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रुईधासा के प्रधानाध्यापक पर ग्रामीणों ने वित्तीय एवं शैक्षणिक अनियमितताओं का लगाया आरोप, मुख्यमंत्री से शिकायत।

शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़ टीम।

ठाकुरगंज प्रखंड के उत्क्रमित उच्चतर सह मध्य विद्यालय, रुईधासा के प्रधानाध्यापक जितेंद्र नारायण गणेश पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से डिजिटल माध्यम द्वारा शिकायत की है। ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक पर वित्तीय एवं शैक्षणिक अनियमितताओं का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानाध्यापक जितेंद्र नारायण गणेश न केवल अपने मूल विद्यालय (उत्क्रमित मध्य विद्यालय रुईधासा) बल्कि उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय रुईधासा का भी वित्तीय प्रभार संभाल रहे हैं। दोनों विद्यालयों में उन्होंने विभिन्न योजनाओं के तहत आवंटित राशि का दुरुपयोग किया है।

ग्रामीणों ने उन पर आरोप लगाया कि वे फर्जी अभिश्रव तैयार कर अपने पसंदीदा सदस्यों से अनुमोदन कराते हैं, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करते हैं, और विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारने में रुचि नहीं दिखाते। इसके अलावा, ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रधानाध्यापक विद्यालय में अनुशासनहीनता को बढ़ावा दे रहे हैं, मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़ी कर रहे हैं और मेन्यू का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कक्षा शिक्षकों पर दबाव बनाकर गलत छात्र उपस्थिति दर्ज कराने और अवैध तरीके से चल-अचल संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप लगाया है।ग्रामीणों का कहना है कि जितेंद्र नारायण गणेश हर वर्ष गलत संपत्ति विवरण विभाग को भेजकर गुमराह करते हैं।

उनके खिलाफ जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के कार्यालयों में कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन ठाकुरगंज अंचल प्राथमिक शिक्षक संघ और जिला प्राथमिक शिक्षक संघ, किशनगंज में प्रभावशाली पदधारक होने का लाभ उठाकर वे कार्रवाई से बचते रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि जितेंद्र नारायण गणेश के पूरे सेवाकाल की वित्तीय और शैक्षणिक अनियमितताओं की गहन जांच कराई जाए और उनकी अवैध संपत्तियों की विस्तृत जांच हो। जब इस मामले पर प्रधानाध्यापक जितेंद्र नारायण गणेश से दूरभाष पर बात की गई, तो उन्होंने इन आरोपों को निराधार और सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधि स्कूल के शैक्षणिक कार्य में बाधा डाल रहे हैं और अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत में सैकड़ों फर्जी हस्ताक्षर हैं। जब इस मामले पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनका फोन नॉट रीचेबल बताया गया।

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