आज महालया है। नवरात्रि की शुरुआत आगामी 26 सितंबर सोमवार से हो रही है। जिसको लेकर शहर के सभी पूजा पंडालों व घरों में तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है। पंडाल व मूर्ति निर्माण करने वाले कारीगर पूरे जोर-शोर से पंडाल व मूर्ति को अंतिम रुप देने में लगे हैं। दुर्गा पूजा को लेकर युवाओं का उत्साह चरम पर है। बताते चलें कि शारदीय नवरात्रि को लेकर 9 दिन भक्त मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना करेंगे।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां की उपासना शुरू की जाती है। शहर में 10 से 12 जगहों पर भव्य पंडाल का निर्माण कर पूरे विधि-विधान के साथ दस दिनों तक मां दुर्गा की अराधना की जाती है।
इसके अलावे चार दर्अजन जगहों पर स्थायी मंदिरों व अस्थायी जगहों पर पंडाल बनाकर दुर्गापूजा का आयोजन किया जाता है। पूजा समितियां अपने-अपने पूजा पंडालों को सुन्दर व आकर्षक बनाने को लेकर कड़ी मेहनत करते दिखे। पूजा पंडालों को दुधिया रौशनी से सजाने को लेकर साज-सज्जा करने वाले लाइट मैन भी जगह-जगह बड़े-बड़े लाइट गेट लगा रहे हैं जो लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहता है।
पुरोहितों के अनुसार इन दस दिनों में अगर पूरे विधि विधान के साथ मां की पूजा की जाए तो भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। दुर्गा पूजा को लेकर बाजारों में उत्साह चरम पर है। बाजार जगमग हो उठा है। कपड़े व जूतों की दुकानों में भीड़ जुटनी शुरु हो गई है। इसके अलावे पूजन सामग्री, मिठाइयों की दुकानें भी विशेष तौर पर ग्राहकों के लिए सजकर तैयार हो गए हैं। बाजार का माहौल भी बदलने लगा है। मुख्य पूजा पंडालों के पास लगातार कार्यकर्ताओं की मंडली जमा होने लगी है।
मूर्तिकार भी दिन रात एक कर मां की प्रतिमा तैयार करने में जुटे हैं। वहीं वैसे पूजा स्थल जहां पहले दिन से ही मां की प्रतिमा स्थापित कर भक्तों के दर्शन के लिए खोल दी जाती है वहां मूर्तिकार दिन रात एक कर प्रतिमा को अंतिम रुप देने में जुटे हैं।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
आज महालया है। नवरात्रि की शुरुआत आगामी 26 सितंबर सोमवार से हो रही है। जिसको लेकर शहर के सभी पूजा पंडालों व घरों में तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है। पंडाल व मूर्ति निर्माण करने वाले कारीगर पूरे जोर-शोर से पंडाल व मूर्ति को अंतिम रुप देने में लगे हैं। दुर्गा पूजा को लेकर युवाओं का उत्साह चरम पर है। बताते चलें कि शारदीय नवरात्रि को लेकर 9 दिन भक्त मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना करेंगे।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां की उपासना शुरू की जाती है। शहर में 10 से 12 जगहों पर भव्य पंडाल का निर्माण कर पूरे विधि-विधान के साथ दस दिनों तक मां दुर्गा की अराधना की जाती है।
इसके अलावे चार दर्अजन जगहों पर स्थायी मंदिरों व अस्थायी जगहों पर पंडाल बनाकर दुर्गापूजा का आयोजन किया जाता है। पूजा समितियां अपने-अपने पूजा पंडालों को सुन्दर व आकर्षक बनाने को लेकर कड़ी मेहनत करते दिखे। पूजा पंडालों को दुधिया रौशनी से सजाने को लेकर साज-सज्जा करने वाले लाइट मैन भी जगह-जगह बड़े-बड़े लाइट गेट लगा रहे हैं जो लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहता है।
पुरोहितों के अनुसार इन दस दिनों में अगर पूरे विधि विधान के साथ मां की पूजा की जाए तो भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। दुर्गा पूजा को लेकर बाजारों में उत्साह चरम पर है। बाजार जगमग हो उठा है। कपड़े व जूतों की दुकानों में भीड़ जुटनी शुरु हो गई है। इसके अलावे पूजन सामग्री, मिठाइयों की दुकानें भी विशेष तौर पर ग्राहकों के लिए सजकर तैयार हो गए हैं। बाजार का माहौल भी बदलने लगा है। मुख्य पूजा पंडालों के पास लगातार कार्यकर्ताओं की मंडली जमा होने लगी है।
मूर्तिकार भी दिन रात एक कर मां की प्रतिमा तैयार करने में जुटे हैं। वहीं वैसे पूजा स्थल जहां पहले दिन से ही मां की प्रतिमा स्थापित कर भक्तों के दर्शन के लिए खोल दी जाती है वहां मूर्तिकार दिन रात एक कर प्रतिमा को अंतिम रुप देने में जुटे हैं।
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