ठाकुरगंज के एनएच की सड़क इन दिनों कोयला माफियाओं के आतंक के साये में है। पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे गलगलिया थाना क्षेत्र से होकर प्रतिदिन,दिन के उजाले और रात के अंधेरे में,सैकड़ों कोयले से लदी गाड़ियां बिना किसी रोक-टोक के हाईवे पर तेज़ रफ्तार से दौड़ती हैं। न तो परिवहन विभाग इन्हें रोकता है और न ही पुलिस प्रशासन।
सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ महीनों में किशनगंज जिले में एंट्री माफिया काफी सक्रिय हो गए हैं। ये माफिया बिहार सीमा से लेकर बंगाल की सीमा तक गाड़ियों की अवैध एंट्री करवाते हैं। यह अवैध गतिविधि रात के अंधेरे में बड़े पैमाने पर की जाती है,और प्रशासन के नाक के नीचे यह सब होता रहता है।
हाल ही में, मंगलवार की आधी रात को जिला पदाधिकारी विशाल राज ने गलगलिया थाना क्षेत्र के खनन चेक पोस्ट का आधी रात को औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एक घंटे के भीतर 10 से अधिक गाड़ियां जब्त कीं,जो बिहार सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाते हुए बंगाल की सीमा पार कर बिहार में प्रवेश कर रही थीं।
जब एक घंटे में डीएम 10 से अधिक गाड़ियां जब्त कर सकते हैं,तो यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि बंगाल सीमा से बिहार में व बिहार सीमा से बंगाल में प्रवेश करने वाली सैकड़ों गाड़ियां प्रतिदिन अवैध सामग्री लेकर बिहार की सड़कों पर दौड़ रही हैं।इनमें कोयला,गिट्टी,बालू और अन्य सामग्री शामिल है।इन गतिविधियों से बिहार सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने में एंट्री माफियाओं की बड़ी भूमिका है। ये माफिया बंगाल की सीमा से बिहार में गाड़ियों की एंट्री करवा कर उन्हें राष्ट्रीय राजमार्गों पर बिना किसी डर के चलने देते हैं। इसका नतीजा यह है कि किशनगंज जिले के ठाकुरगंज की सड़कें एंट्री माफियाओं के लिए सेफ जोन बन चुकी हैं।
यदि समय रहते इन एंट्री माफियाओं पर सख्ती नहीं की गई, तो आने वाले समय में इनका दबदबा और अधिक बढ़ सकता है। इसका सीधा असर क्षेत्र की विधि-व्यवस्था पर पड़ेगा, और स्थिति गंभीर हो सकती है। प्रशासन को इस समस्या पर जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़ टीम।
ठाकुरगंज के एनएच की सड़क इन दिनों कोयला माफियाओं के आतंक के साये में है। पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे गलगलिया थाना क्षेत्र से होकर प्रतिदिन,दिन के उजाले और रात के अंधेरे में,सैकड़ों कोयले से लदी गाड़ियां बिना किसी रोक-टोक के हाईवे पर तेज़ रफ्तार से दौड़ती हैं। न तो परिवहन विभाग इन्हें रोकता है और न ही पुलिस प्रशासन।
सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ महीनों में किशनगंज जिले में एंट्री माफिया काफी सक्रिय हो गए हैं। ये माफिया बिहार सीमा से लेकर बंगाल की सीमा तक गाड़ियों की अवैध एंट्री करवाते हैं। यह अवैध गतिविधि रात के अंधेरे में बड़े पैमाने पर की जाती है,और प्रशासन के नाक के नीचे यह सब होता रहता है।
हाल ही में, मंगलवार की आधी रात को जिला पदाधिकारी विशाल राज ने गलगलिया थाना क्षेत्र के खनन चेक पोस्ट का आधी रात को औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एक घंटे के भीतर 10 से अधिक गाड़ियां जब्त कीं,जो बिहार सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाते हुए बंगाल की सीमा पार कर बिहार में प्रवेश कर रही थीं।
जब एक घंटे में डीएम 10 से अधिक गाड़ियां जब्त कर सकते हैं,तो यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि बंगाल सीमा से बिहार में व बिहार सीमा से बंगाल में प्रवेश करने वाली सैकड़ों गाड़ियां प्रतिदिन अवैध सामग्री लेकर बिहार की सड़कों पर दौड़ रही हैं।इनमें कोयला,गिट्टी,बालू और अन्य सामग्री शामिल है।इन गतिविधियों से बिहार सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने में एंट्री माफियाओं की बड़ी भूमिका है। ये माफिया बंगाल की सीमा से बिहार में गाड़ियों की एंट्री करवा कर उन्हें राष्ट्रीय राजमार्गों पर बिना किसी डर के चलने देते हैं। इसका नतीजा यह है कि किशनगंज जिले के ठाकुरगंज की सड़कें एंट्री माफियाओं के लिए सेफ जोन बन चुकी हैं।
यदि समय रहते इन एंट्री माफियाओं पर सख्ती नहीं की गई, तो आने वाले समय में इनका दबदबा और अधिक बढ़ सकता है। इसका सीधा असर क्षेत्र की विधि-व्यवस्था पर पड़ेगा, और स्थिति गंभीर हो सकती है। प्रशासन को इस समस्या पर जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
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