ठाकुरगंज प्लस टू उच्च विद्यालय इन दिनों उम्मीद और चिंता दोनों का केंद्र बन गया है। विद्यालय में कुल 1146 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं, जिनमें से 105 विद्यार्थी इंटरमीडिएट कक्षा के हैं। कक्षा सातवीं से बारहवीं तक के छात्रों को विभिन्न सेक्शनों में बाँटा गया है, लेकिन कुल 27 कक्षाओं के बावजूद विद्यालय की जर्जर होती इमारत पढ़ाई के मार्ग में बड़ी बाधा बनकर उभरी है।
बरसात के मौसम में टपकती छतों की समस्या आम हो गई है, जिससे छात्रों और शिक्षकों दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पानी भर जाने से कक्षाएं प्रभावित होती हैं और पढ़ाई का माहौल बिगड़ता है।
शिक्षकों की संख्या भी चिंता का विषय है—पूरे विद्यालय में मात्र 9 शिक्षक कार्यरत हैं। ऐसे में एक-एक शिक्षक को कई-कई सेक्शन की जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है, जिससे शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
विद्यालय की स्थिति सुधारने के लिए प्रशासनिक पहल की आवश्यकता है, ताकि बच्चों का भविष्य बेहतर दिशा में आगे बढ़ सके।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
ठाकुरगंज प्लस टू उच्च विद्यालय इन दिनों उम्मीद और चिंता दोनों का केंद्र बन गया है। विद्यालय में कुल 1146 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं, जिनमें से 105 विद्यार्थी इंटरमीडिएट कक्षा के हैं। कक्षा सातवीं से बारहवीं तक के छात्रों को विभिन्न सेक्शनों में बाँटा गया है, लेकिन कुल 27 कक्षाओं के बावजूद विद्यालय की जर्जर होती इमारत पढ़ाई के मार्ग में बड़ी बाधा बनकर उभरी है।
बरसात के मौसम में टपकती छतों की समस्या आम हो गई है, जिससे छात्रों और शिक्षकों दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पानी भर जाने से कक्षाएं प्रभावित होती हैं और पढ़ाई का माहौल बिगड़ता है।
शिक्षकों की संख्या भी चिंता का विषय है—पूरे विद्यालय में मात्र 9 शिक्षक कार्यरत हैं। ऐसे में एक-एक शिक्षक को कई-कई सेक्शन की जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है, जिससे शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
विद्यालय की स्थिति सुधारने के लिए प्रशासनिक पहल की आवश्यकता है, ताकि बच्चों का भविष्य बेहतर दिशा में आगे बढ़ सके।
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