आगामी 12 रबीउल अव्वल के मौके पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी निकाले जाने वाली जुलूस ए मोहम्मदी में डीजे साउंड पर बिल्कुल पाबंदी रहेगी क्योंकि जुलूस ए मोहम्मदी की जुलूस से हमें मुल्क भर में अमन, चैन, शांति का संदेश पहुंचाना पहला मकसद है। उक्त बातें राजद नेता मुश्ताक आलम ने सोमवार को ठाकुरगंज शहर से बिल्कुल सटे पटेसरी पंचायत के तहत जुलूस ए मोहम्मदी की तैयारी की ताल्लुक से जामिया हंफिया गरीब नवाज़ कटहलडांगी के परिसर में रखे गए एक आम बैठक में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि जुलूस में शामिल होने के लिए प्रखंड के अलग अलग हिस्सों से आए हुए अकीदतमंदों के द्वारा कोई ऐसी हरकत या इस्लामी अदब के खिलाफ कोई ऐसी काम नहीं किया जाय कि दूसरे समुदाय के लोगों को कोई तकलीफ़ पहुंचे। वहीं बैठक में मौजूद लोगों में मुफ्ती आफ़ाक आलम, नूरी मस्जिद के खतीब व इमाम हाफिज जुल्फुकार आलम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जुलूस ए मोहम्मदी में ज्यादा से ज्यादा संख्या में आशिके रसुल का शामिल होनी चाहिए जिसके लिए ठाकुरगंज इलाके के आसपास सभी मस्जिदों के इमाम के ज़रिए जुमा के दिन ऐलान किया जाय, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जुलूस के ताल्लुक से ख़बर पहुंच जाय और लोग भारी संख्या में जुलूस में शामिल हो सके। मुखिया प्रतिनिधि दिलशाद राही, पूर्व पैक्स अध्यक्ष मंसूर आलम ने कहां कि जुलूस के दिन जलसाह गाह में साफ सफ़ाई का इंतजाम के साथ साथ दूर दराज से आए हुए मेहमानों के लिए पानी, बैठने का इंतजाम व तबर्रुक का खास इंतजाम किया जायेगा, ताकि मेहमानों को किसी भी तरह का कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।
वहीं जुलूस शहर के नूरी जामा मस्जिद पेट्रोल चौक से मरकजी जामा मस्जिद के रास्ते सुबह 10 बजे निकलेगी, जूलूस के दौरान डीजे साउंड पर पाबंदी, जुलूस के दौरान सिर्फ इस्लामिक नारे, किसी भी तरह का उकसाने वाले नारे नहीं लगाया जाए कि जिससे दूसरे को कोई तकलीफ़ या उनके दिल में कोई ठेस पहुंचे, रास्ते में सजावट, प्रवेश द्वार, नबी की शान में बैनर, पोस्टर, खूबसूरत झालर जगह जगह लगाए जाने वगैरह को लेकर कमिटी की सहमती बनी। इस मौके राजद नेता मुश्ताक आलम, मुफ्ती अतहर जावेद, मौलाना जुनेद आलम, जदयू नेता मौलाना तहसीन रजा, पूर्व उप प्रमुख गुलाम मोहिउद्दीन, जुलूस ए मोहम्मदी कमेटी की अध्यक्ष इफ्तेखार आलम, मौलाना अकमल, हाजी आरिफ़ आलम, मो हारून, मो अफसर, मो शमीम, ताहिर आलम, मुखिया सोहेल उर्फ राजा, समाज सेवी जफीर आलम, मोइनुद्दीन, अलाउद्दीन, हलीम के इलावे दर्जनों उलमाओं के साथ साथ सैकड़ों सियासी गैर सियासी लोग मौजूद रहे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
आगामी 12 रबीउल अव्वल के मौके पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी निकाले जाने वाली जुलूस ए मोहम्मदी में डीजे साउंड पर बिल्कुल पाबंदी रहेगी क्योंकि जुलूस ए मोहम्मदी की जुलूस से हमें मुल्क भर में अमन, चैन, शांति का संदेश पहुंचाना पहला मकसद है। उक्त बातें राजद नेता मुश्ताक आलम ने सोमवार को ठाकुरगंज शहर से बिल्कुल सटे पटेसरी पंचायत के तहत जुलूस ए मोहम्मदी की तैयारी की ताल्लुक से जामिया हंफिया गरीब नवाज़ कटहलडांगी के परिसर में रखे गए एक आम बैठक में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि जुलूस में शामिल होने के लिए प्रखंड के अलग अलग हिस्सों से आए हुए अकीदतमंदों के द्वारा कोई ऐसी हरकत या इस्लामी अदब के खिलाफ कोई ऐसी काम नहीं किया जाय कि दूसरे समुदाय के लोगों को कोई तकलीफ़ पहुंचे। वहीं बैठक में मौजूद लोगों में मुफ्ती आफ़ाक आलम, नूरी मस्जिद के खतीब व इमाम हाफिज जुल्फुकार आलम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जुलूस ए मोहम्मदी में ज्यादा से ज्यादा संख्या में आशिके रसुल का शामिल होनी चाहिए जिसके लिए ठाकुरगंज इलाके के आसपास सभी मस्जिदों के इमाम के ज़रिए जुमा के दिन ऐलान किया जाय, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जुलूस के ताल्लुक से ख़बर पहुंच जाय और लोग भारी संख्या में जुलूस में शामिल हो सके। मुखिया प्रतिनिधि दिलशाद राही, पूर्व पैक्स अध्यक्ष मंसूर आलम ने कहां कि जुलूस के दिन जलसाह गाह में साफ सफ़ाई का इंतजाम के साथ साथ दूर दराज से आए हुए मेहमानों के लिए पानी, बैठने का इंतजाम व तबर्रुक का खास इंतजाम किया जायेगा, ताकि मेहमानों को किसी भी तरह का कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।
वहीं जुलूस शहर के नूरी जामा मस्जिद पेट्रोल चौक से मरकजी जामा मस्जिद के रास्ते सुबह 10 बजे निकलेगी, जूलूस के दौरान डीजे साउंड पर पाबंदी, जुलूस के दौरान सिर्फ इस्लामिक नारे, किसी भी तरह का उकसाने वाले नारे नहीं लगाया जाए कि जिससे दूसरे को कोई तकलीफ़ या उनके दिल में कोई ठेस पहुंचे, रास्ते में सजावट, प्रवेश द्वार, नबी की शान में बैनर, पोस्टर, खूबसूरत झालर जगह जगह लगाए जाने वगैरह को लेकर कमिटी की सहमती बनी। इस मौके राजद नेता मुश्ताक आलम, मुफ्ती अतहर जावेद, मौलाना जुनेद आलम, जदयू नेता मौलाना तहसीन रजा, पूर्व उप प्रमुख गुलाम मोहिउद्दीन, जुलूस ए मोहम्मदी कमेटी की अध्यक्ष इफ्तेखार आलम, मौलाना अकमल, हाजी आरिफ़ आलम, मो हारून, मो अफसर, मो शमीम, ताहिर आलम, मुखिया सोहेल उर्फ राजा, समाज सेवी जफीर आलम, मोइनुद्दीन, अलाउद्दीन, हलीम के इलावे दर्जनों उलमाओं के साथ साथ सैकड़ों सियासी गैर सियासी लोग मौजूद रहे।
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