किशनगंज के डुमरिया, वार्ड नंबर 30 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती को तिरंगा फहराकर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जीवन कृष्ण सिंह ने की। इस अवसर पर जय बर्मन, विद्युत सिंह, छोटना दास, छोटू, गौतम, लालन दास, विशाल पाल, शशांक सिंह, उत्तम सिंह सहित समस्त वार्डवासी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान नेताजी के जीवन और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया। जीवन कृष्ण सिंह ने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती बोस था। नेताजी के प्रेरणादायक जीवन ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आगे बताया गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पूरे देश में ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। उनके नारे “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशवासियों में देशभक्ति की अलख जगाई थी।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज के डुमरिया, वार्ड नंबर 30 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती को तिरंगा फहराकर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जीवन कृष्ण सिंह ने की। इस अवसर पर जय बर्मन, विद्युत सिंह, छोटना दास, छोटू, गौतम, लालन दास, विशाल पाल, शशांक सिंह, उत्तम सिंह सहित समस्त वार्डवासी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान नेताजी के जीवन और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया। जीवन कृष्ण सिंह ने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती बोस था। नेताजी के प्रेरणादायक जीवन ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आगे बताया गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पूरे देश में ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। उनके नारे “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशवासियों में देशभक्ति की अलख जगाई थी।
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