ठाकुरगंज प्रखंड के तहत बड़ा जालमिलिक में मंगलवार की देर रात को चौथे वार्षिक दो दिवसीय उर्स रईस उलमा का समापन खतीब व मदीना मस्जिद ठाकुरगंज के इमाम हजरत अल्लामा व मौलाना अमीरुद्दीन की अध्यक्षता में बड़े ही धूमधाम व समारोह के साथ हुआ। जहां इस वर्ष हजारों की संख्या में जायरीन शामिल हुए। इस दौरान अकीदतमंदों ने मुफ्ती रईसुद्दीन का उर्स मुबारक हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर एक ओर जहां जायरीन जियारत करते दिखे, वहीं दूसरी ओर उलमाओं ने जलसा का आयोजन किया और जायरीनों को संबोधित करते हुए ओल्याएं कराम के संबंध में विस्तार से संबोधन किए।
इस अवसर पर उपस्थित उलमाओं ने उर्स के जायरीनों को मौलाना अमीरुद्दीन खतीब व इमाम मदीना मस्जिद ठाकुरगंज समेत अन्य वक्ताओं ने बारी-बारी से अपने संबोधन में ओल्याए कराम के पद और हैसियत पर प्रकाश डाला और कहा कि ईमान की बुनियाद तब तक मजबूत नहीं हो सकती, जब तक उम्मत का रसूलुल्लाह से गहरा रिश्ता नहीं हो जाता। कहा कि हमें पहले अपने बच्चों के ईमान की रक्षा के लिए खास जरूरत है। आज हम जिस स्थिति से गुजर रहे हैं वह किसी से अनजान नहीं है, आज के दौर में हमें गुणवत्तापूर्ण मदरसा स्थापित करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उम्मीद है अल्लाह आप सभी की मदद करेगा। वहीं दूसरी तरफ कोलकाता से आए भारत के मशहूर शायर असद इकबाल और झारखंड के अख्तर काशिफ ने अपने नूरानी अंदाज में अपनी कलाम पेश कर महफिल को खुशनुमा बना दिया। और दर्शकों की जानिब से खूब वाह वाही लूटी। वहीं, उर्स को सफल बनाने में मास्टर तहसीन रजा, सरपंच नासिर हुसैन, राजद नेता मुश्ताक आलम, नजरूल हक, मजहर आलम, मुफ्ती अफाक आलम, मास्टर आजाद व उर्स रईस उलमा के सदस्यों ने अहम भूमिका निभायी। कार्यक्रम का संचालन मुहम्मद मुज़म्मिल हुसैन हमदम और कौनैन रज़ा ने किया।
सारस न्यूज, किशनगंज।
ठाकुरगंज प्रखंड के तहत बड़ा जालमिलिक में मंगलवार की देर रात को चौथे वार्षिक दो दिवसीय उर्स रईस उलमा का समापन खतीब व मदीना मस्जिद ठाकुरगंज के इमाम हजरत अल्लामा व मौलाना अमीरुद्दीन की अध्यक्षता में बड़े ही धूमधाम व समारोह के साथ हुआ। जहां इस वर्ष हजारों की संख्या में जायरीन शामिल हुए। इस दौरान अकीदतमंदों ने मुफ्ती रईसुद्दीन का उर्स मुबारक हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर एक ओर जहां जायरीन जियारत करते दिखे, वहीं दूसरी ओर उलमाओं ने जलसा का आयोजन किया और जायरीनों को संबोधित करते हुए ओल्याएं कराम के संबंध में विस्तार से संबोधन किए।
इस अवसर पर उपस्थित उलमाओं ने उर्स के जायरीनों को मौलाना अमीरुद्दीन खतीब व इमाम मदीना मस्जिद ठाकुरगंज समेत अन्य वक्ताओं ने बारी-बारी से अपने संबोधन में ओल्याए कराम के पद और हैसियत पर प्रकाश डाला और कहा कि ईमान की बुनियाद तब तक मजबूत नहीं हो सकती, जब तक उम्मत का रसूलुल्लाह से गहरा रिश्ता नहीं हो जाता। कहा कि हमें पहले अपने बच्चों के ईमान की रक्षा के लिए खास जरूरत है। आज हम जिस स्थिति से गुजर रहे हैं वह किसी से अनजान नहीं है, आज के दौर में हमें गुणवत्तापूर्ण मदरसा स्थापित करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उम्मीद है अल्लाह आप सभी की मदद करेगा। वहीं दूसरी तरफ कोलकाता से आए भारत के मशहूर शायर असद इकबाल और झारखंड के अख्तर काशिफ ने अपने नूरानी अंदाज में अपनी कलाम पेश कर महफिल को खुशनुमा बना दिया। और दर्शकों की जानिब से खूब वाह वाही लूटी। वहीं, उर्स को सफल बनाने में मास्टर तहसीन रजा, सरपंच नासिर हुसैन, राजद नेता मुश्ताक आलम, नजरूल हक, मजहर आलम, मुफ्ती अफाक आलम, मास्टर आजाद व उर्स रईस उलमा के सदस्यों ने अहम भूमिका निभायी। कार्यक्रम का संचालन मुहम्मद मुज़म्मिल हुसैन हमदम और कौनैन रज़ा ने किया।
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