फ्री विल बैपटिस्ट सोसाइटी के सौजन्य से मंगलवार को हन्ना प्रोजेक्ट के माध्यम से किसान मित्र पहल कार्यक्रम के तहत ठाकुरगंज नगर व प्रखंड क्षेत्र में धान की खेती को पूरा करने में जरूरतमंद किसानों को मुफ्त ट्रैक्टर जुताई सुविधा उपलब्ध कराई गई। इस संबंध में फ्री विल बैपटिस्ट सोसाइटी के समन्वयक सुभाष दास ने बताया कि मंगलवार से आर्थिक अभाव में धान की खेती में पिछड़ रहे जरूरतमंद किसानों को धान की खेती पूरी करने में मदद करने के लिए किसान मित्र पहल कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
उक्त कार्यक्रम के पहले दिन भोगडावर पंचायत के हजारी गांव एवं नगर पंचायत के निचानबस्ती में 20 से अधिक जरुरतमंद किसानों को मुफ्त ट्रैक्टर जुताई की सुविधा दी गयी। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम एक सप्ताह तक चलेगा। उसके बावजूद भी क्षेत्र में यदि कोई किसान धान की खेती में पिछड़ रहे हैं तो आवश्यकता पड़ने पर निर्धारित समय सीमा को बढ़ाया भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान मित्र पहल कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सीमांत किसानों को सही समय पर धान रोपनी कराकर अच्छी पैदावार में सहायता प्रदान करना है, क्योंकि धान रोपनी समय पर नहीं किए जाने से इसके पैदावार पर प्रभाव पड़ता है और किसान मेहनत करने के बाद भी अच्छी पैदावार लेने से पिछड़ जाते हैं।
सारस न्यूज, किशनगंज।
फ्री विल बैपटिस्ट सोसाइटी के सौजन्य से मंगलवार को हन्ना प्रोजेक्ट के माध्यम से किसान मित्र पहल कार्यक्रम के तहत ठाकुरगंज नगर व प्रखंड क्षेत्र में धान की खेती को पूरा करने में जरूरतमंद किसानों को मुफ्त ट्रैक्टर जुताई सुविधा उपलब्ध कराई गई। इस संबंध में फ्री विल बैपटिस्ट सोसाइटी के समन्वयक सुभाष दास ने बताया कि मंगलवार से आर्थिक अभाव में धान की खेती में पिछड़ रहे जरूरतमंद किसानों को धान की खेती पूरी करने में मदद करने के लिए किसान मित्र पहल कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
उक्त कार्यक्रम के पहले दिन भोगडावर पंचायत के हजारी गांव एवं नगर पंचायत के निचानबस्ती में 20 से अधिक जरुरतमंद किसानों को मुफ्त ट्रैक्टर जुताई की सुविधा दी गयी। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम एक सप्ताह तक चलेगा। उसके बावजूद भी क्षेत्र में यदि कोई किसान धान की खेती में पिछड़ रहे हैं तो आवश्यकता पड़ने पर निर्धारित समय सीमा को बढ़ाया भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान मित्र पहल कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सीमांत किसानों को सही समय पर धान रोपनी कराकर अच्छी पैदावार में सहायता प्रदान करना है, क्योंकि धान रोपनी समय पर नहीं किए जाने से इसके पैदावार पर प्रभाव पड़ता है और किसान मेहनत करने के बाद भी अच्छी पैदावार लेने से पिछड़ जाते हैं।
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