किशनगंज शहर के रोलबाग वार्ड नंबर 30 में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन रविवार को भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का भावपूर्ण वर्णन किया गया। कथा सुनकर सैकड़ों श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे और कई की आंखें नम हो गईं।
जयकारों से गूंजा पंडाल: जैसे ही कथावाचक पंडित दिवाकर मिश्रा ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया, पूरा कथा स्थल “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” और “हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की” के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों के उल्लास और श्रद्धा से वातावरण भक्तिमय हो गया।
जीवंत झांकियां और पुष्प वर्षा: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर कई स्थानों पर मनोहारी झांकियां सजाई गईं। आकर्षक सजावट और रोशनी से पूरा पंडाल दमक उठा। श्रद्धालु झांकियों को देखकर झूम उठे और भगवान श्रीकृष्ण पर पुष्प वर्षा की गई।
प्रवचन का सार: कथावाचक पंडित दिवाकर मिश्रा ने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर पाप और अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान धर्म की स्थापना के लिए अवतार लेते हैं। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण का जन्म केवल एक कथा नहीं, बल्कि यह अधर्म पर धर्म की विजय और सत्य के पुनर्स्थापन का संदेश देता है।
भक्तिपूर्ण माहौल: कथा स्थल पर पूरे दिन भजन-कीर्तन और कृष्ण जन्मोत्सव की बधाइयों का सिलसिला चलता रहा। श्रद्धालुओं ने माखन-मिश्री का प्रसाद ग्रहण किया और नंदोत्सव बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज शहर के रोलबाग वार्ड नंबर 30 में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन रविवार को भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का भावपूर्ण वर्णन किया गया। कथा सुनकर सैकड़ों श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे और कई की आंखें नम हो गईं।
जयकारों से गूंजा पंडाल: जैसे ही कथावाचक पंडित दिवाकर मिश्रा ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया, पूरा कथा स्थल “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” और “हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की” के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों के उल्लास और श्रद्धा से वातावरण भक्तिमय हो गया।
जीवंत झांकियां और पुष्प वर्षा: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर कई स्थानों पर मनोहारी झांकियां सजाई गईं। आकर्षक सजावट और रोशनी से पूरा पंडाल दमक उठा। श्रद्धालु झांकियों को देखकर झूम उठे और भगवान श्रीकृष्ण पर पुष्प वर्षा की गई।
प्रवचन का सार: कथावाचक पंडित दिवाकर मिश्रा ने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर पाप और अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान धर्म की स्थापना के लिए अवतार लेते हैं। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण का जन्म केवल एक कथा नहीं, बल्कि यह अधर्म पर धर्म की विजय और सत्य के पुनर्स्थापन का संदेश देता है।
भक्तिपूर्ण माहौल: कथा स्थल पर पूरे दिन भजन-कीर्तन और कृष्ण जन्मोत्सव की बधाइयों का सिलसिला चलता रहा। श्रद्धालुओं ने माखन-मिश्री का प्रसाद ग्रहण किया और नंदोत्सव बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया।
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