व्यवहार न्यायालय किशनगंज ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) आंदोलन मामले में स्थानीय सांसद डॉ जावेद आजाद सहित कई नेताओं को बरी कर दिया। किशनगंज न्यायालय में सोमवार को कांग्रेस सांसद डा. जावेद आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर, राज्य के मंत्री आलोक मेहता, बंगाल के पूर्व सांसद दीपा दास मुंशी, अमौर विधायक अख्तरुल इमान, किशनगंज विधायक इजहारुल हुसैन, पूर्व विधायक तौसीफ आलम, सहित कई नेता पेश हुए।
बताते चलें कि उक्त मामला 12 अक्टूबर 2011 का है जब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए जमीन आवंटित करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 31 पर धरना प्रदर्शन में ये नेता शरीक हुए थे। जिसके बाद रेल सहित सड़क मार्ग अवरूद्ध करने और अन्य मामलों को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था। वही लंबी सुनवाई के बाद साक्ष्य के अभाव में इन सभी नेताओं को बरी कर दिया गया। न्यायालय द्वारा बरी किए जाने के बाद पूर्व सांसद दीपादास मुंशी ने कहा कि राजनैतिक कारणों से मुकदमा हुआ था और न्यायालय ने सभी को बरी कर दिया है। वहीं अन्य नेताओं ने कहा की माननीय न्यायालय पर हमें विश्वास था और हम सभी आज बरी हो गए है हमारा विश्वास न्यायालय पर और बढ़ा है।
बरी हुए नेताओं में तारिक अनवर, डा. मु. जावेद, दीपा दास मुंशी, करीम चौधरी, अख्तरुल ईमान, तौसीफ़ आलम, फ़ैयाज़ आलम, तनवीर आलम, ज़ाकिर अनवर, गुलाम रब्बानी, आलोक मेहता, इजहारुल हुसैन, हाजी अब्दुल सुब्हान, तौफीक आलम, सफी अहमद नसीम अख्तर, अली इमरान, विक्टर, गुलाम रब्बानी, अबू रेहान, असगर अली, समाले नबी, मो. मुस्तकीम, सरफराज़ खान, अरशद हयात, सहबूल अख्तर, पिंटू चौधरी, गुलाम शाहिद, सरफराज़ फ्राज़ी, मुफ़्ती अतहर जावेद आदि हैं।
सारस न्यूज, किशनगंज।
व्यवहार न्यायालय किशनगंज ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) आंदोलन मामले में स्थानीय सांसद डॉ जावेद आजाद सहित कई नेताओं को बरी कर दिया। किशनगंज न्यायालय में सोमवार को कांग्रेस सांसद डा. जावेद आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर, राज्य के मंत्री आलोक मेहता, बंगाल के पूर्व सांसद दीपा दास मुंशी, अमौर विधायक अख्तरुल इमान, किशनगंज विधायक इजहारुल हुसैन, पूर्व विधायक तौसीफ आलम, सहित कई नेता पेश हुए।
बताते चलें कि उक्त मामला 12 अक्टूबर 2011 का है जब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए जमीन आवंटित करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 31 पर धरना प्रदर्शन में ये नेता शरीक हुए थे। जिसके बाद रेल सहित सड़क मार्ग अवरूद्ध करने और अन्य मामलों को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था। वही लंबी सुनवाई के बाद साक्ष्य के अभाव में इन सभी नेताओं को बरी कर दिया गया। न्यायालय द्वारा बरी किए जाने के बाद पूर्व सांसद दीपादास मुंशी ने कहा कि राजनैतिक कारणों से मुकदमा हुआ था और न्यायालय ने सभी को बरी कर दिया है। वहीं अन्य नेताओं ने कहा की माननीय न्यायालय पर हमें विश्वास था और हम सभी आज बरी हो गए है हमारा विश्वास न्यायालय पर और बढ़ा है।
बरी हुए नेताओं में तारिक अनवर, डा. मु. जावेद, दीपा दास मुंशी, करीम चौधरी, अख्तरुल ईमान, तौसीफ़ आलम, फ़ैयाज़ आलम, तनवीर आलम, ज़ाकिर अनवर, गुलाम रब्बानी, आलोक मेहता, इजहारुल हुसैन, हाजी अब्दुल सुब्हान, तौफीक आलम, सफी अहमद नसीम अख्तर, अली इमरान, विक्टर, गुलाम रब्बानी, अबू रेहान, असगर अली, समाले नबी, मो. मुस्तकीम, सरफराज़ खान, अरशद हयात, सहबूल अख्तर, पिंटू चौधरी, गुलाम शाहिद, सरफराज़ फ्राज़ी, मुफ़्ती अतहर जावेद आदि हैं।
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