बिहार के सीमांचल क्षेत्र की महत्वपूर्ण और मुस्लिम बहुल मानी जाने वाली ठाकुरगंज विधानसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा उम्मीदवार गोपाल कुमार अग्रवाल ने आरजेडी प्रत्याशी सऊद आलम को 8,822 वोटों के अंतर से पराजित किया। अग्रवाल को 85,243 वोट मिले, जबकि आलम को 76,421 वोटों पर संतोष करना पड़ा।
पिछले चुनावों का समीकरण उलट
ठाकुरगंज में इस बार का चुनाव इसलिए विशेष माना गया क्योंकि यहां 2020 से आरजेडी का मजबूत प्रभाव रहा है।
2020 के चुनाव में सऊद आलम ने बतौर आरजेडी उम्मीदवार गोपाल कुमार अग्रवाल (स्वतंत्र) को 23,887 वोटों से हराया था।
2015 में, जेडीयू के नौशाद आलम ने एलजेपी के टिकट पर लड़ रहे गोपाल कुमार अग्रवाल को 8,087 वोटों से शिकस्त दी थी।
यह रिकॉर्ड दिखाता है कि अग्रवाल के इर्द-गिर्द राजनीतिक समीकरण लगातार बदलते रहे हैं।
इस बार मुकाबला क्यों हुआ रोचक?
इस चुनाव में कई वजहों से मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा—
गोपाल अग्रवाल की जेडीयू से घर वापसी और फिर उनकी भाजपा उम्मीदवारी
जन सुराज और एआईएमआईएम जैसे दलों की एंट्री
सीमावर्ती गांवों, विशेषकर युवाओं में बढ़ी चुनावी सक्रियता
ठाकुरगंज में कुल करीब 2.85 लाख मतदाता पंजीकृत हैं और इस बार महिला वोटरों की भागीदारी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई, जिसने चुनावी माहौल को और गतिशील बनाया।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बिहार के सीमांचल क्षेत्र की महत्वपूर्ण और मुस्लिम बहुल मानी जाने वाली ठाकुरगंज विधानसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा उम्मीदवार गोपाल कुमार अग्रवाल ने आरजेडी प्रत्याशी सऊद आलम को 8,822 वोटों के अंतर से पराजित किया। अग्रवाल को 85,243 वोट मिले, जबकि आलम को 76,421 वोटों पर संतोष करना पड़ा।
पिछले चुनावों का समीकरण उलट
ठाकुरगंज में इस बार का चुनाव इसलिए विशेष माना गया क्योंकि यहां 2020 से आरजेडी का मजबूत प्रभाव रहा है।
2020 के चुनाव में सऊद आलम ने बतौर आरजेडी उम्मीदवार गोपाल कुमार अग्रवाल (स्वतंत्र) को 23,887 वोटों से हराया था।
2015 में, जेडीयू के नौशाद आलम ने एलजेपी के टिकट पर लड़ रहे गोपाल कुमार अग्रवाल को 8,087 वोटों से शिकस्त दी थी।
यह रिकॉर्ड दिखाता है कि अग्रवाल के इर्द-गिर्द राजनीतिक समीकरण लगातार बदलते रहे हैं।
इस बार मुकाबला क्यों हुआ रोचक?
इस चुनाव में कई वजहों से मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा—
गोपाल अग्रवाल की जेडीयू से घर वापसी और फिर उनकी भाजपा उम्मीदवारी
जन सुराज और एआईएमआईएम जैसे दलों की एंट्री
सीमावर्ती गांवों, विशेषकर युवाओं में बढ़ी चुनावी सक्रियता
ठाकुरगंज में कुल करीब 2.85 लाख मतदाता पंजीकृत हैं और इस बार महिला वोटरों की भागीदारी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई, जिसने चुनावी माहौल को और गतिशील बनाया।
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