करवा रही है। उक्त बातों का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रखंड कुछ प्राइवेट स्कूल जिनके पास न तो सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है और न ही बिहार बोर्ड से तथा न ही इनके पास सीबीएसई और राज्य सरकार के मानक के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर, एरिया व अन्य सुविधाएं हैं और न ही क्वालिटी टीचर है, ऐसे में विद्यालय आखिर किस परिस्थिति में बच्चों का वर्ग नौ में एडमिशन लिए जा रहे हैं, यह जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि अररिया जिले के सीबीएसई स्कूल द्वारा प्रखंड के नॉन एफिलेटेड स्कूल के बच्चों को अपने यहां क्लास टेन में एग्जाम हतु फॉर्म नहीं भरवा रहे हैं। जबकि सीबीएसई एफिलेटेड को सख्त निर्देश हैं कि वह अन्य जगहों के गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों से बच्चें का नामांकन नहीं ले सकते है। उन्हें विधिवत नामांकित लेते हुए अपनी स्कूल में पढ़ाने हैं। पर जिला प्रशासन आखिर ऐसे विद्यालयों पर क्यों नहीं कार्रवाई करती। इन शिक्षा माफियाओं के ऐसे कारनामों का नुकसान सीबीएसई एवं बिहार बोर्ड से अनुबंधित विद्यालयों पर पड़ता है। ठाकुरगंज के कुछ प्राइवेट स्कूल अररिया के कुछ एफिलेटेड स्कूलों के साथ मिलकर वर्षों से ऐसे गलत कार्य करते आ रहे हैं। सीबीएसई को भी ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर उनकी मान्यता को रद्द करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पटना स्थित सीबीएसई के रिजनल पदाधिकारियों से इन विद्यालयों के मान्यता रद्द करने के लिए शिकायत की जाएगी। आवश्यकता पड़ी तो सीबीएसई के चेयरमैन को भी पत्र लिखकर इन बिंदुओं से अवगत कराया जाएगा।
बताते चलें कि शिक्षा विभाग के सख्त आदेशों के बावजूद भी प्रखंड के कई स्कूल संचालकों ने आठवीं तक की मान्यता होने के बाद भी 09वीं से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित कर रखी है। इसके अलावा भी क्षेत्र से बाहर सीबीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालय प्रखंड क्षेत्र के कई अमान्यता प्राप्त विद्यालय के वर्ग 9 के बच्चों का विद्यालय में पंजीकृत कर उन्हें सीबीएसई एग्जाम में एपियर करवा रही है। वहीं विभाग के पास क्षेत्र में इस तरह के फर्जी तरीके से संचालित शिक्षण संस्थाओं की न तो सूची है और न ही ऐसे स्कूलों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जा रही है। जबकि नए सत्र में भी अनेक स्थानों पर फर्जी शिक्षण संस्थाएं खुल रही हैं।
सारस न्यूज, किशनगंज।
ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में आरटीई एवं विभागीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़े पैमाने पर निजी विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। विभागीय लापरवाही एवं उपेक्षित रवैया के कारण बिना मान्यता के प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा विभाग के सख्त आदेशों के बावजूद भी इस पर विराम नहीं लग पा रहा है। कई स्कूलों ने तो आठवीं तक की मान्यता होने के बाद भी 09वीं से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित कर रखी है। इसके अलावा भी क्षेत्र से बाहर सीबीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालय प्रखंड क्षेत्र के कई अमान्यता प्राप्त विद्यालय के वर्ग 9 के बच्चों का विद्यालय में पंजीकृत करा कर उन्हें सीबीएसई एग्जाम में एपियर करवा रही है। उक्त बातों का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रखंड कुछ प्राइवेट स्कूल जिनके पास न तो सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है और न ही बिहार बोर्ड से तथा न ही इनके पास सीबीएसई और राज्य सरकार के मानक के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर, एरिया व अन्य सुविधाएं हैं और न ही क्वालिटी टीचर है, ऐसे में विद्यालय आखिर किस परिस्थिति में बच्चों का वर्ग नौ में एडमिशन लिए जा रहे हैं, यह जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि अररिया जिले के सीबीएसई स्कूल द्वारा प्रखंड के नॉन एफिलेटेड स्कूल के बच्चों को अपने यहां क्लास टेन में एग्जाम हतु फॉर्म नहीं भरवा रहे हैं। जबकि सीबीएसई एफिलेटेड को सख्त निर्देश हैं कि वह अन्य जगहों के गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों से बच्चें का नामांकन नहीं ले सकते है। उन्हें विधिवत नामांकित लेते हुए अपनी स्कूल में पढ़ाने हैं। पर जिला प्रशासन आखिर ऐसे विद्यालयों पर क्यों नहीं कार्रवाई करती। इन शिक्षा माफियाओं के ऐसे कारनामों का नुकसान सीबीएसई एवं बिहार बोर्ड से अनुबंधित विद्यालयों पर पड़ता है। ठाकुरगंज के कुछ प्राइवेट स्कूल अररिया के कुछ एफिलेटेड स्कूलों के साथ मिलकर वर्षों से ऐसे गलत कार्य करते आ रहे हैं। सीबीएसई को भी ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर उनकी मान्यता को रद्द करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पटना स्थित सीबीएसई के रिजनल पदाधिकारियों से इन विद्यालयों के मान्यता रद्द करने के लिए शिकायत की जाएगी। आवश्यकता पड़ी तो सीबीएसई के चेयरमैन को भी पत्र लिखकर इन बिंदुओं से अवगत कराया जाएगा।
बताते चलें कि शिक्षा विभाग के सख्त आदेशों के बावजूद भी प्रखंड के कई स्कूल संचालकों ने आठवीं तक की मान्यता होने के बाद भी 09वीं से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित कर रखी है। इसके अलावा भी क्षेत्र से बाहर सीबीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालय प्रखंड क्षेत्र के कई अमान्यता प्राप्त विद्यालय के वर्ग 9 के बच्चों का विद्यालय में पंजीकृत कर उन्हें सीबीएसई एग्जाम में एपियर करवा रही है। वहीं विभाग के पास क्षेत्र में इस तरह के फर्जी तरीके से संचालित शिक्षण संस्थाओं की न तो सूची है और न ही ऐसे स्कूलों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जा रही है। जबकि नए सत्र में भी अनेक स्थानों पर फर्जी शिक्षण संस्थाएं खुल रही हैं।
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