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विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में किशनगंज एवं ठाकुरगंज में हेल्दी बेबी शो का आयोजन, माताओं और शिशुओं को किया गया सम्मानित।

सारस न्यूज़, किशनगंज।

किशनगंज, 06 अगस्त।
हर नवजात के जीवन की शुरुआत मां के दूध से होना न केवल पोषण का विषय है, बल्कि यह उसके सम्पूर्ण स्वास्थ्य और जीवन रक्षा की दिशा में पहला सशक्त कदम है। विश्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त) के दौरान किशनगंज जिला स्वास्थ्य समिति एवं आईसीडीएस के संयुक्त तत्वावधान में ठाकुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं किशनगंज पीएचसी में हेल्दी बेबी शो का सफल आयोजन किया गया।

मां का दूध – शिशु की पहली ढाल

कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सकों ने यह स्पष्ट किया कि जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू करने से नवजात की रोग प्रतिरोधक क्षमता में अद्भुत वृद्धि होती है। ठाकुरगंज सीएचसी के प्रभारी डॉ. अख्लाकुर रहमान ने बताया कि स्तनपान में देरी से बच्चों में कुपोषण और संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक सुनील कुमार ने कोलोस्ट्रम (पहला पीला गाढ़ा दूध) को ‘शिशु का पहला टीका’ बताया।

स्वस्थ शिशु, सशक्त समाज – हेल्दी बेबी शो में दिखा उल्लास

हेल्दी बेबी शो में शारीरिक विकास, पोषण स्तर और तंदुरुस्ती के आधार पर बच्चों को चयनित किया गया। ठाकुरगंज से अनम प्रवीण ने प्रथम, देवाशीष ने द्वितीय और विक्की हसदा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं किशनगंज पीएचसी से कुमकुम कुमारी प्रथम, बबीता दास द्वितीय और सिब्बी कुमारी तृतीय स्थान पर रहीं। सभी को उपहार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया, जबकि अन्य प्रतिभागी बच्चों को सांत्वना पुरस्कार स्वरूप पोषण किट व खिलौने भेंट किए गए।

स्वास्थ्य जांच एवं टीकाकरण पर जागरूकता

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि इस कार्यक्रम में शिशुओं की लंबाई, वजन, आयु के अनुपात में विकास की जांच की गई। महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आशिया नूरी ने बताया कि स्तनपान के साथ-साथ समय पर टीकाकरण और पोषण की जानकारी भी माताओं को दी गई, जिससे शिशु के संपूर्ण स्वास्थ्य की नींव मजबूत हो।

सामुदायिक सहयोग से होगा कुपोषण का उन्मूलन

सिविल सर्जन ने यह भी रेखांकित किया कि सामुदायिक भागीदारी से ही स्तनपान जैसे विषयों को व्यापक स्वीकृति मिलेगी। जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू करने से नवजात मृत्यु दर में लगभग 20% तक की कमी लाई जा सकती है। साथ ही, छह महीने तक केवल मां का दूध पिलाने से डायरिया व निमोनिया जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा कई गुना कम हो जाता है।

जिलाधिकारी का संदेश: “प्रत्येक मां को मिले स्तनपान का संबल”

जिलाधिकारी विशाल राज ने अपने संदेश में कहा कि मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य को सुरक्षित करने के लिए स्तनपान अत्यंत आवश्यक है। यह केवल एक पोषण का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को एक स्वस्थ और जागरूक दिशा देने का अभियान है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का प्रयास है कि प्रत्येक मां को इस विषय में समुचित जानकारी मिले और समाज मिलकर स्तनपान को प्राथमिकता दे।


निष्कर्ष

स्तनपान एक सरल प्रक्रिया होते हुए भी जीवनरक्षक प्रभाव रखता है। इसे लेकर सही समय पर सही जानकारी देना, माताओं को प्रोत्साहित करना और समुदाय को इसके महत्व से जोड़ना, आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। जिला स्वास्थ्य समिति का यह अभियान न केवल नवजातों को बेहतर जीवन देने की ओर एक कदम है, बल्कि मातृत्व को भी सुरक्षित और सशक्त करने की दिशा में अनुकरणीय प्रयास है।


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