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विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपति की शान”- सांसद।

सारस न्यूज़, किशनगंज।

किशनगंज- मिशन परिवार विकास अभियान पखवाड़ा के तहत गुरुवार को सदर अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन मेले का आयोजन किया गया। मेले का उद्धघाटन सांसद डॉ. जावेद आलम और सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने किया। मेले को संबोधित करते हुवे सांसद डॉ. जावेद आलम कहा कि मिशन परिवार विकास के तहत मेले में पुरुष और महिला दोनों की सहभागिता होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने ने कहा कि सही उम्र में शादी और पहले और दूसरे बच्चों के बीच सही अंतर ज़रूरी है। सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि आने वालों को परामर्श के साथ निशुल्क गर्भनिरोधक साधनों को उपलब्ध कराया जा रहा है। यहा नसबंदी के अलावा परिवार नियोजन के और भी विकल्प मौजूद हैं। जिन लोगों को जिस भी तरीकों में रूचि है वे उस विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं। मेले में सभी परिवार नियोजन संसाधन का स्टाल लगा कर प्रशिक्षित नर्स लोगों का मागदर्शन प्रदान किया। पिरामल फाउंडेशन के निशांत कुमार ने बताया कि आशा घर-घर जाकर योग्य दंपतियों से मिल कर उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के विषय में जानकारी दे रही है। डीसीएम राजकिरण ने बताया 11 से 30 जुलाई तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। दंपती संपर्क पखवाड़े के दौरान आमजन में जागरूकता लाने के लिए सही उम्र में शादी, शादी के बाद कम से कम 2 साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतराल एवं प्रसव के बाद या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों पर जोर दिया जा रहा है .परिवार नियोजन सेवा सप्ताह के दौरान प्रथम रेफरल इकाइयों में नसबंदी शिविर का आयोजन किया जाएगा। मेले में डीपीएम, डीसीएम, डीडीए, उपाधिक्षक सदर अस्पताल, अस्तपाल प्रबंधक, पीएसआई के अमलेश कुमार, पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि, व अन्य उपस्थित रहे।

क्या है किशनगंज का उपलब्धि

वित्तीय वर्ष- 2023-24 के लिए पुरुष नसबंदी 74, महिला बंध्याकरण-3423 ,आयूसीडी-6454, अंतरा-13211, छाया-40338, ईसीपी०-22458 ओसीपी-46882, कंडोम-349130 की उपलब्धि हासिल किया है

विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य

11 जुलाई ,2024 विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य परिवार नियोजन के महत्व लैंगिक, समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों जैसे विभिन्न जनसंख्या संबंधी मुद्दों पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना है। इसका लक्ष्य जनसंख्या के मुद्दों तथा यह कैसे समग्र विकास योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावित करता है इस पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना है। किशनगंज में परिवार नियोजन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास से सीधे जुड़ा हुआ है। परिवार नियोजन महिलाओं को यह अधिकार देता है कि उनके कब और कितने बच्चे हों। परिवार नियोजन के कई लाभ हैं, जिनमें माता और बच्चों का बेहतर स्वास्थ्य, गरीबी में कमी और बेहतर शिक्षित आबादी शामिल है। गर्भनिरोधक का उपयोग महिलाओं के लिए विशेष रूप से युवा, कम बच्चों वाली महिलाओं, और लड़कियों में गर्भावस्था से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को रोकता है। यह स्वास्थ्य के अलावा कई अन्य लाभ प्रदान करता है जिसमें उच्च शिक्षा के अवसर, महिलाओं का सशक्तिकरण, सतत जनसंख्या वृद्धि, व्यक्तियों और समुदाय के लिए आर्थिक विकास इत्यादि शामिल है। पहला गर्भधारण 20 वर्ष की उम्र मे तथा दो बच्चों मे 3 साल का अंतराल होने से माँ और बच्चों के स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है एवं गर्भनिरोधक के उपयोग से मातृ मृत्यु की संख्या में लगभग 20% से 30% की कमी हो सकती है। सरकार द्वारा राज्य में विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई 2024 एवं परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का(11 जुलाई से 31 जुलाई तक) आयोजन किया जा रहा है जिसका उदेश्य “गर्भावस्था के स्वस्थ समय और अंतराल” को बढ़ावा देना है | गर्भावस्था का स्वास्थ्य समय और अंतराल (HTSP) परिवार नियोजन का एक दृष्टिकोण है जो महिलाओं और परिवारों को गर्भधारण मे देरी, अंतराल या सीमित कर महिलाओं, नवजात शिशुओं, और बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त करने में मदद करता है।

(Healthy Timing and Spacing of Pregnancy ) HTSP के मुख्य संदेश

• 20 साल की उम्र के बाद पहला गर्भधारण
• 2 बच्चों के बीच कम से कम 3 वर्ष का अंतर, और
• गर्भपात के बाद कम से कम 6 महीने का अंतराल है
इस वर्ष पूरे राज्य मे विश्व जनसंख्या दिवस के अंतर्गत लोगों मे HTSP (Healthy Timing and Spacing of Pregnancy ) को लेकर जागरूकता उत्पन्न करना, परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी समुदाय तक पहुंचाना तथा योग्य दंपतियों को इच्छित सेवा यथा काँपर-टी, गर्भनिरोधक-सुई (MPA), महिला बंध्याकरण, पुरुष नसबंदी तथा अन्य अस्थायी गर्भनिरोधक साधन जैसे – गर्भनिरोधक गोली (माल-एन , छाया) और condom की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। अगर आंकड़ों को देखें तो बिहार में प्रजनन उम्र (15-49 वर्ष ) की विवाहित महिलाओं के बीच आधुनिक गर्भनिरोधक का प्रचलन (mCPR) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है (mCPR -NFHS-4 2015-16 में 23.3% से बढ़कर NFHS-5 2019-20 में 44.4% हो गया है)| इन सभी प्रयासों से बिहार सरकार का यह लक्ष्य है की वर्ष 2030 तक mCPR को 65% तक पहुँचाना है।

ज़िला तकनीकी सहायता इकाई – के रूप में पीरामल फाउंडेशन और पीएसआई इंडिया ने ज़िला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिला, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की है; इनमें जिला और प्रखण्ड स्तर पर बैठकों का आयोजन, ई-रिक्शा का संचालन एवं चयनित प्रखंडों के दुर्गम क्षेत्रों तथा उपेक्षित टोलों में ग्राम चौपाल का आयोजन आदि सम्मिलित हैं । ग्राम चौपाल, सामुदायिक स्तर का एक सहयोगात्मक प्रयास है; जिसमें स्वयं सहायता समूह (SHG), पंचायती राज संस्थान (PRI), स्थानीय गैर सरकारी संगठन, स्थानीय मीडिया और FLWs शामिल हैं।इसका उद्देश्य समुदाय में योग्य दम्पत्ति विशेषकर युवा दम्पत्ति के बीच पहले गर्भधारण मे देरी तथा दो बच्चों मे 3 साल का अंतराल के लाभ एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

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