विश्व गर्भ निरोधक दिवस पर शुक्रवार को जिलेभर में स्वास्थ्य संस्थानों और शैक्षणिक परिसरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर परिवार नियोजन की अहमियत पर जोर देते हुए संदेश दिया गया कि छोटा परिवार केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि शिक्षा, रोजगार और विकास की राह भी आसान बनाता है।
विद्यालयों में चित्रकला प्रतियोगिता
ठाकुरगंज प्रोजेक्ट हाई स्कूल और पोठिया के आदर्श मध्य विद्यालय में छात्राओं ने चित्रकला प्रतियोगिता के माध्यम से परिवार नियोजन का महत्व दर्शाया। बच्चों की कलाकृतियों में “छोटा परिवार, स्वस्थ परिवार” का विचार प्रमुखता से उभरा। प्रतियोगिता में विजेता छात्राओं को स्कूल प्रिंसिपल और प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक ने पुरस्कृत किया। आयोजकों का कहना था कि इस तरह की गतिविधियाँ विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच को दिशा देने के साथ उन्हें सामाजिक मुद्दों से भी जोड़ती हैं।
स्वास्थ्य संस्थानों में परामर्श और वितरण
जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, पीएचसी, सीएचसी और सदर अस्पताल में विशेष शिविर लगाए गए। स्वास्थ्यकर्मियों ने लोगों को अस्थायी गर्भ निरोधक साधनों—जैसे कंडोम, गोलियाँ, इंजेक्शन और आईयूडी—की जानकारी दी और उनका निःशुल्क वितरण किया। इसके अलावा पुरुष व महिला नसबंदी जैसे स्थायी विकल्पों के प्रति भी प्रेरित किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि परिवार नियोजन न केवल जनसंख्या नियंत्रण का उपाय है, बल्कि इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आती है और परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
प्रशासन और चिकित्सकों का संदेश
इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि परिवार नियोजन एक स्वास्थ्य सेवा से आगे बढ़कर समाज को सशक्त बनाने का माध्यम है। छोटा परिवार महिलाओं को जीवन में आगे बढ़ने का अवसर देता है और बच्चों की परवरिश बेहतर होती है। जिला पदाधिकारी विशाल राज ने भी लोगों से परिवार नियोजन अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब परिवार छोटा होगा तो माता-पिता बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसर दे पाएंगे। यही जिले और देश की प्रगति का आधार है।
संस्थाओं की सक्रिय भूमिका
पीएसआई और सिफ़ार जैसी संस्थाओं ने भी इस अभियान में भागीदारी निभाई। ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए शिविरों के जरिये परिवार नियोजन साधनों को उपलब्ध कराया गया और लोगों को अपनी ज़रूरत के अनुसार सही विकल्प चुनने के लिए प्रेरित किया गया।
स्वस्थ समाज की ओर कदम
किशनगंज में हुए इन आयोजनों ने साफ संदेश दिया कि जागरूकता, शिक्षा और सामूहिक प्रयास से ही संतुलित जनसंख्या और खुशहाल समाज की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। छात्रों की भागीदारी, स्वास्थ्य विभाग का सहयोग और प्रशासन की गंभीरता मिलकर इस पहल को और अधिक प्रभावी बना रही है।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
विश्व गर्भ निरोधक दिवस पर शुक्रवार को जिलेभर में स्वास्थ्य संस्थानों और शैक्षणिक परिसरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर परिवार नियोजन की अहमियत पर जोर देते हुए संदेश दिया गया कि छोटा परिवार केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि शिक्षा, रोजगार और विकास की राह भी आसान बनाता है।
विद्यालयों में चित्रकला प्रतियोगिता
ठाकुरगंज प्रोजेक्ट हाई स्कूल और पोठिया के आदर्श मध्य विद्यालय में छात्राओं ने चित्रकला प्रतियोगिता के माध्यम से परिवार नियोजन का महत्व दर्शाया। बच्चों की कलाकृतियों में “छोटा परिवार, स्वस्थ परिवार” का विचार प्रमुखता से उभरा। प्रतियोगिता में विजेता छात्राओं को स्कूल प्रिंसिपल और प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक ने पुरस्कृत किया। आयोजकों का कहना था कि इस तरह की गतिविधियाँ विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच को दिशा देने के साथ उन्हें सामाजिक मुद्दों से भी जोड़ती हैं।
स्वास्थ्य संस्थानों में परामर्श और वितरण
जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, पीएचसी, सीएचसी और सदर अस्पताल में विशेष शिविर लगाए गए। स्वास्थ्यकर्मियों ने लोगों को अस्थायी गर्भ निरोधक साधनों—जैसे कंडोम, गोलियाँ, इंजेक्शन और आईयूडी—की जानकारी दी और उनका निःशुल्क वितरण किया। इसके अलावा पुरुष व महिला नसबंदी जैसे स्थायी विकल्पों के प्रति भी प्रेरित किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि परिवार नियोजन न केवल जनसंख्या नियंत्रण का उपाय है, बल्कि इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आती है और परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
प्रशासन और चिकित्सकों का संदेश
इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि परिवार नियोजन एक स्वास्थ्य सेवा से आगे बढ़कर समाज को सशक्त बनाने का माध्यम है। छोटा परिवार महिलाओं को जीवन में आगे बढ़ने का अवसर देता है और बच्चों की परवरिश बेहतर होती है। जिला पदाधिकारी विशाल राज ने भी लोगों से परिवार नियोजन अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब परिवार छोटा होगा तो माता-पिता बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसर दे पाएंगे। यही जिले और देश की प्रगति का आधार है।
संस्थाओं की सक्रिय भूमिका
पीएसआई और सिफ़ार जैसी संस्थाओं ने भी इस अभियान में भागीदारी निभाई। ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए शिविरों के जरिये परिवार नियोजन साधनों को उपलब्ध कराया गया और लोगों को अपनी ज़रूरत के अनुसार सही विकल्प चुनने के लिए प्रेरित किया गया।
स्वस्थ समाज की ओर कदम
किशनगंज में हुए इन आयोजनों ने साफ संदेश दिया कि जागरूकता, शिक्षा और सामूहिक प्रयास से ही संतुलित जनसंख्या और खुशहाल समाज की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। छात्रों की भागीदारी, स्वास्थ्य विभाग का सहयोग और प्रशासन की गंभीरता मिलकर इस पहल को और अधिक प्रभावी बना रही है।
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