गत 13 जनवरी को बिहार नगर पालिका अध्यादेश में संशोधन कर जनता के द्वारा वोटिंग से नगर पंचायत ठाकुरगंज में मुख्य पार्षद एवं उपमुख्य पार्षद चुने जाने पर मुहर लगने के बाद जनप्रतिनिधियों के बीच चहल-पहल तेज हो गई है। खासकर मुख्य पार्षद एवं उपमुख्य पार्षद पद के लिए अब कई लोग अपनी किस्मत आजमाने की सोचने लगे हैं। हालांकि पहले से वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ने का मूड बनाकर बैठे कई लोगों ने नगर पंचायत ठाकुरगंज के मुख्य पार्षद एवं उपमुख्य पार्षद पद का सीधे जनता के द्वारा चुनाव होने के फैसला को देखते हुए वार्ड पार्षद प्रत्याशी के रूप में उतरने से किनारा कर लिया है। ज्ञात हो कि पहले वार्ड पार्षद द्वारा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुने जाने के कारण खरीद-फरोख़त होता था जिसमें वार्ड पार्षदों की काफी पूछ होती थी और दरवाजे के पीछे मोटी रकम की भी पेशकश की जाती थी। अब अध्यादेश में संशोधन से ऐसे खरीद-फरोख्त पर विराम लग जाएगा और जनता सीधे अपने विकास के लिए नगर पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को चुन सकेंगे।
अध्यादेश में संशोधन के बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए अब कई दावेदार सामने आने लगे हैं। लोग अपनी दावेदारी को लेकर ताल ठोकने लगे हैं। इसको लेकर समाज के लोगों से राय विमर्श कर अपनी दावेदारी पेश करने की बात कर रहे हैं। ऐसे लोग धीरे-धीरे सामाजिक कार्य करने में भी आगे बढ़ने व रुचि रखने लगे हैं ताकि जो इतने दिनों से बैठे हुए थे व नगर के लोगों से दूर थे, वे अब नगर के लोगों से जुड़ सके। अपनी दावेदारी पेश करने वाले लोग क्षेत्र के कद्दावर लोगों के पास बैठकर उनसे सलाह लेकर अपनी दावेदारी की बात रख रहे हैं। हालांकि अभी भी लोगों में आरक्षण रोस्टर में बदलाव का संशय बरकरार है। इसलिए लोग खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। दावेदारों को चिंता सता रहा है कि कहीं अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के रोस्टर में बदलाव कर दिया गया तो फिर उसकी परेशानी बढ़ जाएगी। इसलिए भीतरखाने से अभी लोगों को टटोलकर अपनी दावेदारी पेश करने में जुटे हुए हैं। बताते चलें कि वर्ष 2017 में जारी आरक्षण रोस्टर में 12 वार्ड वाले नगर पंचायत ठाकुरगंज मे मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद पद दोनों ही सामान्य कोटा में है।
बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
गत 13 जनवरी को बिहार नगर पालिका अध्यादेश में संशोधन कर जनता के द्वारा वोटिंग से नगर पंचायत ठाकुरगंज में मुख्य पार्षद एवं उपमुख्य पार्षद चुने जाने पर मुहर लगने के बाद जनप्रतिनिधियों के बीच चहल-पहल तेज हो गई है। खासकर मुख्य पार्षद एवं उपमुख्य पार्षद पद के लिए अब कई लोग अपनी किस्मत आजमाने की सोचने लगे हैं। हालांकि पहले से वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ने का मूड बनाकर बैठे कई लोगों ने नगर पंचायत ठाकुरगंज के मुख्य पार्षद एवं उपमुख्य पार्षद पद का सीधे जनता के द्वारा चुनाव होने के फैसला को देखते हुए वार्ड पार्षद प्रत्याशी के रूप में उतरने से किनारा कर लिया है। ज्ञात हो कि पहले वार्ड पार्षद द्वारा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुने जाने के कारण खरीद-फरोख़त होता था जिसमें वार्ड पार्षदों की काफी पूछ होती थी और दरवाजे के पीछे मोटी रकम की भी पेशकश की जाती थी। अब अध्यादेश में संशोधन से ऐसे खरीद-फरोख्त पर विराम लग जाएगा और जनता सीधे अपने विकास के लिए नगर पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को चुन सकेंगे।
अध्यादेश में संशोधन के बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए अब कई दावेदार सामने आने लगे हैं। लोग अपनी दावेदारी को लेकर ताल ठोकने लगे हैं। इसको लेकर समाज के लोगों से राय विमर्श कर अपनी दावेदारी पेश करने की बात कर रहे हैं। ऐसे लोग धीरे-धीरे सामाजिक कार्य करने में भी आगे बढ़ने व रुचि रखने लगे हैं ताकि जो इतने दिनों से बैठे हुए थे व नगर के लोगों से दूर थे, वे अब नगर के लोगों से जुड़ सके। अपनी दावेदारी पेश करने वाले लोग क्षेत्र के कद्दावर लोगों के पास बैठकर उनसे सलाह लेकर अपनी दावेदारी की बात रख रहे हैं। हालांकि अभी भी लोगों में आरक्षण रोस्टर में बदलाव का संशय बरकरार है। इसलिए लोग खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। दावेदारों को चिंता सता रहा है कि कहीं अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के रोस्टर में बदलाव कर दिया गया तो फिर उसकी परेशानी बढ़ जाएगी। इसलिए भीतरखाने से अभी लोगों को टटोलकर अपनी दावेदारी पेश करने में जुटे हुए हैं। बताते चलें कि वर्ष 2017 में जारी आरक्षण रोस्टर में 12 वार्ड वाले नगर पंचायत ठाकुरगंज मे मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद पद दोनों ही सामान्य कोटा में है।
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